करतारपुर साहिब क्या है

करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib)  

करतारपुर साहिब, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक नारोवाल जिला में स्थित है। यह स्थान भारतीय सीमा से महज 3 किमी. की दूरी पर और लाहौर से करीबन 120 किमी. दूर है। सिख समुदाय के इतिहास के अनुसार, गुरुनानक देवजी अपनी 4 प्रसिद्ध यात्राओं को पूरा करने के बाद 1522 में करतारपुर साहिब में आकर रहने लगे थे, जहाँ नानक साहिब ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष इसी स्थान पर बिताये थे |

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करतारपुर साहिब का इतिहास

करतारपुर साहिब सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में में से एक माना जाता है। यह स्थान सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देवजी का निवास स्थान था और यहीं पर वह ज्योति में विलीन हो गए थे। बाद में उन्ही की याद में यहां पर गुरूद्वारे का निर्माण किया गया। यह कॉरिडोर खोले जाने से पूर्व गुरुद्वारे के दर्शन के लिए भारतीय दूरबीन का प्रयोग करते थे।

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गुरुद्वारे अंदर समाधि और कब्र दोनों मौजूद है ऐसी मान्यता है कि जब गुरु नानक ने अपने पार्थिव को छोड़ा था तो उनका शरीर गायब हो गया था और उसके स्थान पर कुछ फूल मिले थे, जिनमे से आधे फूल सिख ले गए और आधे मुसलमान। इसके बाद सिखों ने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, फूलों को जलाकर नानक देव का अंतिम संस्कार किया था | और मुसलमानों ने मुस्लिम रीति-रिवाज से फूलों को दफनाकर अंतिम विदाई दी थी। इसलिए करतारपुर गुरुद्वारा में समाधि और कब्र दोनों अब भी हैं। समाधि गुरुद्वारे के अंदर बनी हुई है और कब्र बाहर है।

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कैसे पहुंचा जाये करतारपुर?

अगर आप भी करतारपुर साहिब की यात्रा पर जाने के इच्छुक हैं, तो आपको सर्व प्रथम डेरा बाबा नानक स्थान पर पहुंचना होगा। इसके उपरांत ही कॉरिडोर के माध्यम से आप करतारपुर साहिब तक पहुँच सकेंगे। डेरा बाबा नानक तक आप बड़ी सरलता से पहुंच सकते हैं। यहाँ पर सड़क मार्ग से अपने निजी वाहन के जरिए भी यहां पहुंच सकते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य परिवहन की बसों की भी सुविधा उपलब्ध है। यहां रेल मार्ग द्वारा भी पहुंचना बेहद सुगम है। यहां से सबसे पास रेलवे स्टेशन बटाला और सबसे नजदीकी एयरपोर्ट अमृतसर है।

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यात्रियों के लिए बनाया गया है सुविधा केंद्र

पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक में यात्रियों को सुविधा हेतु पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स (PTB) बनाया गया है जिसके अन्दर धूम्रपान या किसी भी नशीले पदार्थ के सेवन की इजाजत नहीं है। इसके अन्दर तेज आवाज में संगीत बजाना और बिना अनुमति अन्य लोगों की फोटो खींचना वर्जित है। इसके अलावा यहां पर भोजन की दुकानें, पार्किंग स्थल बना गए है और सुरक्षा पर भी कड़ी नजर रखी गई है |

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यात्रा से समन्धित आवश्यक नियम

इस यात्रा में अकेले बच्चे और बुजुर्ग यात्रा नहीं कर पाएंगे और यात्री सिर्फ करतारपुर साहिब तक ही जा पाएंगे। उन्हें कहीं और जाने की इजाजत नहीं होगी। यात्रियों को सुबह जाकर शाम तक लौटकर आना जरूरी होगा। 13 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 75 वर्ष के बुजुर्ग अकेले यात्रा नहीं कर सकेंगे। वह ग्रुप में यात्रा या फॅमिली मेंबर के साथ कर पाएंगे। एक यात्री 11 हजार तक रूपये और सात किलो के वजन तक का एक बैग अपने साथ ले जा सकता है |

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किन वस्तुओं को ले जाने पर है बैन ?

गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित एक सूची जारी की है, जो लांच किए गए पोर्टल पर उपलब्ध है। यह सूची कुछ इस प्रकार है –

  • श्रद्धालु अपने साथ वाई-फाई ब्रॉडबैंड उपकरण नहीं ले जा सकते |
  • शराब और अन्य कई वस्तुएं अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे।
  • यहां आग्नेयास्त्र और गोला बारूद, विस्फोटक पदार्थ, मादक पदार्थ नहीं ले जा सकते है |
  • सभी प्रकार की कृपाणों को छोड़कर चाकू और ब्लेड, जाली नोट, मोहर और सिक्के, भारत और पाकिस्तान का गलत मैप और साहित्य ले जाने पर बाध्य किया गया है।
  • इसके अलावा भारत और पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाले या संभावित रूप से दोनों देशों में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक झंडे, बैनर, मीडिया सामग्री और साहित्य ले जाने पर भी रोक लगाई गई है।
  • इसके अतिरिक्त सूची में और भी कई वस्तुओं को शामिल किया गया हैं।

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यहाँ पर हमनें ‘करतारपुर साहिब’ के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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