करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) क्या है ?

करतारपुर कॉरिडोर से सम्बंधित जानकारी (Information About Kartarpur Corridor) 

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर काफी समय से चर्चा में रहा है| यह सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव की कर्मस्थली है| यहाँ पर नानक देव जी ने अपना शरीर त्याग किया था,  जिसके कारण से यह सिख समुदाय इसे एक पवित्र स्थल मानते है| भारत विभाजन से पहले सिख समुदाय के लोग इस स्थल पर दर्शन के लिए जाते थे, परन्तु विभाजन के बाद यह हिस्सा पाकिस्तान में चला गया| जिस कारण से भारतीय लोग करतारपुर जाने से वंचित हो गए| भारत के पाकिस्तान से सम्बन्ध अच्छे न होनें के कारण भारतीय इस स्थल पर नहीं पहुंच पाते है| करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) क्या है ? इसके विषय में आपको इस पेज पर विस्तार से जानकारी दे रहे है|

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इतिहास (History)                                              

सन 1504 ईसवीं में रावी नदी के किनारे गुरुनानक देव जी ने सिख समुदाय की स्थापना की थी| गुरुनानक जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यही पर व्यतीत किये थे | नानक जी हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के प्रिय थे| सन 1539 में नानक जी ने अपना शरीर त्याग दिया | मृत्यु के बाद दोनों समुदायों ने इस स्थान के लिए दावेदारी पेश की| दोनों समुदायों ने आम सहमति के द्वारा एक दीवार के साथ उनकी स्मृति में एक समाधि बना दी गई, लेकिन रावी नदी के चलते यह समाधि बह गई| समाधि बह जाने के बाद रावी नदी के बाएं ओर उनका एक नया आवास स्थान बनाया गया| भारत के सिख समुदाय के लोग इस पवित्र स्थल के दर्शन करने के लिए एक स्थान पर एकत्रित होते हैं, और दूरबीन की सहायता से गुरूद्वारे को देखकर गुरु नानक जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं |

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करतारपुर कॉरिडोर कहाँ स्थित है ? (Where Is The Kartarpur Corridor Located)

अब यह क्षेत्र पाकिस्तान में है, जिस कारण यहाँ पर भारतीय लोग नहीं पहुंच सकते है, यह स्थल पूजनीय होने के कारण सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है | रावी नदी के दाहिने ओर पाकिस्तान की शकारगढ़ तहसील में करतारपुर स्थित हैं और रावी नदी के बायीं ओर गुरदासपुर तहसील स्थापित की गयी है |

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 करतारपुर कॉरिडोर पर प्रस्ताव (Proposal On Kartarpur Corridor)

भारत और पाकिस्तान का बॉर्डर करतारपुर कॉरिडोर है| यह दोनों देशों के बीच एक प्रस्ताव के द्वारा बनाया गया है | यह कॉरिडोर भारत और पाकिस्तान में स्थित दो प्रमुख सिख मंदिरों को एक – दूसरे से जोड़ता है | यह दोनों मंदिर भारत के पंजाब शहर में और पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित है | यह दोनों स्थान भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 4.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | भारत और पाकिस्तान के राजनयिकों के द्वारा दोनों पवित्र मंदिरों के बीच एक कॉरिडोर का निर्माण करने पर सहमति बनी है | इस कॉरिडोर के द्वारा भारतीय सिख समुदाय के लोग बिना वीजा के जा सकेंगे | इस प्रकार से दोनों देशों के बीच जारी तनाव को समाप्त किया जा सकता है |

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यहाँ पर हमनें आपको करतारपुर कॉरिडोर के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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