डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम की बायोग्राफी

 डॉ. . पी. जे अब्दुल कलाम 

डा० अब्दुल कलाम भारत के 11वें  राष्ट्रपति थे | यह पद इन्हे तकनीक और विज्ञान में योगदान के लिए दिया गया था | यह भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे ,जिन्हे राजनीति से लगाव नहीं था | राष्ट्रपति बनने के बाद, कलाम जी देशवासियो की नजर में एक सम्मानित व्यक्ति थे | कलाम जी ने लगभग चार दशक तक वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया , इसके साथ -साथ वह कई संगठनों के व्यस्थापक भी रहे | इस पेज पर डा० कलाम से सम्बंधित जानकारी विस्तार से दे रहे है |

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जीवन परिचय

डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अब्दुल पाकिज जेलुब्दीन अब्दुल कलाम था | इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम  के धनुषकोडी नामक गॉव  में हुआ था | इनके पिताजी का नाम जैनुलब्दीन कलाम , तथा माताजी का नाम अशियम्मा था | यह बहुत निर्धन परिवार से थे | इनके पिताजी ज्यादा शिक्षित नहीं थे | इनके पिताजी के पास कुछ नावें थी ,जिनके द्वारा वह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे |  डॉ कलाम साहब के परिवार में पांच भाई और पांच बहने थी, जिनमे कलाम साहब सबसे छोटे थे |

इनकी प्रारंभिक शिक्षा पांच वर्ष की आयु में रामेश्वरम के प्राथमिक विद्यालय से प्रारंभ हुई | कलाम जी का बचपन अत्यंत संघर्ष में व्यतीत हुआ, वह प्रतिदिन प्रातः 4 बजे उठकर गणित का ट्युशन पढ़ने जाते थे, उसके बाद 5 बजे वापस आकर अपने पिताजी के साथ नमाज पढ़ने जाते थे | इसके बाद कलम जी अपने घर से तीन किलोमीटर दूर धनुषकोडी रेलवे स्टेशन से अखबार लाते और पैदल उन्हें बाटनें का कार्य करते थे, और 8 बजे तैयार होने के बाद स्कूल जाते थे |

प्राइमरी शिक्षा ग्रहण करनें के बाद कलाम साहब नें हाईस्कूल की शिक्षा, श्वार्ट्ज हाईस्कूल, रामेश्वरम से ग्रहण किया | यह शिक्षा पूर्ण करने के  पश्चात् 1950 में सेंट जोसेफ कालेज ,त्रिची में प्रवेश लिया | इस कालेज से गणित और भौतिकी विषयों के साथ बी एस-सी की डिग्री प्राप्त किया | मद्रास इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी,चेन्नई से इन्होने ग्रेजुएशन की शिक्षा ग्रहण की | यहाँ पर कलाम साहब ने एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग का चयन किया |

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डा० कलाम का अविष्कारिक जीवन

वर्ष 1962 में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन में परियोजना महानिर्देशक के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह एस एल वी-3 का प्रक्षेपण सफलता पूर्वक किया | इसके बाद कई उपग्रह यान एस. एल. वी. का प्रक्षेपण किया | कलाम साहब नें दिल्ली के रोहिणी में उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था | जिसके कारण वह अन्तराष्ट्रीय क्लब के मेंबर बनाये गये , और इसरो व्हीकल  प्रोगाम को लांच करने का श्रेय इन्ही को जाता है | डा० कलाम नें वर्ष 1992 से दिसंबर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार के रूप में कार्य किया तथा अपने शोध को आग्नेय शास्त्रों की विकास प्रणाली को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ाया | वर्ष 1998 में इनके देख-रेख में भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया और भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न देशो में शामिल कर लिया गया |

भारत के राष्ट्रपति पद पर  

डा० अब्दुल कलाम को भारत के ग्यारवें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था । भारतीय जनता पार्टी समर्थित एन॰डी॰ए॰ घटक दलों ने इन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था, 18 जुलाई 2002 को कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया था ,और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई थी । इस समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य तथा अधिकारीगण उपस्थित थे । इनका कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ था ।

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डॉ. अब्दुल कलाम का व्यक्तिगत जीवन

