शिमला समझौता (Shimla Agreement) के विषय में जानकारी
भारत का पाकिस्तान के रूप में विभाजन होने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे रिश्ते नहीं रहे है | अभी तक दोनों देशों के बीच चार युद्ध हो चुके है जिसमें भारत ने चारों बार पाकिस्तान को परास्त किया है | दोनों देशो के बीच होने वाले युद्ध का मुख्य मुद्दा कश्मीर है | कश्मीर के राजा हरी सिंह ने भारत में विलय के लिए विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर के आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी थी परन्तु फिर भी पाकिस्तान यह मानने के लिए तैयार नहीं है | 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत के शिमला में एक संधि पर हस्ताक्षर हुए थे | इसे शिमला समझौता के रूप में जाना जाता है | इस पेज पर शिमला समझौता क्या है, यह कब और क्यों हुआ के विषय में जानकारी दी जा रही है |
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शिमला समझौता (Shimla Agreement) क्या है?
वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था | इस युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई थी | इस युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच भारत के शिमला में एक समझौता हुआ इस समझौते को ही शिमला समझौता के नाम से जाना जाता है |
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शिमला समझौता (Shimla Agreement) कब हुआ
शिमला समझौता 2 जुलाई 1972 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान की ओर से ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो के बीच में हुआ था |
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शिमला समझौता (Shimla Agreement) क्यों हुआ ?
वर्ष 1970 में पाकिस्तान में आम चुनाव कराये गए जिसमें जुल्फिकार अली भुट्टो की पार्टी ने पश्चिमी पाकिस्तान में लगभग सारी सीटों पर जीत दर्ज की थी | पूर्वी पाकिस्तान में शेख मुजीबुर रहमान की अवामी लीग ने भी लगभग सारी सीटों पर जीत दर्ज की थी | पूर्वी पाकिस्तान में पश्चिमी पाकिस्तान के सैनिक बर्बरता करते थे और बिना नियम कानून के वहां के लोगों पर जुल्म करने लगे | इसके बाद मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश की आजादी की घोषणा कर दी | इस घोषणा के साथ ही पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात हो गए |
पूर्वी पाकिस्तान से लाखों पाकिस्तानी नागरिक भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में शरण ले रहे थे | भारत ने उस समय पूर्वी पाकिस्तान का साथ दिया और वहां की सेना को प्रशिक्षित किया | जिस पर पश्चिमी पाकिस्तान ने भारत से युद्ध की घोषणा कर दी | इस युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई और उसके 93000 हजार सैनिक बंदी बना लिए गए | भारत ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश घोषित किया | भारत और पाकिस्तान ने युद्ध को विराम करने और आपसी सम्बन्ध सुधारने के लिए भारत के शिमला में समझौता किया |
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शिमला समझौता के प्रावधान (Provisions of Shimla Agreement)
- शिमला समझौते में दोनों देश सभी विवादों और समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान करेंगे और इसमें कोई भी तीसरा पक्ष या मध्यस्थ शामिल नहीं किया जायेगा |
- भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की जिस जमीन पर कब्जा कर लिया था उसे वापस किया जायेगा |
- भारत पाकिस्तान के 93000 हजार सैनिकों को वापस करेगा |
- दोनों देशों ने 17 सितंबर 1971 की युद्ध विराम रेखा को नियंत्रण रेखा के रूप में मान्यता दी और यह तय हुआ कि इस समझौते के बीस दिन के अंदर सेनाएं अपनी-अपनी सीमा से पीछे चली जाएंगी |
- व्यापार और आर्थिक सहयोग को स्थापित किया जायेगा |
- यातायात की सुविधाएं स्थापित की जाएंगी |
नोट:- भारत अगर उस समय चाहता तो वह 93000 हजार सैनिकों के बदले पीओके को मांग सकता था | इस समझौते को पाकिस्तान की कूटनीतिक जीत कहा जा सकता है |
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यहाँ पर शिमला समझौता के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
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