नशे की लत कैसे छुड़ाए

नशे से मुक्ति के घरेलु उपाय (Home Remedy for Addiction)

भारत में इस समय अधिकांश लोग नशे की लत में पड़े हुए हैं, जिनमें अधिकांशतः युवा वर्ग शामिल है|  इस नशे की लत से बहुत से लोगो का घर परिवार खराब हो जाता है, और लाखो लोग अपनें जीवन से हाथ धो बैठते है| सबसे खास बात यह है, कि हम सभी जानते है, लत बुरी चीज है, इसके बाद भी हम इससे मोह नहीं छोड़ पाते है| शराब, सिगरेट, ड्रग्स या गुटखा/खैनी का सेवन थोड़ी मात्रा में भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन जब यह आदत बन जाती है, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर होने लगती है। लत का मतलब है, आदत | जिस चीज की लत है, वह जब तक न मिले, पीड़ित बेचैन और असामान्य रहता है। जब वह चीज उसे मिल जाए तो वह सामान्य लगने लगता है, लेकिन असल में वह अंदर से बेहद कमजोर और बीमार हो चुका होता है।

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नशे की लत लगने का कारण (Causes Of Addiction)

  • यदि परिवार में कोई भी एक सदस्य नशा करता है, तो इसका प्रभाव परिवार के दूसरे सदस्यों पर पड़ता है, खासकर बच्चों में भी नशे की लत की आशंका होती है।
  • यदि पैरंट्स को लत है, तो बच्चों में ऐसे जीन्स होते हैं, जो उन्हें भी उस नशे की तरफ आकर्षित करते हैं।
  • एक्सपेरिमेंट और सेक्स की इच्छा बढ़ाने की कोशिश में भी लोग नशे की तरफ जाते हैं।
  • घर में किसी प्रकार की कलह होती है, तो लोगों के किसी नशे का सहारा लेने की आदत पड़ सकती है।
  • खास मौके, जैसे कि फैमिली फंक्शन, फेस्टिवल, कोई खुशी का मौका आदि में कभी-कभी शराब लेने की बात करने वाले लोग धीरे-धीरे नशे के करीब आ सकते हैं।

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नशा करने से नुकसान (Drug Addiction)

नशा करनें वाला व्यक्ति सही निर्णय लेने में असमर्थ होता है, इसके पश्चात यदि कोई निर्णय लिया भी है, तो उस पर अमल न होनें पर परिवार में कलह होनी शुरू हो सकती है, जिससे आपसी रिश्ते खराब हो जाते हैं। कई बार नशा तलाक की वजह बनता है। पहले नशे की चीज और फिर इलाज पर पैसा भी खर्च होता है। आप जिस संस्था में कार्य कर रहे होते है,वहां भी आपके प्रति वह सम्मान नहीं होता है, जो अन्य कर्मचारियों का होता है| पैसे की तंगी होने पर नशे का शिकार चोरी जैसे गैर-कानूनी काम भी करने लगता है, जिससे उसका स्तर और भी समाप्त हो जाता है|

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नशे की लत के लक्षण (Symptoms Of Addiction)

  • घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन
  • गुस्सा आना, मूड अचानक बदलना
  • तनाव और मानसिक थकावट
  • फैसला लेने में दिक्कत
  • याददाश्त कमजोर पड़ना
  • चीजों को लेकर कन्फ्यूजन होना
  • नींद न आना
  • सिर में तेज दर्द होना
  • शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना
  • भूख कम लगना
  • धड़कन का बढ़ना
  • ज्यादा पसीना आना
  • बिना बीमारी के उल्टी-दस्त होना

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कैसे छोड़े नशे की लत (How To Quit Addiction)

किसी भी प्रकार के नशे से छुटकारा पानें के लिए सबसे पहले स्वयं का प्रयास आवश्यक है, क्योंकि जब तक आप स्वयं नहीं चाहेंगे, कोई और आपका नशा नहीं छुड़ा पाएगा। सबसे पहले मन में यह दृढ़ निश्चय कर लें, कि आप नशा छोड़ना चाहते हैं। शुरू में अपनी बात पर कायम रहने में दिक्कत आएगी, लेकिन अपने मन को मजबूत रखें। लत छोड़ने की वजहों को दिन में बार-बार मन में दोहराएं। हो सके तो ऐसी जगह पर लिखकर लगा दें, जहां आपकी बार-बार नजर पड़ती हो।

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किसी भी प्रकार के नशे को छोड़ने के लिए सबसे पहले उसकी मात्रा कम करें। शराब का पैग छोटा कर दें या सिगरेट पीने से पहले उसे तोड़कर छोटी कर दें। अपने पास लाइटर, माचिस, गुटखे की पुड़िया, तंबाकू रखना छोड़ दें। डायरी बनाएं और उसमें लिखें, कि नशा कब और कितनी मात्रा में, किसके साथ लेते हैं, और उसे बार-बार पढ़ें। यदि किसी खास मौके या किसी खास शख्स के साथ आप नशा अधिक करते हैं, तो उसे नजर अंदाज करें।

