फुटबॉल का इतिहास और नियम क्या है

फुटबॉल से सम्बंधित जानकारी (Information About Football) 

फुटबॉल विश्व के सबसे मनोरंजक खेलों में से एक है। यह विभिन्न देशों में युवाओं द्वारा पूरी रुचि के साथ खेला जाता है। यह खेल बहुत ही रोमांचकारी और चुनौतीपूर्ण होता है, जो मुख्य रूप से दो टीमों के द्वारा आनंद और मनोरंजन के लिए खेला जाता है। मूल रुप से यह ग्रामीणों द्वारा खेला जाता था, जिसे इटली में ‘रग्बी’ कहा जाता है। पहले यह पश्चिमी देशों में खेला जाता था, बाद में यह पूरे विश्व में फैल गया। यह खेल दो टीमों द्वारा खेला जाता है| प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। जिनका लक्ष्य एक-दूसरे के खिलाफ अधिकतम गोल करना होता है| आईये जानते है, कि फुटबॉल का इतिहास और नियम क्या है?

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फुटबॉल खेल का इतिहास (History Of Football Game)

फुटबॉल शब्द की उत्पत्ति के बारे में लोगों की अलग अलग राय है| इस खेल के दौरान गेंद को पैर से मारना होता है, जिसके कारण इसका नाम फुटबॉल पड़ गया| हालाँकि इस नाम की उत्पत्ति का वास्तविक स्त्रोत की जानकारी नहीं है| फीफा के अनुसार फुटबॉल एक चीनी खेल सूजु का विकसित रूप है| यह खेल चीन में ह्याँ वंश के दौरान विकसित हुआ था| इस खेल को जापान असुका वंश के शासन काल में केमरी के नाम से खेला जाता था| कालांतर में 1586 ई० में यह जॉन डेविस नाम के एक समुद्री जहाज के कप्तान के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रीन लैंड में खेला गया| फुटबॉल के विकास के सफरनामे को रोबर्ट ब्रौज स्मिथ ने सन 1878 में एक किताब की शक्ल में पेश किया था|

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पंद्रहवीं शताब्दी में फुटबॉल (Football In The 15th Century)

पंद्रहवीं सदी में फुटबॉल नाम का ही एक खेल स्कॉटलैंड में खेला जाता था, जहा 1424 ई में फुटबॉल एक्ट के अंतर्गत प्रतिबंधित  कर दिया गया था, हालाँकि यह प्रतिबन्ध जल्द ही हटा लिया गया, लेकिन तब तक लोगों में इस खेल की रूचि समाप्त हो गयी थी और एक लम्बे समय के बाद उन्नीसवीं शताब्दी में इसका पुनर्जन्म देखने मिलता है| हालाँकि इस दौरान कई अन्य स्थानों पर यह खेला जा रहा था|

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वर्ष 1409 ई० में ब्रिटेन के राजकुमार हेनरी चतुर्थ ने पहली बार अंग्रेजी में ‘फुटबॉल’ शब्द का इस्तेमाल किया था| इसके साथ ही लैटिन में भी इसका एक विस्तृत इतिहास रहा है| कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है, कि आज एक छोटा सा दिखने वाला फुटबॉल अपने आप में एक बहुत लम्बा इतिहास समाहित किये हुए है|

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20वीं सदी में फुटबॉल (Football In The 20th Century)

20 वीं सदी में खेल को एक ऐसे संस्था की आवश्यकता होने लगी, जो इस की देखभाल नियमित रूप से कर सके| इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन की तरफ से कई ऐसी सभाएं आयोजित की गयीं जहाँ से एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था का निर्माण किया जा सके| फलस्वरूप यूरोप के सात बड़े देश फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और स्विटज़रलैंड ने मिलकर 21 मई 1904 में ‘फेडरेशन इंटरनेशनल ऑफ़ फुटबॉल एसोसिएशन’ (FIFA) की स्थापना की, जिसके पहले अध्यक्ष रोबर्ट गुएरिन को नियुक्त किया गया था|

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वर्तमान में फुटबॉल (Football In Present)

वर्तमान समय में फुटबॉल बहुत ही बड़े पैमाने पर खेला जा रहा है| इसके कई मुकाबले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने लगे हैं| इसके साथ ही कई फुटबॉल क्लबों की स्थापना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो चुकी है| इस खेल का सबसे बड़ा मुकाबला फुटबॉल विश्वकप का होता है| लियोलें मेस्सी, रोनाल्डिन्हो, रोनाल्डो, नेमर, आदि कई नाम इस तरह दुनिया भर में मशहूर हुए कि आज का युवा वर्ग इस खेल के प्रति रूचि बहुत अधिक दिखती है|

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फुटबॉल खेल का प्रारूप (Football Games Formate)

इस खेल में दो टीम होती है, और प्रत्येक टीम में 11- 11 खिलाड़ी होते है|  दोनों टीमों का उद्देश्य 90 मिनट के खेल के दौरान अधिक से अधिक गोल करने का होता है| खेल के दौरान 45 मिनट पर एक ब्रेक होता है, जिसे हाफ टाइम कहते हैं| यह हाफ टाइम 15 मिनट का होता है| इसके बाद का 45 मिनट का समय लगातार चलता रहता है| इस दौरान यदि कोई खिलाडी घायल हो जाता है, तो ‘इंजरी टाइम’ के तहत कुछ देर के लिए खेल स्थगित हो जाता है| इसके बाद पुनः खेल आरंभ हो जाता है|

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फुटबॉल गेंद की माप (Football ball Measurement)

शुरूआत में फुटबॉल जानवरों की ब्लैडर से निर्मित होती थी, बाद में इस पर जानवरों की चमड़ी का इस्तेमाल होने लगा, जिससे इसका आकार निश्चित रहने लगा| आधुनिक समय में विकसित वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से कई बेहतर फुटबॉल कंपनियाँ स्थापित हो गयी हैं, जो मैच, खिलाड़ियों की उम्र, मैदान आदि को ध्यान में रखते हुए फुटबॉल का निर्माण कर रही हैं| फुटबॉल गेंद 58 सेमी से 61 सेमी के मध्य की परिधि का एक वृत्ताकार गेंद होती है|

मैदान की माप (Measurement Of Field)

फुटबॉल का मैदान 100 गज, 50 गज से 130 गज, अथवा 100 मी, 64 मी से 110 मी, 75 मी तक का आयताकार आकार होता है। मैदान की लम्बाई को ‘साइड लाइन’ तथा चौड़ाई को ‘गोल लाइन’ कहते हैं। खेल के मैदान के ठीक मध्य में एक रेखा होती है, जो मैदान को दो बराबर भागों में विभाजित करती है। मध्य रेखा के केन्द्र से 10 गज त्रिज्या का एक वृत्त खींच दिया जाता है। इस वृत्त को ‘आरम्भ का वृत्त’ कहते हैं| मैदान के दोनों सिरों पर 8 गज (7.32 मीटर) चौड़े गोल क्षेत्र होते हैं। गोल क्षेत्रों के दोनों ओर 18.18 गज का आयताकार पेनाल्टी क्षेत्र होता है।

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  • अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए पिच की लंबाई 100-110 मीटर, जिसे 110-120 यार्ड भी कह सकते हैं| चौड़ाई 64-75 मीटर अर्थात 70-80 यार्ड होती है। (1 यार्ड 9144 मीटर के बराबर होता है)
  • गैर अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए 91-120 मीटर लंबाई और 45-91 मीटर चौड़ाई होती है।
  • आयताकार गोल प्रत्येक गोल रेखा के मध्य पर स्थित होती है, पूरे मैदान में ऊर्ध्वाधर गोल पोस्ट का भीतरी किनारा 3 मीटर होता है।
  • क्षैतिज क्रॉसबार जो गोल पोस्ट द्वारा समर्थित होती है, जिसका निचला छोर 44 मीटर होना चाहिए।
  • आमतौर पर जाल गोल के पीछे रखा जाता है, लेकिन नियमों के अनुसार उसकी कोई आवश्यकता नहीं है।

फुटबॉल खेलनें का तरीका (Rules Of Playing Football)

