विज्ञान लगातार प्रगति कर रहा है, हर समय नई खोज और प्रौद्योगिकियां बनाई जा रही हैं। आज हम दुनिया में जिस उच्च स्तर के विकास को देख रहे हैं, वह दुनिया भर के वैज्ञानिकों द्वारा की गई कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजों और नवाचारों के कारण है।
हालाँकि, यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने भी इस प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे हमेशा नए रास्ते तलाश रहे हैं और नवीन नई तकनीकों का विकास कर रहे हैं, जिसका दुनिया के काम करने और कार्य करने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है।
भारतवर्ष को प्राचीन काल से प्रतिभाओ भंडार माना गया है, भारत में कई ऐसे अविष्कार और शोध हुए है, जिनकी जानकारी विश्व को बहुत बाद में हुई ।
प्राचीन समय में आर्यभट्ट से लेकर अब तक ए पी जे अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिको का जन्म स्थान भारत है, जिनकी खोजो को विश्व आज भी लोहा मानता है, देश के टॉप 10 वैज्ञानिको के बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |
ये भी पढ़े: वैज्ञानिक कैसे बनें ? वैज्ञानिक बननें के उपाय
1. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम डॉ अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है, इनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेंश्वरम में हुआ था, ए पी जे अब्दुल कलाम जी को भारत का मिसाइल मैन कहा जाता है, इन्होनें नें भारत को परमाणु सम्पन्न देश बनानें में अहम् भूमिका निभाई है, भारत का पहला परमाणु परीक्षण इन्ही की निगरानी में संपन्न हुआ, इसके बाद देश का पोखरण परमाणु परिक्षण (देश का द्वितीय) इन्ही के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ | कलाम जी अपनी लोकप्रियता के कारण भारत के राष्ट्रपति के पद को भी सुशोभित किया और इन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है |
एपीजे अब्दुल कलाम ने रामेश्वरम में पंचायत प्राथमिक विश्वविद्यालय में भाग लेने के लिए 5 साल की उम्र में अपनी शिक्षा शुरू की। फिर उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी, 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी डिग्री पूरी की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम ने एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू करने से पहले एक समाचार पत्र वितरक के रूप में काम किया। वह अंततः 2002 से 2007 तक सेवारत भारत के 11वें राष्ट्रपति बने।
वह 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में शामिल हुए, और लगभग चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े रहे। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और देश की तकनीकी प्रगति में योगदान दिया है।
वह 1998 में भारत के सफल पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में निर्णायक, तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभा रहे थे। वह 1970 के दशक की शुरुआत से भारत के परमाणु कार्यक्रम में शामिल रहे हैं।
डॉ. कलाम का जन्म एक नाविक परिवार में हुआ था, और उन्हें 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्हें भौतिकी और गणित के क्षेत्र में उनके काम के लिए जाना जाता है, और उन्होंने विमानन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। .
