1947 में भारत कैसे आज़ाद हुआ था ?

 भारत कैसे आज़ाद हुआ था 

15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, इस स्वतंत्रता संग्राम के समय ही द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था | जिसमे ब्रिटेन को भारी हानि हुई थी, तथा उनकी आर्थिक स्थिति अत्यधिक ख़राब हो गयी थी | जिससे वह भारत के ऊपर शासन करने में अक्षम थे | इसके अतिरिक्त अतर्राष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा था, जिस कारण ब्रिटेन ने भारत को आजाद करने का निर्णय लिया | द्वितीय विश्व युद्ध के कारण कई देशों को आजादी प्राप्त हुई जैसे फ्रांस ने भी कोम्बिडिया और वियतनाम को आजाद किया था | भारत को आजादी प्राप्त करने में हमारे देश के महान नेता महात्मा गाँधी की अगुवाई में इस आजादी की लड़ाई को लड़ा गया और इस समय अंग्रेजों की विपरीत परिस्थतियों का लाभ भारत के लोगों को प्राप्त हुआ था | वर्ष 1947 में भारत कैसे आज़ाद हुआ था ? इसके बारें में आपको इस पेज पर बता रहे है |

ये भी पढ़े: क्या है भारत चीन सीमा विवाद ?

ADVERTISEMENT विज्ञापन

ये भी पढ़े: भारत का नक्शा किसने बनाया

ADVERTISEMENT विज्ञापन

द्वितीय विश्व युद्ध का भारत की आजादी में योगदान

द्वितीय विश्व युद्ध वर्ष 1939-1945 के बीच लगातार 6 वर्षो तक चला जिसमे लाखों लोग मारे गए इस युद्ध की शुरुआत जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने की थी | प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी को बहुत ही शर्मनाक संधि से गुजरना पड़ा था | उसी के प्रभाव स्वरूप इसका प्रतिशोध लेने के लिए हिटलर ने मित्र राष्ट्रों को एक- एक कर के कब्ज़ा करना प्रारंभ कर दिया | जिससे मित्र राष्ट्र भयभीत हो गए इस युद्ध में ब्रिटेन के बहुत से सैनिक मारे गए | उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी थी | अब उसके पास इतना भी धन शेष नहीं था, कि वह अपनी सेना रख सके | ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध में भारत के लोगों का सहयोग लिया | जिससे हजारों की संख्या में भारतीय सैनिक मारे गए |

ये भी पढ़े: धारा 370 क्या है

सुभाष चंद्र बोस जापान की सहायता कर रहे थे, इसलिए वह मित्र राष्ट्रों की सेनाओं के साथ युद्ध कर रहे थे | इस प्रकार से एक भारतीय दूसरे भारतीय के साथ युद्ध कर रहे थे | जिसका जन आक्रोश अतिशीघ्र हुआ और भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों की ओर से युद्ध लड़ने के लिए मना कर दिया |

ADVERTISEMENT विज्ञापन

ब्रिटेन इस समय बिलकुल असहाय हो गया | इधर भारत में महात्मा गाँधी जी का भारत छोड़ों आंदोलन अपने शीर्ष पर था | जिससे भारत में अंग्रेजों की हालत अत्यधिक ख़राब हो गयी थी |

इसी समय ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन हुआ | जिसने भारत को स्वतंत्र करने का निर्णय लिया | द्वितीय विश्व युद्ध का यह परिणाम हुआ की ब्रिटेन एक कमजोर देश बन गया और अमेरिका एक विश्व शक्ति के रूप में सबके सामने आया | अमेरिका भी ब्रिटेन का उपनिवेश था परन्तु विश्व युद्ध के बाद परिस्थिति इतनी परिवर्तित हो गयी कि, ब्रिटेन अमेरिका का कर्जदार बन गया और उसी के दबाव के फलस्वरूप भारत की आजादी को और बल प्राप्त हुआ |

ये भी पढ़े: भारत की राष्ट्रभाषा क्या है ?

आजादी के समय भारत के अंदर परिदृश्य

8 अगस्त 1942 को महात्मा गाँधी जी ने भारत छोड़ों आंदोलन की शुरुआत की जिसमे भारत के लाखों युवाओं ने अपना कॉलेज छोड़ कर आंदोलन में शामिल हुए | गाँधी जी ने इसमें करो या मरों का नारा दिया | इस नारे में लाल बहादुर शास्त्री ने थोड़ा सा परिवर्तन कर दिया की मरो नहीं मारों जिससे सम्पूर्ण भारत में एक क्रांति का बिगुल बज गया | जिससे भारत में अंग्रेज भयभीत होने लगे | ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन के कारण भारत को आजाद करने का निर्णय लिया | भारत के अंतिम वायसराय के रूप में लार्ड मांउंट बेटन को भेजा गया | जिनके ऊपर भारत को व्यस्थित रूप से आजाद करने की जिम्मेदारी थी |

ये भी पढ़े: विश्व मे कितने देश है, इनकी राजधानी एवं मुद्रा

लार्ड मांउंट बेटन ने 15 अगस्त 1947 को भारत को आजाद करने का निर्णय लिया, क्योंकि इसी दिन जापान ने आत्मसमर्पण किया था | लार्ड मांउंट बेटन इस दिन को शुभ मानते थे | स्वतंत्र होते- होते भारत अंग्रेजों के षड्यंत्र का शिकार हुआ और फूट डालने के नीति ने भारत को एक सांप्रदायिक दंगों का शिकार होना पड़ा, जिसमे लाखों भारतीय मारे गए और भारत के दो टुकड़े हो गए एक भारत और दूसरा पकिस्तान |  इस प्रकार से हमे आजादी प्राप्त हुई |

ये भी पढ़े: सर्जिकल स्ट्राइक क्या है और कैसे होता है ?

यहाँ पर हमनें आपको भारत की आजादी के विषय में बताया, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

ये भी पढ़े: भारत के महान व्यक्तित्व की सूची

ये भी पढ़े: भारत के अब तक के प्रधानमंत्री की सूची

ये भी पढ़े:  कब लगता है देश और राज्य में राष्ट्रपति का शासन