फुटबॉल मैच दो टीमों के बीच खेला जाता है जिसमें दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। दोनों टीमों के 11-11 खिलाड़ी अपने गोल पोस्ट पर गोल बचाने और दूसरे गोल पोस्ट में गोल करनें की कोशिश करते हैं। कुल 90 मिनट के इस खेल में 45-45 मिनट के 2 हाफ होते हैं। इन दोनों हाफ में कुछ समय अलग से मिलता है, जिसे आवश्यकता पड़नें पर प्रयोग किया जाता है।

जिस प्रकार क्रिकेट में अंपायर होते हैं, उसी प्रकार फुटबॉल के खेल में रेफरी को सारी अथॉरिटी है, और रैफरी का अंतिम निर्णय ही मान्य होता है। मैच के दौरान सहायक रेफरी भी होता है, जो रेफरी की मदद करता है। खेल शुरू होने का फैसला टॉस करके लिया जाता है। इसमें टॉस जीतने वाला कप्तान ही तय करता है, कि उसकी टीम गोल पोस्ट पर अटैक करना चाहती है या फिर बॉल को किक ऑफ यानि किक मारना चाहती है। जब भी मैच में कोई गोल होता है, तो बॉल को सेंटर लाइन पर रखकर दोबारा खेल शुरू किया जाता है।

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फुटबॉल खेलने से सम्बंधित जानकारी (About Playing Football)

  • स्ट्राइकर – स्ट्राइकर का मुख्य कार्य गोल मारना होता है।
  • डिफेंडर्स – अपनी विरोधी टीम के सदस्यों को गोल स्कोर करने से रोकने वाले को डिफेंडर्स कहते है।
  • मिडफिल्डर्स – विरोधी टीम से बॉल छीन कर अपने आगे खेलने वाले प्लेयर्स को बॉल देने का काम मिडफिल्डर्स करते हैं।
  • गोलकीपर – गोल कीपर का काम गोल होने से रोकना है, परन्तु उन्हें यह कार्य गोल पोस्ट के सामने खड़े रहकर ही करना होता है, इस दौरान वह फुटबॉल को हाथों का प्रयोग कर सकते है|

फुटबॉल किक (Football Kick)

  • थ्रो-इन – इसमें बॉल पूरी तरह से रेखा पार कर जाती है, तब उस विरोधी टीम को इनाम में मिलती है, जो बॉल आखिरी बार छूए।
  • गोल किक – जब बॉल पूरी तरह गोल रेखा को पार कर जाए तो गोल के बिना ही स्कोर होता है और अटैकर द्वारा बॉल को आखिरी बार छूने के कारण डिफेंस करने वाली टीम को इनाम में किक करने का मौका मिलता है।
  • कॉर्नर किक – जब बॉल बिना गोल के ही गोल रेखा को पार कर जाती है और डिफेंस करने वाली टीम द्वारा बॉल को आखिरी बार छूने के कारण हमलावर टीम को मौका मिलता है।
  • इनडायरेक्ट फ्री किक- यह विरोधी टीम को इनाम में मिलती है, जब बिना किसी विशेष फाउल के बॉल को बाहर भेज दिया जाए और खेल रुक जाए।

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फुटबॉल में फाउल के नियम (Rules of Foul In Football)

  • येलो कार्ड – रेफरी खिलाड़ी को उसके गलत बर्ताव के लिए सज़ा के रूप में Yellow Card दिखाकर मैदान के बाहर भेज सकता है।
  • रेड कार्ड – येलो कार्ड के बाद भी खिलाड़ी के व्यवहार में सुधार नहीं होनें पर रेड कार्ड दिया जाता है| रेड कार्ड का मतलब है मैदान से बाहर। यदि एक प्लेयर को बाहर निकाल दिया जाता है, तो उसकी जगह कोई दूसरा प्लेयर नहीं आ सकता। इस तरह प्लेयर की संख्या कम हो जाती है।
  • ऑफसाइड – ऑफ साइड नियम में आगे के प्लेयर बॉल के बिना बचाव करते हुए दूसरे प्लेयर के आगे नहीं जा सकते, खासकर विरोधी टीम की गोल रेखा के एकदम पास यदि कोई खिलाड़ी ऐसा करता है, तो उसे फाउल माना जाता है।

यहाँ पर हमनें फुटबॉल का इतिहास और खेलनें के नियम के बारे में बताया | यदि इस जानकारी से सम्बंधित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है | अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |

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