जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) कौन है पूरी जानकारी

जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) कौन है 

जैश-ए-मुहम्मद एक पाकिस्तानी जिहादी संगठन है, जिसका उद्देश्य भारत से कश्मीर को अलग करना है| मौलाना मसूद अजहर आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। मौलाना मसूद अजहर नें 17 वर्ष पूर्व 1999 में कंधार विमान अपहरण मामले में भारत ने रिहा किया था।

ADVERTISEMENT विज्ञापन

24 दिसंबर 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस के हवाई जहाज आईसी-814 का 178 यात्रियों के साथ अपहरण कर लिया था। हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले में अपने तीन आतंकियों की रिहा करनें का सौदा किया था, उन तीन आतंकवादियों में से एक मसूद अजहर भी शामिल था।

ये भी पढ़े: जीवन में सफल कैसे बने ? सफल होने के कुछ आसान टिप्स

ADVERTISEMENT विज्ञापन

ये भी पढ़े: ये 5 बातें जो आपको सफल नहीं होनें देंगी

वर्ष 1999 में वाजपेयी सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए मसूद अजहर सहित तीन आतंकियों को छोड़ने का निर्णय लिया  था, उस समय मौलाना मसूद अजहर आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का सदस्य था। रिहाई के बाद पाकिस्तान के कराची में 31 जनवरी 2000 को मौलाना मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन की शुरूआत के साथ जेहाद की दुनिया में कदम रखा।

जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना

आतंकी अजहर का जन्म पाकिस्तान के बाहावलपुर में 1968 को हुआ था| अजहर के पिता सरकारी स्कूल में अध्यापक थे। मौलाना मसूद अजहर नें प्रारंभिक शिक्षा करांची के जामिया उलूम अल इस्लामिया में हुई, बाद में अजहर हरकत-उल अंसार संगठन में शामिल हो गया था| पहली बार अजहर को 1994 में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था । दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद अजहर को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था, परन्तु लाहौर हाईकोर्ट के आदेश पर 2002 में उसे रिहा कर दिया गया था ।

ADVERTISEMENT विज्ञापन

ये भी पढ़े: दिमाग तेज़ कैसे करें – ये सबसे आसान उपाय करे

ये भी पढ़े: अपने अंदर के Talent को कैसे पहचाने

जैश-ए-मोहम्मद का अर्थ ‘मुहम्मद की सेना’ है । इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद को धरती पर अल्लाह का आखिरी पैगंबर माना जाता है,परन्तु यह एक आतंकी संगठन है, जिसे भारत समेत कुछ पश्चिमी देशों में आतंक फैलाने के लिए किया जा रहा है। जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी जेहादी संगठन है, जिसके आतंकी जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई राज्यों में हुए आतंकी हमलों में इस संगठन का हाथ हैं| इस संगठन की स्थापना मार्च 2000 में  मसूद अजहर ने की थी| जनवरी 2002 में जब इसे पाकिस्तान की सरकार ने बैन कर दिया तब जैश ए मोहम्मद ने अपना नाम बदलकर खुद्दाम उल इस्लाम कर लिया था। इस आतंकी संगठन का मुख्य उद्देश्य कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी करना व भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देना है।

इस संगठन का मुख्य तरीका आत्मघाती हमला करना है। जैश-ए-मोहम्मद कट्टरपंथी विचारों वाले ऑडियो कैसेट कश्मीर भेज कर युवाओं को गुमराह कर अपनें संगठन में शामिल कर वारदात को अंजाम देते है। इस संगठन में हरकत-उल-मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-अंसार के कई संगठन शामिल हैं।

ये भी पढ़े: आईपीसी की धारा 420 क्या है

ये भी पढ़े: आईपीसी धारा 498A क्या है

अमेरिका की ब्लैक लिस्ट में

अमेरिका द्वारा तैयार की गई विदेशी आतंकी गुटों की सूची में पाक स्थित जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-ताइबा को रखा गया था, इस सूची में लगभग 44 आतंकी संगठन शामिल हैं। लश्कर और जैश दोनों ही लंबे समय भारत में आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं। जैश ए मोहम्मद लश्कर ए तैयबा से अधिक खतरनाक और जिद्दी संगठन है। आईएसआई की ओर से जैश में नयी जान फूंकना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए नयी चुनौती खड़ी कर रहा है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार,  मुताबिक जैश अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बब्बर खालसा जैसे पंजाब में आतंकवाद के बचे हुए गुटों से सहायता ले रहा है, साथ ही जैश गुरदासपुर-पाठनकोट-जम्मू सेक्टर के 553 किलोमीटर की फेंसिंग के कमजोर इलाकों को भी अपने सामरिक बढ़त के रूप में देख रहा है।

ये भी पढ़े: रेरा (RERA) कानून (ACT) क्या है नियम क्या है

यहाँ पर हमनें आपको जैश-ए-मुहम्मद के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

ये भी पढ़े: सूचना का अधिकार (RTI) क्या है

ये भी पढ़े: साइबर लॉ में करियर कैसे बनाये

ये भी पढ़े: ऑनलाइन शिकायत कैसे दर्ज करे

ये भी पढ़े: ऑनलाइन मुकदमा कैसे दर्ज कराएं