डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले?

डिप्रेशन से सम्बंधित जानकारी (About Depression)

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में लोग भाग दौड़ में इतना व्यस्त हो जाते हैं, कि कुछ समय बाद ही वह डिप्रेशन अर्थात अवसाद का शिकार हो जाते हैं| डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी होती है, जो कुछ लोगों को थोड़े समय के लिए ही रहती है, लेकिन कई लोगों में डिप्रेशन एक भयानक रूप ले लेता है| इस स्थिति में लोगों का मन ज़िंदगी से भर जाता है, जिसके कारण व्यक्ति की रोजमर्रा ज़िंदगी और उसके कामकाज में बुरा प्रभाव पड़ता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस बीमारी से ग्रसित लोगो की संख्या सबसे अधिक है। भारत में लगभग 36 प्रतिशत लोग इससे प्रभावित है| सबसे खास बात यह है कि अधिकांश लोग नहीं जानते की वह डिप्रेशन का शिकार है|  डिप्रेशन क्या है,  डिप्रेशन (Depression) से बाहर कैसे निकले ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|

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डिप्रेशन क्या है (What Is Depression)

डिप्रेशन या अवसाद एक प्रकार का मानसिक रोग है| इससे ग्रसित व्यक्ति  उदासी, अस्थिरता, अकेलापन, निराशा व पछतावा महसूस करता है। रोगी को ऐसा महसूस होता है, कि किसी को उसकी आवश्यकता नहीं है, वह सबके ऊपर बोझ है। डिप्रेशन से पीड़ित लोगों का मानसिक संतुलन अकसर खराब रहता है। छोटे से छोटा काम पूरा करना भी उन्हें महाभारत-सा मुश्किल लगता है। छोटी-सी बात पर भी परेशान हो जाना इसका सामान्य लक्षण है।वैज्ञानिको द्वारा किये गये विभिन्न शोधों से ज्ञात हुआ है कि अवसाद के पीछे जैविक, आनुवांशिक व मनोसामाजिक कारणों की एक मजबूत और जटिल पारस्परिक क्रिया होती है।

कोई अपने किसी नजदीकी व्यक्ति की मृत्यु पर अवसाद का शिकार हो जाता है, तो कोई गंभीर बीमारी होने पर। इसके अलावा बॉयोकेमिकल असंतुलन के कारण भी डिप्रेशन हो सकता है। मस्तिष्क में मौजूद रसायन, तंत्रिकाओं द्वारा संदेश भेजने में अहम भूमिका निभाते हैं। डिप्रेशन के दौरान उस व्यक्ति के शरीर में खुशी देने वाले हॉर्मोन्स जैसे कि ऑक्सिटोसीन का बनना कम हो जाता है| जिसके कारण वह व्यक्ति चाहकर भी खुश नहीं रहते| जब इन रसायनों में असंतुलन पैदा होता है तो संदेश ठीक से प्रेषित नहीं हो पाता, इसलिए दिमाग कुछ अलग तरीके से काम करने करता है। ये सब अवसाद के ही लक्षण हैं।

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डिप्रेशन के प्रकार (Types Of Depression)

डिप्रेशन या अवसाद तीन प्रकार का होता है, जो इस प्रकार है –

1.माइल्ड डिप्रेशन (Mild Depression)

इस प्रकार के डिप्रेशन को खतरनाक नहीं माना जाता है। माइल्ड डिप्रेशन की समस्या से लगभग हर इंसान परेशान हो सकता है। प्यार में धोखा खाने लोगों में उदासी और भावुकता को भी माइल्ड डिप्रेशन ही माना जाता है। कभी-कभी माइल्ड डिप्रेशन की समस्या कुछ समय तक रहती है, तो कभी-कभी यह कुछ दिनों तक रह सकती है। माइल्ड डिप्रेशन का इलाज बिना साइकोथेरपी या मेडिकल के भी किया जा सकता है।

2.मॉडरेट डिप्रेशन (Moderate Depression)

इस प्रकार के डिप्रेशन की समस्या 2 सप्ताह से अधिक हो सकती है। मॉडरेट डिप्रेशन की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को भूख नहीं लगती है, और उसके व्यहार में अचानक ही परिवर्तन हो जाता है। मॉडरेट डिप्रेशन की समस्या को काउंसलिंग के द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है। यदि मॉडरेट डिप्रेशन का इलाज ठीक तरह से न किया जाये, तो यह मेजर डिप्रेशन में परिवर्तित हो सकता है।

3.मेजर डिप्रेशन (Major Depression)

मेजर डिप्रेशन की समस्या में व्यक्ति भावनात्मक रूप से टू़टने लगता है। मेजर डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति के बर्ताव और खान-पान पर सीधा असर पड़ता है। मेजर डिप्रेशन की समस्या में व्यक्ति नींद की कमी का भी शिकार हो जाता है। यदि उचित समय पर इसका इलाज न किया जाये, तो व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है। मेजर डिप्रेशन की समस्या में व्यक्ति की देखभाल अधिक करनी होती है।

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डिप्रेशन से बाहर निकलनें के उपाय (Ways To Get Out of Depression)

