भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से संबंधित जानकारी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जो वर्तमान समय में देश की सबसे बड़ी पार्टियों में से एक है | BJP पार्टी की बात की जाए तो इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है| यह पार्टी आधिकारिक रूप से आजादी के काफी समय बाद बनाई गई | भारतीय जनता पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है| अगर अब बात 2016 से करे तो भारतीय संसद और राज्य विधानसभाओं के प्रतिनिधित्व को देखते हुए, BJP भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है और अगर अब बात प्राथमिक सदस्यता की करे तो यह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है | यदि आप भी BJP पार्टी के बारे में जानना चाहते है तो यहाँ पर बीजेपी का फुल फॉर्म क्या है, बीजेपी का इतिहास और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है और अन्य जानकारी के बारे में बताया जा रहा है |
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बीजेपी (BJP) का फुल फॉर्म
बीजेपी (BJP) का फुल फॉर्म, भारतीय जनता पार्टी (Bharteey Janta Party) है इसका अंग्रेजी में अर्थ “इंडियन पीपुल्स पार्टी” होता है, जो वर्तमान समय में भारत की प्रमुख पार्टियों में से एक है। इस पार्टी का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक रूढ़िवादिता और सम्पूर्ण मानवता के माध्यम से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का दृढ़ता से पालन करना होता है। यह भारत में सक्रिय संगठनों के समूह का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है जिसे ‘संघ परिवार’ भी कहते है। भारतीय जनता पार्टी का प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुख़र्जी को माना जाता है, परन्तु वह जनसंघ पार्टी के अध्यक्ष थे | जनसंघ का ही नाम बाद में बदलकर भारतीय जनता पार्टी रखा गया | अगर इसके आधिकारिक प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात करे तो अटल बिहारी वाजपेयी को माना गया है, क्योंकि जब जनसंघ का नाम भारतीय जनता पार्टी पड़ा तो उसके प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने |
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बीजेपी (BJP) का इतिहास
आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 में की गई । जिसकी नींव जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में रखी गयी थी, पहले भारतीय जनता पार्टी को जनसंघ नाम से जाना जाता था। 1977 के इमरजेंसी के दौर में कई पार्टियों का इसमें विलय हो गया जिसके बाद 1980 में भारतीय जनता पार्टी के रूप में इसका उदय हुआ, जो आज भारत में दिग्गज पार्टियों में से एक है। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना इस प्रकार से की हुई –
भारतीय जनसंघ
जनसंघ पार्टी के नाम से मशहूर भारतीय जनसंघ की स्थापना डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा धर्मनिरपेक्ष राजनीति और राष्ट्रवाद के समर्थन में सन 1951 में की गई। जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) यानि कि आर॰एस॰एस॰ की राजनीतिक शाखा माना जाता था, जिसका उद्देश्य भारत की “हिन्दू” सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करके रखना और कांग्रेस तथा प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू की मुस्लिम और पाकिस्तान को लेकर तुष्टीकरण की नीतियों पर लगाम लगाना था। जनसंघ का चुनाव निशान ‘दीपक’ था |
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जनता पार्टी (1977-80)
सन 1975 में भारत की प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर दिया | जिससे जनसंघ पार्टी ने इसके विरोध में व्यापक प्रदर्शन पूरे देश में शुरू कर दिया | जिसे देखते हुए प्रशासन ने देशभर के हज़ारों कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया। फिर इसके बाद 1977 में देश में आपातकाल ख़त्म हुआ और भारत में आम चुनाव कराये गए। इस चुनाव में सफलता प्राप्त करने के लिए जनसंघ ने भारतीय लोक दल, कांग्रेस (O) और समाजवादी पार्टी के साथ विलय करके जनता पार्टी को बनाया, जिसका मुख्य उद्देश्य चुनावों में इंदिरा गांधी को सियासी मात देना था।
1977 के इन चुनवों में जनता पार्टी को बड़ी सफलता हासिल हुई और मोरारजी देसाई को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। तब पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पं दीन दयाल उपाध्याय थे, उनके 1979 में निधन के उपरांत जनसंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष पं अटल बिहारी बाजपेयी को बनाया गया तथा उन्हें देसाई सरकार में विदेश मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया। लेकिन कुछ समय बाद ही सभी दलों में पद के साझा को लेकर विवाद बढ़ गए | जिससे ढ़ाई वर्ष के बाद ही मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ गया। गठबंधन की सरकार गिरने के बाद 1980 में फिर आम चुनाव करवाये गये।
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भारतीय जनता पार्टी की स्थापना (भाजपा) (1980 से अबतक)
सन 1980 में जनता पार्टी के विघटन के बाद नवनिर्मित पार्टियों में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी उनमें से एक थी। अगर तकनीकी रूप से इस पार्टी की बात की जाए तो जनसंघ का ही दूसरा रूप, भारतीय जनता पार्टी है | भाजपा के दो महत्वपूर्ण शीर्ष नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और एल.के.आडवाणी के राजनीतिक मार्गदर्शन और उनके नेतृत्व से इस पार्टी का गठन किया गया | जिसका प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी को नियुक्त किया गया।
अगर इतिहासकारों की बात करे तो कहते हैं कि जनता पार्टी की सरकार के अंदर गुटीय मतभेदों के बावजूद भी इसके कार्यकाल में आर॰एस॰एस॰ (RSS) का प्रभाव बहुत अधिक देखा गया जिसे 1980 की सांप्रदायिक हिंसा प्रचारित किया गया | भाजपा ने अपने शुरूआती प्रचार में हिन्दू राष्ट्रवाद का रुख व्यापक प्रसार किया, लेकिन भाजपा की यह रणनीति सफल नहीं हो सकी और 1984 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा केवल दो सीटों पर सिमट कर रह गई। इसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या हो गई फिर कांग्रेस ने रिकार्ड सीटों के साथ जीत दर्ज की | इसके बाद भाजपा ने हिंदूवादी नीति अपने और आरएसएस के साथ मिलकर देश में राम मंदिर रथ यात्रा सन 1989 में निकाली जिसका चुनावों में गहरा प्रभाव पड़ा और भाजपा की सीटें 2 से बढ़कर 86 पर पहुँच गई |
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इसके बाद बीजेपी राम मंदिर आन्दोलन करती रही और इसका परिणाम 1999 के चुनावों में देखने को मिला जिसमें भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और गठबंधन की 303 सीटों के साथ बहुमत की सरकार बनाई | यह सरकार पूरे पांच वर्षों तक चली | इसके बाद भाजपा को 2004 और 2009 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा | फिर भाजपा को 2014 के चुनावों में पूर्ण बहुमत (282) मिला, एनडीए (NDA) के एलायंस के साथ 336 के प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई | इसके बाद 2019 के चुनावों में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया | इसबार भाजपा को 303 सीटें मिली और इसके एलायंस को 352 सीटें प्राप्त हुई |
भाजपा (BJP) का चिन्ह
निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी, बीजेपी का चुनाव चिन्ह, “कमल” अनुमोदित किया है। कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है, इसलिए बीजेपी के चुनाव चिन्ह में कई प्रमुख प्रतिरूप माने गए हैं। बीजेपी का चुनाव प्रतीक में कमल के पुष्प का रंग भगवा है, जो भगवा कलर बीजेपी की पहचान बना हुआ है।
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है
भाजपा (BJP) के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी है, और 2014 से अब तक प्रधान मंत्री पद पर नरेंद्र दामोदर दास मोदी है | भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष समय समय पर बदलते रहते है अब तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूची इस प्रकार है –
बीजेपी अध्यक्ष | कार्यकाल |
अटल बिहारी वाजपेयी | 1980 से 1986 |
लालकृष्ण आडवाणी | 1986 से 1991 |
मुरली मनोहर जोशी | 1991 से 1993 |
लालकृष्ण आडवाणी | 1993 से 1998 |
कुशाभाऊ ठाकरे | 1998 से 2000 |
बंगारू लक्ष्मण | 2000 से 2001 |
जेना कृष्णमूर्ति | 2001 से 2002 |
वेंकैया नायडु | 2002 से 2004 |
लालकृष्ण आडवाणी | 2004 से 2006 |
राजनाथ सिंह | 2006 से 2009 |
नितिन गडकरी | 2009 से 2013 |
राजनाथ सिंह | 2013 से 2014 |
अमित शाह | 2014 से अब तक |
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