अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न
भारत रत्न देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, जिसे देश में राष्ट्रीय सेवा करने के लिए प्रदान किया जाता है | अटल बिहारी वाजपेयी जी को यह सम्मान 25 दिसंबर 2014 को उनके जन्म दिवस के अवसर पर देने की घोषणा की गयी थी | 27 मार्च 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके आवास पर जाकर उन्हें देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान प्रदान किया, देश में यह प्रथम बार हुआ जब राष्ट्रपति स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी जी के आवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया | अटल बिहारी वाजपेयी भारत रत्न कब मिला ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |
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भारत रत्न पुरुस्कार
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, यह पुरस्कार राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है | इस पुरुस्कार की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी, इसकी स्थापना भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा० राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी, इस पुरस्कार को नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता, पुरस्कार स्थापना के समय इसे मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, परन्तु यह प्रावधान वर्ष 1955 में जोड़ा गया, एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न प्रदान किया जा सकता है |
पदक
भारत रत्न में जो पदक दिया जाता है, उसमे तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना रहता है, इसके नीचे चाँदी में “भारत रत्न” लिखा रहता है, इसको सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है |
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अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न
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1.अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न 27 मार्च 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा उनके आवास पर दिया गया, यह पुरुस्कार उनको ऐसे समय दिया गया, जब वह किसी भी प्रकार के सम्मान को नहीं पहचान सकते थे, उस समय उनके कक्ष को किसी भी संभावित विषाणुओं से मुक्त रखने के लिए सख्त नियम लागू थे, उनके पास केवल नर्सिंग स्टाफ को जाने की अनुमति प्रदान की गयी थी |
2.उस समय उनका स्वास्थ्य बहुत ही ख़राब था, जिस कारण किसी भी वीवीआईपी तक को वहां आने की इजाजत नहीं दी गयी थी, जिस कारण उस समय उनके किसी भी फोटो को सार्वजनिक नहीं किया जा सका था |
3.अटल बिहारी वाजपेयी के मीडिया सलाहकार रहे वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन के अनुसार वाजपेयी जी को प्रधान मंत्री पद पर रहते हुए भारत रत्न से सम्मानित करने को कहा गया, जिसे वाजपेयी जी ने मना कर दिया, उन्होंने कहा कि “यह उचित नहीं लगता कि अपनी सरकार में खुद को ही सम्मानित किया जाए” | इससे पहले जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी नें प्रधानमंत्री रहते हुए स्वयं को भारत रत्न दिलवाया था |
4.उनके वरिष्ठ मंत्रियों ने योजना बनाई कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी किसी विदेश यात्रा पर जाएं तब उनकी अनुपस्थिति में भारत सरकार उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करे, परन्तु वाजपेयी जी को इसकी जानकारी हो गयी | उन्होंने इसके लिए सख्त निर्देश देकर इसे मना कर दिया |
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भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र के रूप में अटल जी का सहयोग
भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाने में अटल बिहारी वाजपेयी जी का बहुत ही सहयोग था, उन्होंने देश के राजनीतिक दबाव और विदेशी दबाव के बावजूद 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण करके भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप पहचान दिलाई, परमाणु शक्ति परीक्षण के कारण भारत पर अमेरिका के द्वारा कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगाए गए, जिसकी परवाह किये बिना, भारत अपने विकास की ओर बढ़ता रहा |
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