  • यदि आपको लग रहा है कि आप डिप्रेशन में जा रहे हैं, तो आप किसी अच्छे मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक की सहायता ले|
  • यदि आप डिप्रेशन से बाहर आना चाहते है, तो आप कारण खोजे और यह विचार करे कि इस वजह से बाहर कैसे निकल सकते हैं|
  • कल क्या होगा” यह सोच- सोच कर हम अपनी परेशानियों को और भी बढ़ा देते है, इसलिए हमें आज के बारे में ही सोचना चाहिए और आज को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए|
  • किसी प्रकार के तनाव या दबाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है, कि आप गाने सुनें| इससे तनाव में कमी आती है और इससे व्यक्ति स्वयं को तरोताज़ा महसूस करता है|
  • इंसान डिप्रेशन को कम करने के लिए अक्सर नशीली चीजे जैसे- शराब, ड्रग्स आदि का सहारा लेता है| नशीली चीज़ों का सेवन करने से कुछ समय के लिए मानसिक तनाव दूर हो जाता है, परन्तु धीरे- धीरे इसकी आदत बन जाती है, इसलिए व्यक्ति को नशीली चीज़ों से दूर ही रहना चाहिए|

डिप्रेशन से बचनें के उपाय (Avoid Depression)

डिप्रेशन से बचने के उपाय इस प्रकार है –

1.परिवार और दोस्तों के साथ अधिक समय व्यतीत करे  

जब किसी व्यक्ति का तनाव अत्यधि‍क बढ़ जाता है, ऐसे व्यक्ति का उस समय किसी से मिलने या बातें करने का मन बिल्कुल नहीं करता है, परन्तु यह तरीका आपको डिप्रेशन में जाने से बचा सकता है। जब भी आपको लगे कि‍ आप मानसिक तनाव या डिप्रेशन के शि‍कार हैं, अपने परिवार के लोगों या खास दोस्तों के साथ समय व्यतीत करे।

2.सामाजिक रूप से सक्रिय रहना 

सामाजिक रूप से सक्रिय रहना आपको व्यस्त भी बनाए रखेगा और तनाव के कारण की ओर से आपका ध्यान भी बंटेगा। इससे आप नकारात्मकता के शि‍कार न होकर अपनी ऊर्जा का सही उपयोग कर पाएंगे। कुछ समय में आप सकारात्मकता का अनुभव करेंगें।

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3.नकारात्मकता से रहे दूर  

स्वयं को सकारात्मक बनाएं और प्रोत्साहित करें। अपनी खूबियों और अब तक की उपलब्धि‍यों की सूची बनाए अथवा कुछ उपयोगी और अच्छा कार्य करने के लिए योजना बनाए। स्वयं से प्रेम करें और हर चीज को सकारात्मक नजरिए से देखें।

4.भरपूर नींद लें 

तनाव से ग्रसित होनें पर अपनी नींद का पूरा ध्यान रखें। कम से कम आठ घंटे की नींद अवश्य लें। जब नींद पूरी होगी तो आपके मस्तिष्क को आराम मिलेगा और वह बगैर तनाव के बेहतर तरीके से कार्य करेगा। छोटे-मोटे तनाव के लिए नींद एक बेहतरीन इलाज है।

5.कुछ समय धूप में बैठे  

सुबह के समय या जब भी आप सहज हों तो कुछ समय हल्की धूप अवश्य लें। इससे आपके मन और मस्तिष्क को आराम मिलेगा,साथ ही तनाव भी दूर होगा। प्राकृतिक स्थानों पर जाएं या फिर घर के आंगन, बरामदे या बालकनी में शांत मन से बैठें।

6.व्यायाम अर्थात एक्सर्साइज

नियमित रूप से एक्सर्साइज करने से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, और अनेक प्रकार की बीमारियों से बचे रहते हैं। वेट लॉस, बीमारियों का खतरा कम और शारीरिक सेहत के साथ-साथ एक्सर्साइज आपकी मानसिक सेहत के लिए भी लाभकारी है। प्रतिदिन नियमित रूप से एक्सर्साइज करने पर डिप्रेशन, ऐंग्जाइटी और कई दूसरी मानसिक समस्याएं दूर रहती हैं और आपकी मेंटल हेल्थ बनी रहती है।

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7.ऐरोबिक्स या कार्डियो

वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध में यह सिद्द हो चुका है, कि कम इंटेंसिटी वाले ऐरोबिक्स एक्सर्साइज या कार्डियो एक्सर्साइज, आपके अंदर पॉजिटिव विचारों को प्रोत्साहित करने और आपको और ज्यादा सतर्क बनाने में मदद करते हैं। ऐरोबिक्स के माध्यम से बैड मेंटल हेल्थ डेज को 20.1 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

8.स्विमिंग करना

यदि आप प्रतिदिन मात्र दस मिनट स्विमिंग कर लें, तो यह भी आपके मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में काफी मदद कर सकता है। हालांकि इसके लिए यह आवश्यक है कि आप जो भी करें उसे पूरे इंजॉय के साथ करें। किसी भी एक्सर्साइज को बोझ समझकर न करें वरना उसका आपको कोई लाभ नहीं होगा।

9.योग भी है लाभकारी

आप जिम न जाकर घर में योग भी कर सकते हैं। योग आपकी मानसिक सेहत को बनाए रखने में मदद करता है। योग अपने आप से संपर्क स्थापित करने और फोकस, कॉन्सन्ट्रेशन जैसी चीजों को बेहतर बनाने और मेंटल हेल्थ को फिट और स्ट्रॉन्ग रखने में मददगार साबित होता है।

10.वॉकिंग या जॉगिंग

व्यायाम का यह अर्थ नहीं है कि जिम में घंटों पसीना बहाए। प्रकृति के समीप रहकर दस मिनट भी यदि आप वॉक कर लेते है, तो यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। रिसर्च में यह बात सामने आयी है, कि रनिंग या जॉगिंग करने से बैड मेंटल हेल्थ डेज को 19 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

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