कपार्ट से सम्बन्धित जानकारी (About CAPART)
भारत सरकार द्वारा देश की निर्धन जनता के विकास के लिए अनेक प्रकार की योजनाओ का संचालन किया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्र दोनों ही शामिल है| भारत के ग्रामीण विकास में स्वयंसेवी क्षेत्र की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो समुदाय और व्यक्तियों के बीच बदलाव और विशिष्ट मुद्दों के प्रत्यक्ष कार्यान्वयन के जरिए कार्य करता है। इसी क्रम में सरकार द्वारा कपार्ट नामक संस्था की शुरुआत की गयी, यह संस्था ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशों के अंतर्गत कार्य करती है। वर्तमान में इस संस्था द्वारा भारत में ग्रामीण विकास को फैलाने में बड़ा योगदान कर रही है| कपार्ट क्या है ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है|
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कपार्ट का फुल फार्म (Full Form Of CAPART)
- कपार्ट- लोक कार्यक्रम एवं ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद्
- CAPART- Council for the Advancement of People’s Action and Rural Technology
कपार्ट क्या है (What Is CAPART)
1980 में, एक स्वायत्त संगठन को पंजीकरण अधिनियम के तहत मान्यता दी गई, और स्वयंसेवी क्षेत्र की संस्थाओं को 1986 में औपचारिक पहचान मिली जब ग्रामीण क्षेत्रों के विकास सरकारी और स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों की सहायक समितियों के बीच। के वर्गीकरण तथा सामंजस्य के लिए सहयोग किया गया। कपार्ट की स्थापना दो एजेंसियों ‘काउंसिल ऑफ एडवांसमेंट फॉर रूरल टेक्नोलॉजी’ (सीएआरटी) तथा पीपल्स एक्शन फॉर डेवलपमेंट (पीएआईडी) को मिला कर की गयी है। आज यह संस्था भारत में ग्रामीण विकास को फैलाने में बड़ा योगदान कर रही है, पूरे देश में लगभग 12,000 स्वयंसेवी संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर विकास कार्यक्रमों को आरंभ किया गया है|
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कपार्ट का उद्देश्य (What Is CAPART)
भारत सरकार द्वारा कपार्ट को शुरू करनें का मुख्य उद्देश्य कपार्ट ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करनें वाले विशेषतया समाज के दलित तथा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगो की कार्यप्रणाली में सुधार करना है| गरीबी रेखा के स्तर से नीचे वाले लोगों, अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लोगों, बंधुआ मज़दूरों, अपंगों, बच्चों तथा स्त्रियों को प्रमुखता देना कपार्ट का प्रमुख उद्देश्य है। कपार्ट के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है|
- आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के साधनों को सामुदायिक रूप से उपलब्ध कराना।
- प्राकृतिक संसाधनों और वातावरण को सुरक्षित रखना तथा पुनर्निर्मिति करना।
- नि:शक्तों तथा लाभ से वंचित महिलाओं तथा अन्य जनसमूह को विकास कार्यक्रम में भाग लेने योग्य बनाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों को सहयोग देना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में उचित अवसर प्रदान करना तथा आर्थिक निर्भरता देना।
- उचित ग्रामीण तकनीकी के विकास की योजना को राष्ट्रीय नोडल बिंदु के रूप में कार्य करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में उचित अवसर प्रदान करना तथा आर्थिक निर्भरता देना।
- स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों की क्षमता निर्माण तथा ग्रामीण समुदायों द्वारा ग्रामीण विकास में भाग लेने वाले स्वयंसेवी संगठनों को सहयोग और पुरस्कार प्रदान करना ।
- स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों की प्रौद्योगिकी तथा ग्रामीण विकास के लिए डेटा बैंक के रूप में कार्य करना तथा निपटारा कराने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देना ।
- महत्वपूर्ण विकास विषयों पर ज्ञान का निर्माण कराना ग्रामीण-स्तरीय जनसमूह तथा संगठनों का निर्माण तथा सशक्तिकरण।
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इसके साथ ही कपार्ट के माध्यम से विभिन्न प्रकार की विकास की योजनाओं को बड़े पैमाने पर सुचारू रूप से चलाने वाले स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों को आर्थिक तथा प्राकृतिक रूप से सहयोग करता है। भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर कपार्ट को धनराशि उपलब्ध करायी जाती है| हालाँकि कपार्ट को ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों को चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दाताओं का सहयोग भी मिलता है।
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