ब्लड शुगर से सम्बंधित जानकारी (About Blood Sugar)
वर्तमान समय में तेजी से बदलती जीवनशैली, तनाव, डिप्रेशन के कारण अनेक प्रकार की नई बीमारियां उत्पन्न हो रही है, इन्ही में से एक गंभीर बेहद बीमारी डायबिटीज (मधुमेह) है| इस बीमारी को हम आम भाषा में शुगर की बीमारी भी कहते है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ बड़ों को ही नहीं बच्चों को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, आज दुनिया भर में लगभग 422 मिलियन लोग डायबिटीज की समस्या से ग्रसित हैं, जिसमे से करोड़ों भारत में ही हैं। आईये जानते है कि ब्लड शुगर क्या है, और इसे कैसे चेक करे ?
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ब्लड शुगर क्या है (What is Blood Sugar)
जब हमारे अग्न्याशय में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक ऐसा हॉर्मोन है, जिसका निर्माण पाचक ग्रन्थि द्वारा होता है और इसकी आवश्यकता त भोजन को एनर्जी बदलने में होती है। इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर की मात्रा को नियंत्रित नहीं कर पाता है। इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा लेने में काफी कठिनाई होती है। जब ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल हमारे रक्त में लगातार बना रहता है, तो यह शरीर के कई अंगों को हानि पहुंचाना शुरू कर देता है जिसमें आंखें, मस्तिष्क, हृदय, धमनियां और गुर्दे प्रमुख हैं।
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डायबिटीज के प्रकार (Types of Diabetes)
- इस प्रकार की डायबिटीज अधिकांशतः छोटे बच्चों या 20 वर्ष से कम आयु के लोगों में पाई जाती है। जब हमारे अग्न्याशय में इंसुलिन नहीं बनता है, ऐसे में टाइप 1 डायबिटीज की शुरुआत होती है। इसमें रोगी को अपने खून में ग्लूकोज का लेवल नॉर्मल बनाए रखने के लिए समय-समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं।
- इस प्रकार की डायबिटीज में शरीर के अन्दर इन्सुलिन का निर्माण तो होता है, पर वह शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होता। दुनिया भर में सबसे अधिक लोग इसी प्रकार के मधुमेह से पीड़ित हैं। यह अनुवांशिक भी हो सकती है, और मोटापे के कारण भी बन सकता है।
डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)
- स्किन पर बार बार इन्फेक्शन होना और बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
- भूख ज्यादा लगना
- ज्यादा खाना खाने के बाद भी रोगी का भार कम होना
- चक्कर आना और हृदय गति अनियमित होने का खतरा
- किडनी खराब होना
- बार-बार पेशाब का आना
- आंखों की रोशनी कम होना
- ज्यादा प्यास लगना
- कमजोरी महसूस होना
- कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
- रोगी के हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
डायबिटीज की जाँच (Diabetes Test)
यदि इन लक्षणों से कोई भी लक्षण होने की स्थिति में आप को अतिशीघ्र डायबिटीज की जाँच करानी चाहिए| इसके अलावा जिन लोगो के पारिवारिक सदस्यों को डायबिटीज है, उन्हें नियमित रूप से बिना किसी लक्षण के भी जाँच कराते रहना चाहिए| 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगो को कम से कम वर्ष में एक बार शुगर की जाँच अवश्य करानी चाहिए| डायबिटीज के निदान के लिए जाँच केवल लेबोरेटरी से ही करानी चाहिए| डायबिटीज की जांच कई तरीके से की जा सकती है, जो इस प्रकार है –
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ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test)
यह टेस्ट ऐसे व्यक्ति को करने के लिए कहा जाता है, जिसको डायबिटीज का संदेह तो होता है, परन्तु उसका एफपीजी टेस्ट ब्लड शुगर के स्तर को नॉर्मल दर्शाता है। ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट को (ओजीटीटी) भी कहा जाता है। इस टेस्ट से लगभग 2 घंटे पहले लगभग 75 ग्राम एनहाइड्रस ग्लुकोज़ को पानी में मिला कर पीना होता है तभी शुगर के सही लेवल की जांच की जा सकती है। ओजीटीटी टेस्ट करने के लिए कम से कम 8 से 12 घंटे पहले कुछ नही खाना होता है।
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फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट (Fasting Plasma Glucose Test)
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट अर्थात एफपीजी को ग्लूकोज फास्टिंग टेस्ट भी कहते हैं। यह टेस्ट खली पेट सुबह के समय किया जाता है। टेस्ट से पहले फास्टिंग से ब्लड शुगर का सही स्तर पता करने में मदद मिलती हैं। यह टेस्ट बहुत ही सटीक, सस्ता और सुविधाजनक होता है। ग्लूकोज फास्टिंग टेस्ट प्री डायबिटीज और डायबिटीज का पता लगाने का सबसे लोकप्रिय टेस्ट है। हालांकि कई बार प्री डायबिटीज के मामले में इस टेस्ट से मिलनें वाले परिणाम बेहतर नही होते है|
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घर पर जानें अपने ब्लड शुगर का स्तर (Blood Sugar Level)
आप अपने घर पर ही ब्लड शुगर का स्तर जान सकते हैं। इससे आपको आपकी नियमित देखभाल में फायदा होता है और आप उसी स्तर के अनुसार अपनी देखरेख कर सकते हैं। घर पर ब्लड शुगर का टेस्ट करने से आप ब्लड शुगर के स्तर को जांच सकते हैं। घर पर ब्लड शुगर की जांच करने के तरीके को आसानी से सीखा जा सकता है।
जाँच करनें के स्टेप्स (Check Steps)
- ब्लड शुगर की जांच के लिए सबसे पहले गर्म पानी से अपने हाथ को धुल कर साफ तौलिए या काटन से पोछ लीजिए।
- अपनी उंगली से खून की एक बूंद निकालकर सूई को उसके डिवाइस में रख दीजिए।
- उसके बाद जांच के लिए एक कांच की पट्टी बॉटल से लीजिए, पट्टी में खून की बूंद का नमूना डालने के बाद तुरंत बॉटल को बंद कर लीजिए ताकि कोई अन्य टेस्टिंग स्ट्रिप या नमी उससे ना मिले ।
- टेस्टिंग डिवाइस के लेवल पर लगे निर्देशों को पढ़कर ब्लड शुगर मीटर को तैयार रखिए।
- रूई के साफ टुकडे को लेकर लैंसेट (खून निकालने के लिए एक प्रकार की निडिल) को उंगली में चुभोइए।
- खून निकालने के बाद यह निश्चित कर लीजिए कि खून जांच करने के बिंदु पर ही डाला गया है या नहीं। उसके बाद अच्छी तरह से परीक्षण करने वाले क्षेत्र को कवर कर दीजिए।
- उंगली के जिस भाग से आपका खून निकला है, वहां रूई लगाइए जिससे ज्यादा खून न निकले।
- ब्लड शुगर का परिणाम जानने के लिए कुछ वक्त तक इंतजार कीजिए। मीटर कुछ सेकेंड में यह रिजल्ट दे देता है।
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यहाँ पर हमनें आपको ब्लड शुगर चेक करनें के विषय में बताया| यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
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