फ्लोर टेस्ट (Floor Test) क्या होता है

फ्लोर टेस्ट से सम्बंधित जानकरी (About Floor Test) 

सरकार चलाने के लिए मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के पास सदन का विश्वास होना चाहिए| सदन के विश्वास का मतलब कुल सदस्यों के 50 फीसदी से कम से कम एक अतिरिक्त विधायक का समर्थन| सभी विधायक सरकार के साथ हैं अथवा नहीं, इसकी जानकारी के लिए फ्लोर टेस्ट होता है| इसमें विधानसभा में वोटिंग कराई जाती है| फ्लोर टेस्ट या शक्ति परीक्षण, बहुमत साबित करने की प्रक्रिया है। फ्लोर टेस्ट (Floor Test) क्या होता है ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|

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 फ्लोर टेस्ट क्या होता है (What Is Floor Test)  

फ्लोर टेस्ट एक संवैधानिक प्रावधान है। इसके लिए सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा जाता है, जिसके लिए सदन में मतदान होता है। जब एक से अधिक लोग सरकार बनाने का दावा पेश करते हैं, और बहुमत साफ नहीं होता है, तो राज्यपाल विशेष सत्र बुलाकर साबित करने को कह सकते हैं, कि किसके पास बहुमत है। यह बहुमत सदन में मौजूद विधायकों के वोट के आधार पर होता है। इसमें विधानसभा सदस्य मौखिक तौर पर भी वोट कर सकते हैं। वहीं विधायकों को मौजूद नहीं रहने और वोट नहीं डालने की भी आजादी होती है। बराबर वोट डालने की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष भी मतदान कर सकते हैं।

फ्लोर टेस्ट के जरिए यह निर्णय लिया जाता है, कि वर्तमान सरकार या मुख्यमंत्री के पास पर्याप्त बहुमत है या नहीं| चुने हुए विधायक अपने मत के माध्यम से सरकार के भविष्य का निर्णय करते हैं|

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फ्लोर टेस्ट के प्रकार (Types Of Floor Test)

फ्लोर टेस्ट तीन तरह से साबित होता है, जो इस प्रकार है-

  • ध्वनिमत
  • संख्याबल
  • हस्ताक्षर के माध्यम से

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फ्लोर टेस्ट में क्या होता है (What Happens In Floor Test)

फ्लोर टेस्ट के दौरान विधायक मौखिक, ईवीएम या बैलेट पेपर के माध्यम से वोट करते हैं| बहुमत साबित नहीं होने का अर्थ है, कि सरकार सदन का भरोसा खो चुकी है| इसके बाद मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट के पास इस्तीफे के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता| कई बार सरकारें जब यह देखती हैं, कि उनके पास पर्याप्त संख्या में विधायक नहीं हैं, तो विश्वास मत से पहले ही इस्तीफा हो जाता है| तकनीकी रूप से देखें तो किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है| स्पष्ट बहुमत वाले मुख्यमंत्रियों के मामले में विश्वास मत की कार्यवाही महज़ एक औपचारिकता होती है, लेकिन जब किसी पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं होता, तब राज्यपाल उस पार्टी के नेता को सीएम पद की शपथ दिलाते हैं, जो बहुमत होने का दावा करता है।

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उदाहरण के लिए जैसे महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं| बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए| मान लीजिए कि किसी पार्टी के विधायक विधानसभा में नहीं पहुंचे, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा नीचे खिसक आएगा| यदि सदन में 20 विधायक नहीं पहुंचे, तो विधानसभा में विधायकों की संख्या 268 हो जाएगी, अर्थात बहुमत के लिए 135 विधायक होनें चाहिए|

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फ्लोर टेस्ट से पहले व्हिप की भूमिका (Whip’s Role Before Floor Test)

प्रत्येक पार्टी अपने विधायकों को एक व्हिप जारी करती है, जिसमें पार्टी के स्तर पर यह निर्णय लिया जाता है, कि उन्हें किस पक्ष के लिए वोट करना है, अर्थात उन्हें वर्तमान सरकार का समर्थन करना है या नहीं। यदि कोई विधायक, पार्टी द्वारा जारी व्हिप के खिलाफ जाकर वोट करता है, तो उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है। दलबदल-विरोधी कानून यह कहता हैं, कि एक पार्टी या तो स्वयं अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सकती है या इस उद्देश्य के लिए किसी व्यक्ति या प्राधिकरण को अधिकृत कर सकती है।

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कंपोजिट फ्लोर टेस्ट क्या है (Composite Floor Test)

कंपोजिट फ्लोर टेस्ट, फ्लोर टेस्ट का एक प्रकार है। कम्पोजिट फ्लोर टेस्ट का प्रयोग उस समय किया जाता है, जब एक से अधिक व्यक्ति सरकार बनाने का दावा करते हैं, जब बहुमत स्पष्ट नहीं होता है| इस दौरान राज्यपाल विशेष सत्र बुला सकता है, इस सत्र को बुलाने का उद्देश्य यह होता है, कि किसके पास पर्याप्त बहुमत है। वर्तमान में मौजूद सदस्यों द्वारा किये गए मतदान के आधार पर बहुमत की गणना की जाती है।

यह ध्वनि मत के माध्यम से भी किया जा सकता है, जहां सदस्य मौखिक रूप से या डिवीजन वोटिंग के माध्यम से जवाब दे सकते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ विधायक अनुपस्थित भी हो सकते हैं, या वोट नहीं देने का विकल्प चुन सकते हैं। डिवीजन वोट के मामले में, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, मतपत्र या पर्ची के माध्यम से मतदान किया जा सकता है। इसके अलावा बैलेट बॉक्स का उपयोग भी मतदान के लिए किया जा सकता है। आमतौर पर यह एक गुप्त वोट होता है – ठीक उसी तरह जैसे राज्य या संसदीय चुनावों के दौरान लोग वोट देते हैं। प्रक्रिया पूरी होनें के बाद, जिसके पास बहुमत है वह सरकार बनाता है। टाई के मामले में, सदन का स्पीकर अपना निर्णायक वोट डालता है।

यहाँ पर हमनें फ्लोर टेस्ट (Floor Test) के बारें में बताया| यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है|

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