नशे को छोड़ने के लिए अपने परिवारिक सदस्यों की फोटो सामने रखें और उस पर बार-बार निगाह डालकर देखें, कि आप परिवार के लिए और परिवार आपके लिए कितनी अहमियत रखता है, इसके साथ ही दोस्तों की भी सहायता लें| अपने सभी दोस्तों और परिजनों से कह दें कि आपने शराब, सिगरेट या गुटखा छोड़ दिया है। इनके सेवन के लिए आपको मजबूर न करें। सबसे खास बात यह कि अकेले बिल्कुल भी न रहें। फैमिली, खासकर छोटे बच्चों हों तो उनके साथ समय व्यतीत करनें का प्रयास करे।

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यदि आप वास्तव में अपने नशे की लत से छुटकारा पाना चाहते है, तो उसके और विकल्प खोजे| जैसे – सिगरेट या गुटखे की तलब हो तो इनकी जगह इलायची, सौंफ आदि ले सकते हैं। सिगरेट के ऑप्शन के रूप में ई-सिगरेट (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) या हर्बल सिगरेट यूज कर सकते हैं। हालांकि डल्यूएचओ ने ई-सिगरेट का विरोध किया है, फिर भी कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि कम मात्रा में यूज की जाए तो ये सिगरेट छोड़ने में मददगार हो सकती हैं।

नशा छोड़ने का इलाज (Drug Addiction Treatment)

नशे में आदत और तलब दोनों अलग-अलग चीजें हैं। कई बार नशे करनें का आदि व्यक्ति आदतन सिगरेट निकालकर मुंह से लगा लेता है, जबकि तलब में वह चाहकर भी स्वयं को रोकनें में असमर्थ हो जाता है। इन दोनों को ध्यान में रखते हुए नशे को छुड़ाने के लिए दो तरह से इलाज होता है, जो इस प्रकार है|

  • पहला, मरीज आदत पर कंट्रोल कर खुद नशे को छोड़ दे लेकिन, उसके बाद लगने वाली तलब को कम करने या बीमारियों के इलाज में डॉक्टर और काउंसिलर से मदद ले।
  • दूसरे, मरीज लत को छोड़ नहीं पा रहा तो दवाओं के जरिए उसकी तलब को कम किया जाता है, फिर दूसरी बीमारियों का इलाज होता है।
  • इलाज में जनरल फिजिशियन के अलावा काउंसलरों की काफी बड़ी भूमिका होती है।

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नशा छोड़ने हेतु आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment For Drug Addiction)

आयुर्वेद के अनुसार नशे से शरीर में पात, पित्त या कफ में से कोई एक या अधिक दोष बढ़ जाते हैं। इन्हीं दोषों को बैलेंस करने के लिए आयुर्वेद काम करता है।

  • नीबू का आधा चम्मच रस एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में कई बार लें।
  • चुटकी भर सौंठ (सूखा अदरक) पानी के साथ दिन में दो बार लें।
  • अदरक और काली मिर्च को शहद और नीबू के साथ मिलाकर लेना नशे के पीड़ितों के लिए फायदेमंद है।
  • पानी में 4 घंटे भिगोकर रखी गईं एक चम्मच किशमिश सुबह और शाम खाएं।
  • मरीज को भ्रम की स्थिति से निकालने में ब्राह्मी, यष्टिमधु (मुलहठी), गुडुची या शंखपुष्पी का सेवन फायदेमंद है।
  • शुरुआती स्टेज में पंचकर्म के जरिए भी शरीर की शुद्धि की जाती है।
  • ऐलोवेरा लिवर के लिए फायदेमंद है, जबकि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को पुष्ट बनाता है।

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अल्कोहॉलिक्स एनॉनिमस (Alcoholics Anonymus)

यह संस्था लोगो को शराब छुड़ाने का कार्य करती है। इसके सभी सदस्य ऐल्कॉहॉलिक रह चुके हैं। इसे अल्कोहॉलिजम के शिकार लोगों का परिवार कहें तो बेहतर होगा। यहां किसी तरह की फीस नहीं ली जाती। यहां होने वाली मीटिंग में सभी सदस्य अपने अनुभव और उन गलतियों को शेयर करते हैं, जो उन्होंने शराब की वजह से कीं। नए सदस्य को एक ट्रेनर को सौंप दिया जाता है, जिसे स्पॉन्सर कहते हैं। स्पॉन्सर उनके साथ हमेशा कॉन्टैक्ट बनाए रखता है। इसके लिए लगातार 90 मीटिंग अटेंड करने की सलाह दी जाती है।

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