अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से सम्बंधित जानकारी (Information Related To International Yoga Day)
हमारे देश की प्राचीनतम पहचान योग है, इसके द्वारा ऋषि- मुनियों ने लोगों का अधिक से अधिक लाभ किया है | भारत में विज्ञान के कारण लोगों का ध्यान योग से दूर होता जा रहा था, जिससे हम अपनी संस्कृति को भूल रहे थे | अपनी संस्कृति को भारत सहित पूरी दुनिया में प्रचार- प्रसार करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इसके लाभों के विषय में जानकरी दी और प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग मनाने के लिए प्रस्ताव दिया जिसे भारत सहित कई देशों ने पारित किया गया | इस पेज पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) क्या है, इसकी शुरुआत कब हुई, यह 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है, के बारे में बताया जा रहा है |
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) क्या है ?
प्राचीन समय में भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था | भारत को विश्व गुरु की संज्ञा दी जाती है, जिसका आधार योग को माना जाता है | भारत के महान विचारकों ने अपने ज्ञान को वेदों और पुराणों में समाहित करने का प्रयास किया है | इन वेदों और पुराणों की रचना भारत के महान ऋषि- मुनियों के द्वारा की गयी है | ऋषि- मुनियों को यह ज्ञान योग के द्वारा ही मिला है | योग मन, मस्तिष्क, और शरीर को स्वस्थ्य रखता है, जिससे सोचने, विचार करने और रोगों से लड़ने की शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है | योग को धर्म के साथ न जोड़ कर देखा जाए तो यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए अत्यंत लाभकारी है | योग के द्वारा ही बड़ी से बड़ी बीमारी को दूर करने में सफलता पायी गयी |
ऐलोपैथिक में जिस भी बीमारी का इलाज केवल ऑपरेशन बताया जाता है, योग के द्वारा उस बीमारी को जड़ सहित समाप्त किया जा सकता है | योग शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है, इसके द्वारा बिना रोग के सही ढंग से अपना जीवन व्यतीत किया जा सकता है |
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योगासन (Yoga Posture)
योग करने के बहुत से आसन है, जिसका नियमित अभ्यास करने से आप अपनी बीमारी से छुटकारा पा सकते है | प्रमुख आसन इस प्रकार है-
- अर्ध शलभासन
- अर्ध- चक्रासन
- अर्ध-मत्स्येन्द्रासन
- उत्तान पादासन
- उत्थित-पद्मासन(लोलासन)
- उष्ट्रासन
- गोमुखासन
- चक्रासन
- ताड़ासन
- धनुरासन
- पद्मासन
- पवन-मुक्त आसन
- पश्चिमोत्तानासन
- भुजंग आसन
- मत्स्यासन
- मयूरासन
- योग मुद्रा
- वक्रासन
- वज्रासन
- वृक्षासन
- शलभासन
- शशांकासन
- सर्वांगासन
- सिद्धासन
- सुप्त-वज्रासन
- सूर्य-नमस्कार
- सेतुबंधासन
- हंसासन
- हलासन
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) की शुरुआत कब हुई ?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के महत्व को समझते हुए इसकी पहल 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में की थी |
संयुक्त राष्ट्र महासभा में नरेंद्र मोदी ने कहा, “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है, विचार और कार्य, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण पैदा करता है, यह अभ्यास के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना को खोजने के लिए है, हमारी जीवनशैली बदलकर और चेतना पैदा करके, यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में हमारी मदद कर सकता है, आइये हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करें” |
इसके साथ ही भारत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) का प्रस्ताव पेश किया | इस प्रस्ताव पर 190 देशों ने अपना समर्थन दिया इस समर्थन में 40 मुस्लिम देश भी शामिल थे | प्रस्ताव पेश होने के 90 दिनों के अंदर ही 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने बहुमत से इस प्रस्ताव को पास कर दिया | इस प्रस्ताव में प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) को मनाये जाने की घोषणा की गयी |
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21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) 21 जून को मानाने के पीछे एक वजह है, यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है | भारतीय संस्कृति के हिसाब से ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है, सूर्य के दक्षिणायन के समय को आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है |
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यहाँ, हमने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, इसकी शुरुआत, और 21 जून को इसे क्यों मनाया जाता है के बारे में जानकारी साझा की है। यदि आपके पास इस संबंधित जानकारी से संबंधित कोई प्रश्न है, या अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया टिप्पणी अनुभाग में पूछें। हम आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों का उत्सुकता से इंतजार करेंगे।
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