हज यात्रा (Haj Travel) के विषय में जानकारी
प्रत्येक मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति अपने जीवन में एक बाद हज की यात्रा करना चाहता है, हज सऊदी अरब के मक्का शहर में है, दुनिया के लगभग सभी मुस्लिम इसी ओर अपना सर कर के नवाज पढ़ते है, जिससे वह अपने गुनाहों की माफ़ी मांग सके | हज मुस्लिम में बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल माना गया है | जब कोई हज के लिए जाता है तो अपने सभी रिश्तेदारों से मिलता है और अपनी गलतियों की माफ़ी मांगता है | इस पेज पर हज यात्रा क्या है, हज के नियम, खर्च, इतिहास, सब्सिडी के विषय में बताया जा रहा है |
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हज यात्रा क्या है (What is Haj Travel)?
सऊदी अरब के मक्का शहर में मुस्लिम समुदाय का एक पवित्र तीर्थ स्थल है, इसे हज कहा जाता है, प्रत्येक देश के मुस्लिम समुदाय के द्वारा इस स्थान की यात्रा की जाती है, इसे ही हज यात्रा कहा जाता है | सऊदी अरब इसके लिए प्रत्येक देश के नागरिकों के लिए एक संख्या का निर्धारण करता है, इससे उस देश से केवल उतनी संख्या में ही लोग हज की यात्रा कर सकते है |
हज के नियम (Rule of Haj)
हज के नियम इस प्रकार है-
- इहराम बांधना
- काबा का तवाफ़
- सफा और मरवा
- शैतान को पत्थर मारना
- जानवर की कुर्बानी
- सिर के बाल मुंडवाना या कतरवाना
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इहराम बांधना
हज करने में सबसे पहले एक विशेष प्रकार की पोशाक पहनी जाती है, इस पोशाक में दो चादरें होती हैं, इन्हें शरीर से लपेटा जाता है | इसके बाद इबादत करने का प्रण किया जाता है | इहराम के पहले शरीर की सफाई कर लेनी चाहिए क्योंकि इहराम के बाद शरीर के किसी भाग से बाल उखेड़ना या कटवाना, सुगंध लगवाने को मना किया गया है | इहराम बांधने के बाद कुरान की आयतें पढ़ते रहना होता है |
काबा का तवाफ़
इहराम के पश्चात काबा जाकर नमाज पढ़ी जाती है | इसके बाद काबा की तवाफ़ (परिक्रमा) की जाती है | काबा को विश्व के सभी मुसलमानों की एकता का प्रतीक माना जाता है | दुनियाभर के मुसलमान काबा की इमारत की तरफ ही मुँह करके नमाज पढ़ते है |
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सफा और मरवा
सफा और मरवा दो पहाड़ियां है इनके सात चक्कर लगाए जाते है साथ ही दुआएं पढ़ी जाती है | इसी स्थान पर हज़रत इब्राहीम की बीवी अपने बेटे इस्माइल के लिए पानी की खोज में आयी थी | मक्का से 5 किलोमीटर दूरी पर मीना नामक स्थान है | इस स्थान पर सभी हज यात्री जिन्हें हाजी कहा जाता है एकत्र होते है, यहाँ पर वह सभी शाम तक नमाज पढ़ते है | इसके अगले दिन अराफात नामक स्थान पर जाते है | वहां पर बहुत बड़े मैदान में सभी खड़े होकर अल्लाह से दुआ मांगते हैं |
शैतान को पत्थर मारना
अराफात से वापस आकर सभी मीना में जाते है, वहां पर तीन खंभे बने हैं, इन्हें शैतान कहा जाता है | सभी हज यात्री इन्हें सात पत्थर मारते हैं | अरबी में इसे रमीजमारात कहा जाता है | यह वह स्थान है जहाँ पर हजरत इब्राहीम को बहकाने की कोशिश की थी कि वह अल्लाह का आदेश न मानें |
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कुर्बानी
पत्थर मारने के बाद जानवर की कुर्बानी दी जाती है | यह जानवर भेड़, बकरा या ऊंट हो सकता है | यह कुर्बानी हजरत इब्राहीम द्वारा की गयी अपने बेटे की कुर्बानी कि याद में की जाती है | हाजी इसके लिए पशुओं की खरीद करते है |
सर के बाल मुंडवाना या कम करना
प्रत्येक पुरुष को अपने पूरे सर के बाल छोटे कराने या मुड़वाने होते है, जबकि महिलाओं को अपने थोड़े से बाल कटवाने होते है | बाल कटवाने के बाद ही एक बार और काबा का तवाफ (परिक्रमा) की जाती है इसके बाद हज को पूरा मान लिया जाता है |
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हज का इतिहास (History of Haj)
माना जाता है की चार हजार साल पहले मक्का का मैदान पूरी तरह से वीरान था | मुस्लिम समुदाय का मानना है कि पैग़ंबर अब्राहम ने अपनी पत्नी हाजिरा और बेटे इस्माइल को फ़लस्तीन से अरब लाने का निर्देश दिया जिससे पहली पत्नी सारा की ईर्ष्या से बचा जा सके | अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम से उन्हें अपनी किस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा जिसके बाद उन्होंने उनके लिए खाने की कुछ चीज़ें और थोड़ा पानी दिया और वह चले गए | कुछ समय के बाद ही यह सामग्री समाप्त हो गयी | इसके बाद हाजिरा और इस्माइल पहाड़ी से नीचे आये और अल्लाह से मदद करने को कहा | इस्माइल ने अपने पैरों को जमीन पर पटका जिससे वहां पर पानी की एक धारा निकल पड़ी इस प्रकार वह जीवित रहे | पैग़ंबर अब्राहम फ़लस्तीन से जब वापस लौटे तो उन्होंने दोनों लोगों को जीवित देखा | इसके बाद अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम से तीर्थस्थान बनाकर समर्पित करने को कहा जिसके बाद अब्राहम और इस्माइल ने पत्थर का एक छोटा-सा घनाकार निर्माण किया इसे ही काबा कहा जाता है |
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हज सब्सिडी (Haj Subsidy)
भारत सरकार ने 16 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हज सब्सिडी को समाप्त कर दिया है | अब भारतीय मुसलमानो को अपने खर्चे पर हज यात्रा करनी होगी | भारत सरकार इस बची हुई धनराशि का अल्पसंख्यक की शिक्षा में खर्च करेगी इसमें विशेष रूप से अल्पसंख्यक महिला वर्ग को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाता है |
हज यात्रा का खर्च (Haj Travel Expenses)
हज यात्रा का खर्च श्रेणी के अनुसार होता है, ग्रीन श्रेणी के आवेदकों को 290850 रुपये और अजीजिया श्रेणी में 253800 लाख रुपये का भुगतान करना होता है |
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यहाँ पर हमनें हज यात्रा क्या है, हज के नियम, खर्च, इतिहास, हज सब्सिडी के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
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