प्रत्यर्पण संधि के विषय में जानकारी (Information about extradition treaty)
एक देश का दूसरे देश के साथ कई प्रकार के समझौते किये जाते है, इन समझौते को ही संधि कहा जाता है | इन संधियों में ही एक प्रत्यर्पण संधि है, प्रत्यर्पण का अर्थ वापस करना या लौटाना होता है | इस संधि की आवश्यकता तब होती जब कोई व्यक्ति अपने देश में अपराध करने के बाद दूसरे देश भाग जाता है, यदि उस देश के साथ प्रत्यर्पण संधि होती है | उस अपराधी को दूसरा देश पकड़ कर सम्बंधित देश को सौंप देता है | इसके लिए कई प्रकार के नियमों और कानूनों का ध्यान रखा जाता है और उसी के मुताबिक अपराधी को वापस लौटाया जाता है | इस पेज पर प्रत्यर्पण संधि क्या है, प्रत्यर्पण का अर्थ, भारत की प्रत्यर्पण संधि के विषय में बताया जा रहा है |
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प्रत्यर्पण संधि क्या है (WHAT IS THE EXTRADITION TREATY)?
एक देश में अपराध करने के बाद दूसरे देश में भाग जाने पर उस अपराधी को पकड़ कर वापस करना ही प्रत्यर्पण संधि कहलाता है | प्रत्यर्पण संधि करते समय देश अपने- अपने यहाँ के कानून का पूरा ध्यान रखते है | संधि करने से पहले उस देश की संसद द्वारा प्रत्यर्पण संधि के बिल को पास किया जाता है, जिसके बाद ही यह संधि लागू हो सकती है |
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प्रत्यर्पण का अर्थ (MEANING OF EXTRADITION)
प्रत्यर्पण का अर्थ वापस करना या लौटाना है, इस शब्द का प्रयोग उस स्थान पर किया जा सकता है, जब किसी को कोई वस्तु या व्यक्ति मिलता है और पाने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति का वास्तविक मालिक नहीं होता है, तो उस वस्तु या व्यक्ति को वास्तविक मालिक को वापस करना ही प्रत्यर्पण कहलाता है |
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भारत की प्रत्यर्पण संधि (EXTRADITION TREATY OF INDIA)
भारत सरकार ने अभी तक 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं यह देश इस प्रकार से है-
अफगानिस्तान, आस्ट्रेलिया, अजरबेजान, बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, बेल्जियम, भूटान, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, चिली, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, इजरायल, कजाकिस्तान, कुवैत, मलेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको, मंगोलिया, नेपाल, नीदरलैंड्स, ओमान, फिलिपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, थाइलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, युक्रेन, संयुक्त राज्य अमरीका, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, क्रोएशिया, फिजी, इटली, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, स्वीडन, सिंगापुर, श्रीलंका और तंजानिया |
भारत सरकार अधिक से अधिक देशों के साथ इस प्रकार की संधि करना चाहती है, जिससे कोई भी भगौड़ा अपराधी कानून के शिकंजे से बच न सके |
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