डा० अब्दुल कलाम एक अनुशासित व्यक्ति थे | डॉ कलाम एक अच्छे लेखक भी थे , इनके द्वारा कई पुस्तके और जीवनियाँ लिखी गयी है ,जिनमे से एक ’ विंग्स ऑफ फायर ” जीवनी है ,जो भारतीय युवा शक्तियों के मार्गदर्शन पर प्रकाशित की गयी हैं | डॉ कलाम ने तमिल भाषाओं में कविताएँ भी लिखी हैं, इनके द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मांग हैं |

कलाम साहब के बारे में ऐसा कहा जाता हैं कि, वे कुरान और भगवतगीता  दोनों का अध्ययन करते थे ,और उन्होंने  कई स्थानों पर उल्लेख किया हैं कि, वे तिरुक्कुरल का भी अनुसरण करते हैं | वह भारत को एक महाशक्ति वाला देश के रूप में देखना चाहते थे | डॉ कलाम ने कई प्रेरणा दायक पुस्तकों की रचना  की थीं , जिनमे बच्चों और युवाओं के बारे में विशेष रूप से लिखा गया है |  डॉ कलाम कुछ समय तक अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति भी रहे |

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राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त करने के बाद

राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त करने के बाद डॉ कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर और भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के मानद फैलो और एक विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त किये गये | भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम के कुलाधिपति, अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और सहायक नियुक्त किये गये | उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान की थी |

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डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी किताबें

डा० कलाम साहब अपने विचारो को किताबो में व्यक्त किया है |

1.इंडिया 2020 ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम |

2.माई जर्नी |

3.इग्नतिद माइंड्स |

4.अनलीशिंग द पावर विदीन इंडिया |

डा० कलाम साहब द्वारा रचित पुस्तकों का भारतीय तथा अनेक विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है । इस प्रकार यह भारत के एक विशिष्ट वैज्ञानिक थे, जिन्हें 40 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया ।

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डॉ. अब्दुल कलाम को पुरस्कार और सम्मान

डा० कलाम के जन्मदिवस को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है । डा० कलाम को दिए गये पुरस्कार निम्न है –

वर्ष पुरस्कार
1981 पद्दम भूषण
1990 पद्दम विभूषण
1994 विशेष शोधकर्ता
1997 भारत रत्न
1997 इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
1998 वीर सावकर पुरस्कार
2000 रामानुजन पुरस्कार
2007 डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि
2007 किंग्स चार्ल्स 2 मेडल
2008 डॉ ऑफ सांइस
2009 हूनद उपाधि
2010 डॉ ऑफ इंजीनियरिंग
2011 आई ई ई ई मानद मेंबर
2012 डॉ ऑफ लॉज मानद उपाधि
2014 डॉ० ऑफ सांइस

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डा० कलाम का निधन

27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्या दे रहे थे ,उसी समय  उन्हें दिल का दौरा पड़ा ,और बेहोश हो कर गिर गये , लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में इन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया ,जहाँ डाक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया । अपने निधन से लगभग 9 घण्टे पहले  ट्वीट द्वार यह जानकारी दी गयी ,कि वह शिलांग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं | मृत्यु के बाद उनके शव को शिलांग से गुवाहाटी लाया गया ,अगले दिन उनके शव को वायुसेना सेना के विमान से दिल्ली लाया गया | सुरक्षा बलों ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ पालम हवाई अड्डे पर उनके पार्थिव शरीर को विमान से उतारा गया ,यहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल व तीनों सेनाओं के प्रमुख उपस्थित  थे |

सभी लोगो नें कलाम के पार्थिव शरीर पर पुष्प, हार अर्पित किये ,इसके पश्चात उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर, पूरे सम्मान के साथ, एक गन कैरिज में रख उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर ले जाया गया | यहाँ पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, अखिलेश यादव सहित काफी गणमान्य लोग पहले से उपस्थित थे | भारत सरकार नें उनके सम्मान में 7 दिनों का राजकीय शोक की घोषणा की थी | 29 जुलाई की सुबह वायुसेना के विमान से उनके शव को गृह नगर मंडपम भेजा गया और भारत के पूर्व राष्ट्रपति को पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वरम के. पी. करुम्बू ग्राउंड में दफना दिया गया था |

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