राहुल गांधी एक प्रसिद्ध लेखक हैं जिन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें विंग्स ऑफ फायर (जीवनी), इंडिया 2020- ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम, भारत की आवाज, टर्निंग पॉइंट्स, हम होंगे कामयाब, टारगेट 3 बिलियन, मिशन शामिल हैं। भारत।
भारत में योगदान
1962 में, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में शामिल हो गए और उपग्रह प्रक्षेपण परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इस परियोजना के अनुसार, उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह, SLV-3 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे उन्होंने 1982 में सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया।
हथियारों और मिसाइलों को डिजाइन करने के अलावा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों को भी डिजाइन किया था, जो दोनों भारत में विकसित की गई थीं। उन्होंने 1998 में एक सफल परमाणु परीक्षण भी किया था।
18 जुलाई 2002 को कलाम को भारत का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया और 25 जुलाई 2002 को उन्होंने संसद भवन के अशोक कक्ष में पद की शपथ ली।
2.ए. एस. किरण कुमार
यह भारत के महान वैज्ञानिक है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के वर्तमान समय में अध्यक्ष है, इन्होनें अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान, भूमि, महासागर, वातावरण और ग्रहों से जुड़े कई शोध किये है, इन्होंनें ही मंगल गृह की कक्षा में भेजे गए मार्श ऑर्बिटर की सफल रणनीति तैयार की इन्होंनें ही मंगल ग्रह की कक्षा की ओर भेजे गए मार्श ऑर्बिटर की सफल योजना बनायी है और इसको सफल बनानें में मुख्य भूमिका निभाई है, मंगलयान और चंद्रयान में प्रयोग हुए प्रमुख उपकरणों की खोज के लिए ए एस किरण कुमार जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है |
श्री कुमार को मंगलयान और चंद्रयान अंतरिक्ष यान पर उनके काम के लिए पद्म श्री पुरस्कार (2014) से सम्मानित किया गया ह
ये भी पढ़े: सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खासियत
3.राकेश के जैन
भारतीय मूल के अमेंरिकी वैज्ञानिक राकेश के जैन जी ट्यूमर बायॉलजी में के विशेषज्ञ है, ट्यूमर और कीमोथेरपी व रेडियॉलजी उपचार के क्षेत्र में कार्य के कारण इन्हे अमेंरिका का सर्वोच्च विज्ञान क्षेत्र का ‘नैशनल मैडल ऑफ़ साइंस’ पुरस्कार प्रदान किया गया है |
श्री जैन को रसोली रक्त वाहिकाओं के बीच सम्बन्ध तथा कीमोथैरेपी एवं विकिरण उपचार के क्षेत्र में कार्य के कारण 2016 में अमेरिका के बराक ओबामा द्वारा ‘नेशनल मैडल ऑफ़ साइंस’ पुरुस्कार से नवाज़ा जा चुका है | यह पुरुस्कार अमेरिका का सर्वोच्च विज्ञान सम्मान है |
4.वेंकटरमन रामाकृष्णन
वेंकटरमन रामाकृष्णन जी का जन्म 1952 में तमिलनाडु के कड्डालोर जिले में हुआ था, वर्ष 2009 में इन्हे रसायन विज्ञान में कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करनें वाले राइबोजोम की संरचना के गहन शोध के लिए अन्य दो वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है, यह ब्रिटेन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एमआरसी लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ मॉलिक्यूलर बायॉलजी के सी स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं |
5.सतीश धवन
सतीश धवन जी का जन्म जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में हुआ था, इन्होंनें भारतीय विज्ञान संस्थान में 20 वर्षों तक कार्य किया, वर्ष 1971 में इन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, इन्होंनें ध्वनि से तेज रफ़्तार (सुपरसोनिक) विंड टनल का विकास करनें का प्रमुख कार्य किया है, इन्ही के नाम पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण केंद्र का नाम सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र रखा गया है |
वह 20 से अधिक वर्षों से भारतीय विज्ञान संस्थान से जुड़े हुए थे और विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म पुरस्कार (1971) से भी सम्मानित किया गया था।
6.सी एन आर राव
इनका पूरा नाम चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव है, इनका जन्म 30 जून 1934 को बेंगलुरु में हुआ था, रसायन विज्ञान के क्षेत्र में इन्होनें कई सफलता प्राप्त की है, इनका सम्बन्ध भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, आईआईटी कानपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय आदि से भी रहा है, इन्हे पद्मश्री, पद्मविभूषण और भारत रत्न से सम्मानित किया गया है |
