अटल बिहारी वाजपेयी के विचार
अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्र समर्पित, व्यक्ति समर्पित, कुशल वक्ता के रूप में पहचाने जाते है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में प्रमुख योगदान दिया | उन्हीं के दिशा-निर्देश में भारत एक शक्तिशाली परमाणु सम्पन्न राष्ट्र बना | अटल जी का व्यक्तित्व अद्भुत क्षमताओं से भरा हुआ था, जिसके कारण ही उन्हें देश ओर विदेश के राजनेताओं में एक प्रमुख स्थान प्राप्त होता है, अटल जी बचपन से प्रतिभाओं के धनी थे और उम्र के हर पड़ाव में यह प्रतिभा बढ़ती गयी, आज हम आपको इस पेज पर अटल बिहारी वाजपेयी जी की विशेषताओं के बारे में जानते है, जिनके कारण वह एक भारत के महान व्यक्तित्व बने |
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उदारवादी व्यक्तित्व
अटल बिहारी वाजपेयी एक उदारवादी व्यक्तित्व के धनी थे, इन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कश्मीर से लेकर पाकिस्तान तक बात-चीत करने का निर्णय लिया और लाहौर बस यात्रा की शुरुआत की | लोगों द्वारा अटल जी के अलगाववादियों से बातचीत करने पर प्रश्न किया जाने लगा कि, वह संविधान के दायरे में अलगाववादियों से बातचीत करेंगे ? तो उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर दिया कि, बातचीत इंसानियत के दायरे में होगी |
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विरोधियों को साथ लेकर चलना
अटल बिहारी वाजपेयी को एक ऐसे नेता के रूप में मान्यता दी गयी, जो अपने विपिरीत विचारधारा के व्यक्तियों को एक साथ लेकर चल सकते थे, उन्होंने उन दलों के साथ गठबंधन किया जो, उनके बिलकुल विपरीत रहते थे, वह विपक्षी पार्टियों के नेताओं की आलोचना करते थे और साथ ही वह अपनी आलोचना भी बहुत ध्यान से सुनते थे, इस तरह विरोधी दल भी उनकी बात को बहुत ही ध्यान से सुनते थे |
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हिंदी प्रेम
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने हिंदी को विश्वस्तर पर सम्मान दिलाने का प्रथम प्रयास किया | वर्ष 1977 में वह जनता सरकार में विदेश मंत्री थे, उस समय उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया, जो काफी लोकप्रिय हुआ, अटल जी के शब्दों के चुनाव पर संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर वाजपेयी के लिए तालियां बजाईं थीं | इसके बाद उन्होंने अनेक बार अतर्राष्ट्रीय मंच पर हिंदी भाषा में भाषण दिया, जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया |
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कुशल वक्ता
अटल जी को शब्दों का जादूगर माना जाता था, विरोधी दल के नेता भी उनकी वाकपटुता और तर्कों के आगे नतमस्तक हो जाते थे, वर्ष 1994 में कांग्रेस सरकार ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का पक्ष रखने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी अटल जी प्रदान की गयी | यह विश्व में अनोखा उदाहारण था, जब किसी विपक्षी नेता को इतना महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया हो |
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भयभीत न होना
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अटल जी भारत को एक शक्तिशाली देश के रूप में देखना चाहते थे, वह किसी भी हालत में किसी दूसरे राष्ट्र के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं थे, इसलिए उन्होंने परमाणु परीक्षण करने का निर्णय लिया | इस पर भारत की विदेशी देशों के द्वारा निगरानी भी की गयी, परन्तु बहुत ही गुप्त तरीके से पोखरण परमाणु परीक्षण किया गया, जिसकी जानकारी विश्व को बाद में हुई, परीक्षण के कारण भारत पर कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगाए गए, परन्तु अटल जी की निडरता के कारण यह मिशन सफल हुआ और भारत एक परमाणु शक्ति के रूप में विश्व में अपनी पहचान बना सका और विकास का मार्ग पर आगे बढ़ सका |
यहाँ पर हमनें आपको अटल बिहारी वाजपेयी जी की विशेषताओं के बारे में बताया, जिसे पढ़कर आप यह अनुमान लगा सकते है, कि वास्तव में वह बेहद खास व्यक्ति थे | यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
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