एनपीआर (NPR) का क्या मतलब है

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर क्या है (National Population Register)

भारत सरकार ने देश की सभी योजनाओं को सही व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए भारत के सभी नागरिकों का एक डेटा बेस बनाने का निर्णय लिया है | इसके द्वारा नागरिकों की सही पहचान की जा सकेगी जिससे कई प्रकार की अवैध गतिविधियों का रोका जा सकता है | नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त, गृह मंत्रालय, भारत सरकार (आरजीआई) द्वारा रखा जाने वाला एक व्यापक पहचान डेटाबेस है | इस पेज पर नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के विषय में जानकारी दी जा रही है |

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एनपीआर के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी (Important Information)

केंद्र की मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून के बाद अब नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने की तैयारी कर रही है, इसके लिए कैबिनेट में अहम बैठक का समय- समय पर आयोजन किया जा रहा है| इसे देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है, केंद्र सरकार 2021 की जनगणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने पर फैसला ले सकती है| वर्ष 2021 की जनगणना 1 अप्रैल 2020 से शुरू हो सकती है|

एनपीआर अर्थात राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर जनगणना का हिस्सा है, और जनगणना से पहले इसे अपडेट किया जाता है| पहली बार एनपीआर रजिस्टर वर्ष 2010 में तैयार हुआ था और अब 10 साल बाद फिर से इसे अपडेट किया जा रहा है| केंद्र सरकार को साल 2021 तक जनगणना के पूरे आंकड़े एकत्र करना है, जिसके कारण एनपीआर पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा हो सकती है| कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद यह निर्णय होगा कि एनपीआर पर कार्य अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होगा या नहीं|

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एनपीआर (NPR) का फुल फॉर्म क्या है?

वर्ष 2004 में नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 14क में संशोधन किया गया था | इसके अनुसार देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है | भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) एक राष्ट्रीय डाटा है | राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का सृजन एनआरआईसी तैयार करने की दिशा में पहला कदम है | नागरिकता का सत्यापन करने के लिए एनपीआर का प्रयोग किया जायेगा | इसलिए सभी सामान्य नागरिकों के लिए एनपीआर के अन्तर्गत पंजीकरण करवाना अनिवार्य है | एनपीआर का फुल फॉर्म National Population Register (NPR) है और हिंदी में फुल फॉर्म राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर है |

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एनपीआर में नई जानकारियां जोड़े जाने का प्रस्ताव (Proposal To Add New Information To NPR)

सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने की तैयारी कर रही है। सरकार को 2021 तक जनगणना के पूरे आंकड़े जुटाने है, जिसके कारण नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर समय-समय पर केबिनेट की बैठक का आयोजन किया जा रहा है| एनपीआर में भारत के निवासियों से 15 जानकारी मांगी जाएगी और जनगणना के डाटाबेस को अपडेट किया जाएगा।

एनपीआर के लिए व्यक्ति का नाम, परिवार के मुखिया से उसका संबंध| उनके माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, शादीशुदा होने पर पति/पत्नी का नाम, लिंग, जन्म स्थान, नागरिकता, वर्तमान पता, पते पर रहने की अवधि, स्थायी पता, पेशा और शैक्षणिक स्थिति की भी जानकारी देनी होगी। इसके अतिरिक्त अन्य कुछ और बातें पूछी जा सकती हैं जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार से सम्बंधित जानकारियां भी मांगी जा सकती हैं। इसके साथ ही यह भी पूछा जाएगा, कि आप जहां रह रहे हैं, वहां क्या छह महीने से रह रहे हैं और क्या आगे 6 महीने तक रहने की संभावना है ?

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एनपीआर की आवश्यकता (Need Of National Population Register)

एनपीआर और एनआरसी में भिन्नता है| एनआरसी के अंतर्गत देश में अवैध नागरिकों की पहचान करना है, वहीं एनपीआर के अंतर्गत छह महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को एनपीआर में आवश्यक रूप से पंजीकरण करना अनिवार्य होता है| कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है, तो उसे भी एनपीआर में दर्ज होना है| एनपीआर के माध्यम से लोगों का बायोमेट्रिक डेटा तैयार कर असली लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है|

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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का उद्देश्य

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) या नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है-

  • सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके |
  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके |
  • देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जा सके |

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महत्वपूर्ण बिंदु

  • एनपीआर के द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है, इस डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमेट्रिक विवरण भी दर्ज किया जायेगा |
  • एनपीआर की प्रकिया वर्ष 2010 और 2015 में दो चरणों में आयोजित की गयी थी |
  • एनपीआर में सामान्य नागरिक को इस प्रकार से परिभाषित किया है कि जो व्यक्ति स्थानीय क्षेत्र में छ: महीने या उससे अधिक समय से निवास कर रहा है, वह एनपीआर में पंजीकृत के लिए आवेदन कर सकता है |
  • असम को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों में लोगों से संबंधित सूचनाओं का संग्रह किया जाएगा |

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यहाँ पर हमनें नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर क्या है {National Population Register (NPR)} के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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