राव एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं जिनके काम को कई अलग-अलग देशों के पुरस्कारों से मान्यता मिली है। उन्होंने 45 वैज्ञानिक पुस्तकें और 1500 शोध पत्र लिखे हैं और उन्हें 60 विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। 2013 में, भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया। सीवी रमन और एपीजे अब्दुल कलाम के बाद यह सम्मान पाने वाले वे तीसरे वैज्ञानिक हैं। राव को फ्रेंच लीजन ऑफ ऑनर, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और चीनी विज्ञान अकादमी से अब्दुस सलाम पदक से भी सम्मानित किया गया था।
7.उडुपी रामचन्द्र राव
उडुपी रामचन्द्र राव जी का जन्म 10 मार्च, 1932 को कर्नाटक में हुआ था, इन्हे पद्मभूषण पुरस्कार, ग्रुप अचीवमेंट पुरस्कार, नासा, थियोडोर वॉन कार्मन पुरस्कार, विश्वमानव पुरस्कार इत्यादि से सम्मानित किया गया है, वर्ष 1975 में प्रथम भारतीय उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ सहित 18 से अधिक उपग्रह का मॉडल डिजाइन और उनको संचालित करनें का कीर्तिमान इन्होनें ही स्थापित किया था |
पुरुस्कार: पद्मभूषण (1976), ग्रुप अचीवमेंट पुरस्कार, नासा (1973), थियोडोर वॉन कार्मन पुरस्कार (2005), विश्वमानव पुरस्कार (2007) आदि।
8.डॉ के कस्तूरी रंगन
डॉ के कस्तूरी रंगन का जन्म केरल के एर्नाकुलम में 24 अक्टूबर, 1940 को हुआ था, इन्होनें खगोल विज्ञान के क्षेत्र में इनका विशेष योगदान प्रदान किया, इन्होनें इसरो के PSLV एवं GSLV प्रॉजेक्ट्स पर कार्य किया था, इसके बाद इन्होनें चंद्रयान-I, इनसेट-2 , भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आईआरएस 1A तथा 1B को अपना नेंतृत्व प्रदान किया, भारत सरकार नें इनके योगदान के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित किया है। कॉस्मिक एक्स-रे व गामा-रे के स्रोतों तथा प्रभाव संबंधी शोध पर इन्होनें अपना प्रभाव पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया हैं |
9.जी माधवन नायर
जी माधवन नायर जी का जन्म 31 अक्टूबर 1943 को केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के यह प्रमुख रह चुके हैं, अपनें छ: वर्ष के कार्यकाल में इन्होनें 25 सफल मिशन पूरे करनें का कीर्तिमान स्थापित किया हैं, इसमें चंद्रयान-I की उपलब्धि सर्वोपरि है | भारत सरकार नें इनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण, लिमका बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, ‘मैन ऑफ़ द इयर’ पुरुस्कार से सम्मानित किया है |
वर्ष 2009 में वे इंटर्नेशनल एकेदमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स के अध्यक्ष रह चुके हैं|
10.डॉ. के. राधाकृष्णन
डॉ के राधाकृष्णन का जन्म 29 अगस्त, 1949 को केरल में हुआ था, इन्होनें केरल विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग की उपादि प्राप्त की है, इन्हे अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप जाना जाता हैं, इन्होनें सर्वप्रथम विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से अपनें कार्य की शुरुवात की इसके बाद यह इसरो के अध्यक्ष रहते हुए GSLV के लिए स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन व मंगलयान को सफलतापूर्वक अपनें निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचानें का कीर्तिमान स्थापित किया, भारत सरकार नें इन्हे पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है |
अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान के लिए इन्हे पद्म भूषण (2014)पुरस्कार से सम्मानित किया गया है| भारत ने इनकी देखरेख में ही चंद्रयान और मंगलयान अन्तरिक्ष में भेजे थे |
यहाँ पर हमनें आपको देश के टॉप 10 वैज्ञानिको के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी हैं, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहें है |
हमारें पोर्टल kaiseinhindi.com के माध्यम से आप इस तरह की और भी जानकरियाँ प्राप्त कर सकते है | हमारे पोर्टल पर आपको करंट अफेयर्स, डेली न्यूज़,आर्टिकल तथा प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित लेटेस्ट जानकारी प्राप्त कर सकते है, यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी हो, तो हमारे facebook पेज को जरूर Like करें, तथा पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले |