विक्रम संवत (Vikram Samvat) क्या है

विक्रम संवत कैलेंडर से सम्बंधित जानकारी 

भारत में सनातन धर्म सबसे प्रमुख धर्म है, इस धर्म में समय की गणना करने के लिए विक्रम संवत कैलेंडर का निर्माण किया गया था | विक्रम संवत कैलेंडर ग्रेगरी कैलेंडर से 57 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुआ था | आधुनिक समय में चल रहे कैलेंडर के अनुसार यदि इस वर्ष 2018 है, तो विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार यह वर्ष 2074 होगा | ज्योतिष विज्ञान में विक्रम संवत कैलेंडर का उपयोग अधिक होता है | विक्रम संवत (Vikram Samvat) क्या है ये कैलेंडर कैसे काम करता है, इसके विषय में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |

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विक्रम संवत (Vikram Samvat) क्या है ?

विक्रम संवत का प्रारम्भ राजा विक्रमादित्य ने 57 ई.पू. में किया था | मान्यता है, कि राजा विक्रमादित्य ने अपनी सम्पूर्ण प्रजा का ऋण स्वयं समाप्त कर इस संवत की शुरुआत की थी | विक्रम संवत में समय की पूरी गणना के लिए सूर्य और चन्द्रमा को आधार बनाया गया था | इसको दिन, सप्ताह, मास और वर्ष में विभाजित किया गया है | यह विभाजन पूर्ण रूप से वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है | पौराणिक कथा के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना आरंभ की थी | हिन्दू धर्म में इस तिथि को ‘नववर्ष‘ के रूप में मनाया जाता है | इस तिथि से नवरात्र का प्रारम्भ होता है |

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कैलेंडर कैसे कार्य करता है

इस कलेण्डर का निर्माण सूर्य और चन्द्रमा के आधार पर की गयी है, पृथ्वी 365/366 दिन में सूर्य की एक परिक्रमा करती है | इस अवधि को एक वर्ष के रूप में मान्यता प्रदान की गयी | इस अवधि में चंद्रमा पृथ्वी के लगभग 12 चक्कर को पूर्ण करता है, इसलिए सम्पूर्ण वर्ष को 12 से विभाजित किया गया | वर्ष के 12 भागों को क्रम से निर्धारित करने के लिए इनका नामकरण किया गया | जो इस प्रकार है-

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  • एकाम्बर ( 31 )
  • दुयीआम्बर (30)
  • तिरियाम्बर (31)
  • चौथाम्बर (30)
  • पंचाम्बर (31)
  • षष्ठम्बर (30)
  • सेप्तम्बर (31)
  • ओक्टाम्बर (30)
  • नबम्बर (31)
  • दिसंबर ( 30 )
  • ग्याराम्बर (31)
  • बारम्बर (30 / 29 )

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भारत के संविधान में विक्रम संवत का प्रयोग

भारत के संविधान के निर्माण के समय विक्रम संवत का प्रयोग किया गया था | संविधान की प्रस्तावना में संविधान को लागू करने की तिथि को विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार बताया गया है | जिससे इस कैलेंडर का महत्व के विषय में जानकारी प्राप्त होती है |

महीनों के नाम

क्र०सं० महीनों के नाम पूर्णिमा के दिन नक्षत्र जिसमें चन्द्रमा होता है
1. चैत्र चित्रा, स्वाति
2. बैशाख विशाखा, अनुराधा
3. जेष्ठ जेष्ठा, मूल
4. आषाढ़ पूर्वाषाढ़, उत्तराषाढ़, सतभिषा
5. श्रावण श्रवण, धनिष्ठा
6. भाद्रपद पूर्वाभाद्र, उत्तरभाद्र
7. आश्विन अश्विन, रेवती, भरणी
8. कार्तिक कृतिका, रोहणी
9. मार्गशीर्ष मृगशिरा, उत्तरा
10. पौष पुनवर्सु, पुष्य
11. माघ मघा, अश्लेशा
12. फाल्गुन पूर्वाफाल्गुन, उत्तरफाल्गुन, हस्त

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यहाँ पर हमनें आपको विक्रम संवत कैलेंडर के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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