टीकाकरण से सम्बंधित जानकारी
वर्तमान समय में अधिकतर लोग अपने शरीर की समस्याओं को लेकर परेशान रहते हैं, क्योंकि ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जो पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है | इसलिए इन समस्याओं का समाधान करने के लिए टीकाकरण की शुरुआत की गई, यह ऐसा टीकाकरण होता है, जिसे लगवाने के बाद आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने का काम करता है। इसलिए यदि आप टीकाकरण करवा लेते हैं, तो इससे आप अपने को कई रोगों से बच सकते हैं। इसलिए यदि आप भी टीकाकरण के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको टीकाकरण क्या है ,रोगो की रोकथाम में इसका महत्व की पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है|
कोरोना वायरस (Coronavirus) क्या है
टीकाकरण क्या होता है
यदि आप टीकाकरण करवाते हैं, तो यह रोगों से सुरक्षित रखने के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और इसके साथ ही यह कई बीमारियों से बचाने का काम करता है इसलिए इन समस्याओं का समाधान करने वाले लोग टीकारण लेने का ही रास्ता अपनाते है | प्रतिरक्षा प्रणाली, जो रोगाणुओं के खिलाफ शरीर की प्राकृतिक रूप से रक्षा करती है लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है कि, प्रतिरक्षा प्रणाली प्राकृतिक रूप से इतनी सक्षम नहीं होती कि वह रोगों से आपको पूर्ण रूप से सुरक्षित कर सके और रोगाणुओं को नष्ट करने में सफल हो सके, लेकिन यदि आप टीकाकरण लेते हैं, तो आप इसकी मदद से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
टीकाकरण का महत्व, फायदे और लाभ
- टीकाकरण रोगों को दूर करने का एक ऐसा माध्यम हैं, जिससे लेने के बाद लोगों की कई बीमारियों का समाधान हो जाता है |
- टीकाकरण के फायदे सीधे तौर पर नजर नहीं आते हैं, लेकिन इससे आप अपने बच्चे को खसरा और दिमागी बुखार (मेनिनजाइटिस) जैसी समस्याओं से बहुत दूर रख सकते है |
- टीकाकरण करवाने से आप संक्रमण जैसे बड़ी बीमारी के शिकार कभी भी नहीं होंगे |
- टीकाकरण से आपको और आपके आसपास के लोगों को भी स्वस्थ रखने का काम करता है। इसीलिए टीकाकरण सभी के स्वास्थ के लिए आवश्यक माना जाता है।
- टीकाकरण करवाने लोग अधिकतर किसी भी बीमारी के शिकार नहीं हो पाते है |
टीकाकरण के द्वारा न होने वाली बीमारियां
वर्तमान समय में टीकाकरण के कई केंद्र हैं, जिनमे टीकाकरण करवाकर कई खतरनाक और घातक बीमारियों से अपने आपको बचाया जा सकता है क्योंकि, यह ही ऐसा मार्ग है, जिसकी सहायता से बीमारी के कई मामलों को कम करते हुए करोड़ों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। इसलिए नवजात शिशु, बच्चे, किशोर और वयस्क आदि को उनकी आयु, जगह, जीवनशैली, यात्रा व स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर अलग-अलग टीकाकरण करवाना होता है। टीकाकरण के द्वारा रोकथाम लगाने वाली बीमारियां इस प्रकार है-
- चिकन पॉक्स (छोटी माता)
- डिप्थीरिया फ्लू (इन्फ्लूएंजा)
- हेपेटाइटिस ए हेपेटाइटिस बी एचआईबी (हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा प्रकार बी)
- एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस)
- खसरा मेनिंगोकोक्सल रोग गलसुआ (मम्पस)
- न्यूमोकॉकल रोग पोलियो रोटावायरस रूबेला (जर्मन खसरा)
- शिंगल्स (हरपीस ज़ोस्टर)
- टेटनस
- काली खांसी
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर होता है?
इसके आलावा यदि आप बिलकुल स्वस्थ्य है, और आपको अचानक किसी प्रकार की समस्या हो जाती है, तो इसके लिए भी आप टीकाकरण करवा सकते है, क्योंकि ऐसा होने पर भी टीकाकरण आपको कई समस्याओं से बचाने का काम करता है, जो इस प्रकार से है |
- एंथ्रेक्स
- जापानी दिमागी बुखार
- रेबीज
- चेचक
- टीबी
- टाइफाइड बुखार
- पीलिया
यह भी पढ़ें: कोरोनावायरस क्या है?
टीकाकरण के प्रकार
टीकाकरण के 3 प्रकार होते हैं, जो इस प्रकार है-
- प्राथमिक टीकाकरण
- बूस्टर टीकाकरण
- सार्वजनिक टीकाकरण
टीके व उनके आविष्कारकों के नाम
- जोनस साल्क द्वारा पोलियों की शुरुआत की गई |
- जॉन फ्रैंकलिन एंडर्स द्वारा खसरे की शुरुआत की गई |
- एडवर्ड जेनर द्वारा श्लोक शुरू किया गया |
- लुई पाश्चर और एमिल रौक्स द्वारा रेबीज़ को दूर भगाया गया |
- इयान फ्रेज़र और जियान झोउ द्वारा एचपीवी कला समाधान किया गया |
यहाँ पर हमने आपको टीकाकरण के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है | अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |