महात्मा गांधी के राजनीतिक, अध्यात्मिक गुरु
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में महात्मा गाँधी जी का अत्यधिक योगदान है, उन्होंने ने सम्पूर्ण भारत की जनता के अंदर देश के लिए समर्पण की भावना उत्पन्न की, जिससे प्रभावित होकर भारतीय जनता गाँधी जी के बताये हुए मार्ग पर चल कर भारत को आजादी प्राप्त हुई | गाँधी जी नें जीवन भर अहिंसा के धर्म का पालन किया | गाँधी जी का सबसे बड़ा शस्त्र अहिंसा ही था, जिसके आगे अंग्रेजों को झुकना पड़ा, और भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई | इस पेज पर आपको गाँधी जी के राजनीतिक, अध्यात्मिक गुरु और विचारो के बारे में विस्तार से बता रहे है |
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महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु
महात्मा गांधी जी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले जी थे | इनको राजनीति में बहुत ही अच्छा अनुभव था, वह हर बात की गहराई में जाकर उस पर विचार करते थे | इन्होंने ही महात्मा गाँधी जी को भारत की राजनीति के विषय में सही ज्ञान कराया था |
- गोपाल कृष्ण गोखले जी का जन्म 9 मई 1866 को महाराष्ट्र राज्य के कोहट नामक स्थान पर हुआ था, उनके पिता कृष्ण राव पेशे से क्लर्क थे |
- गोपाल कृष्ण गोखले जी पढ़ाई में बहुत ही अच्छे थे, उनके अच्छे अंकों के देखकर कर सरकार उन्हें 20 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करती थी |
- वह भारतीय शिक्षा को विस्तार देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी की स्थापना की थी |
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महात्मा गांधी के अध्यात्मिक गुरु
महात्मा गांधी जी के जीवन पर श्रीमद राजचंद्र (रामचंद्र) जी का बहुत ही गहरा प्रभाव था | गाँधी जी अपने जीवन में हुए बदलाव का मुख्य कारण श्रीमद राजचंद्र को ही मानते थे |
श्रीमद राजचंद्र एक जैन कवि, दार्शनिक, स्कॉलर और रिफॉर्मर थे | इनका जन्म गुजरात राज्य के मोरबी नामक स्थान पर हुआ था | सात वर्ष की आयु में इन्होंने दावा किया था, कि उन्हें पूर्व जन्म की बातें याद है | इन्होंने ‘मेमोरी रिटेंशन और रीकलेक्शन टेस्ट’ का प्रदर्शन किया था, जिससे यह बहुत ही प्रसिद्ध हो गए थे | इन्होंने ‘आत्म सिद्धी’ नामक एक पुस्तक लिखी जो दार्शनिक कविता पर आधारित थी, जो बहुत ही प्रसिद्ध हुई |
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महात्मा गांधी जी के विचार
- व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है |
- अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है |
- हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें, हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा |
- आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी |
- थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है |
- खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं |
- विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए, जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है |
- पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे |
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गांधी जी का परिवार
गांधी जी अपने परिवार में सबसे छोटे थे | उनके दो बड़े भाई लक्ष्मीदास और कृष्णदास तथा एक बहन रलियत थी | गांधी जी के 4 बेटे थे, जिनके नाम इस प्रकार है-
- हरिलाल गांधी
- मणिलाल गांधी
- रामदास गांधी
- देवदास गांधी
इन चार बेटों के 13 पोते-पोतियां थे |
गाँधी जी के 154 वंशज आज 6 देशों में रह रहे हैं |
इनमें 12 चिकित्सक, 12 प्रोफेसर, 5 इंजीनियर, 4 वकील, 3 पत्रकार, 2 आईएएस, 1 वैज्ञानिक, 1 चार्टड एकाउंटेंट, 5 प्राइवेट कंपनियों मे अच्छे पदों पर कार्य कर रहे हैं, साथ ही इस परिवार में 4 पीएचडी धारक भी हैं |
गांधीजी के वंशज आज भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में हैं |
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