संसद सत्र के बारे में जानकारी (Information About The Parliament Session)
भारत में संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है, यह इंग्लैण्ड से ली गयी है | संसदीय व्यवस्था के अंतर्गत संसद के सभी सदस्यों को राज्य सभा और लोकसभा में मुद्दों पर चर्चा करने और प्रस्ताव लाने के लिए आमंत्रित किया जाता है | यह सभी सदस्य जनप्रतिनिधि होते है, जिनके माध्यम से जनता की समस्याओं को एक स्थान पर सुना जाता है, जिसे संसद कहते है | समस्या सुनने के बाद सभी सदस्यों से इसके लिए सुझाव और प्रस्ताव की मांग की जाती है और चर्चा की जाती है | यह पूरी प्रकिया जिस अवधि में में होती है, उसे संसद सत्र कहा जाता है, इस पेज पर संसद सत्र क्या है, संसद के कितने सत्र होते है, बजट सत्र, मानसून सत्र, शीतकालीन सत्र के बारे में बताया जा रहा है |

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संसद सत्र क्या है (What Is Parliament Session)?
संसद के सदस्यों द्वारा जनता के मुद्दों पर बहस करने और नए प्रस्ताव पर अपना मतदान करके अधिनियम का रूप देने और पुराने अधिनियम में संसोधन करने के लिए जिस अवधि का निर्धारण किया जाता है, इसे एक संसद सत्र कहा जाता है | इस अवधि में संसद की सभी प्रकार की कार्यवाही का संचालन होता है और प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है |
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संसद के कितने सत्र होते है (How Many Sessions Of Parliament Are There)?
सामान्यत: संसद एक वित्तीय वर्ष में तीन सत्र आयोजित करती है, जिसमें प्रत्येक सत्र की अवधि छह महीने से अधिक नहीं होती है। यह व्यवस्था संविधान में पहले से ही निर्दिष्ट है। इन सत्रों को निम्नलिखित तरीके से वर्गीकृत किया जाता है:
- बजट सत्र (फरवरी से मई)
- मानसून सत्र (जुलाई से सितंबर)
- शीतकालीन सत्र अधिवेशन (नवंबर से दिसंबर)
राज्यसभा में बजट सत्र को दो भागों में विभाजित कर दिया जाता है | इन दोनों भागों के बीच तीन से चार सप्ताह का अवकाश रहता है, इस प्रकार से राज्यसभा के एक वर्ष में चार सत्र होते हैं |
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बजट सत्र (Budget Session)
संसद में बजट सत्र का आयोजन फरवरी महीने से मई महीने के बीच किया जाता है, इस सत्र में भारत सरकार देश का बजट पेश करती है जिसमें नयी योजनाओं, टैक्स में छूट, सरकार की सफलताओं और आयात और निर्यात के बारे में देश को जानकारी दी जाती है, यह सबसे लम्बा चलने वाला सत्र है |
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मानसून सत्र (Monsoon Session)
मानसून सत्र यह जुलाई से सितंबर तक आयोजित किया जाता है, इसकी तिथि का निर्धारण राष्ट्रपति की तरफ से केंद्र सरकार करती है | इस सत्र के लिए पहले ही प्राथमिकताओं को ध्यान में रख लिया जाता है, फिर एक- एक मुद्दे पर बहस की जाती है बहस ख़त्म होने के बाद उस मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया जाता है, यदि प्रस्ताव पास हो जाता है, तो उस पर राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेज दिया जाता है | भारत में मानसून जून- जुलाई माह में आता है इसलिए इस सत्र को मानसून सत्र कहा जाता है |
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शीतकालीन सत्र (Winter Session)
इस सत्र का आयोजन नवंबर से दिसंबर के बीच किया जाता है, इस समय भारत में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही होती है, इसलिए इस सत्र को शीतकालीन सत्र कहा जाता है | इस सत्र में भी चर्चा, प्रस्ताव पेश करना, प्रस्ताव के लिए मतदान और प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया होती है |
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यहाँ, हमने संसदीय सत्रों के बारे में जानकारी प्रदान की है, जिसमें उनके प्रकार जैसे बजट, मानसून, और शीतकालीन सत्र और उनकी आवृत्ति शामिल है। यदि आपके पास प्रश्न हैं या और विवरण चाहिए, तो कृपया टिप्पणियों में पूछें। हम आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार करेंगे।
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