अफ्स्पा कानून क्या है (AFSPA Kanoon Kya Hai)

अफ्स्पा कानून से सम्बंधित जानकारी (Information About AFSP)

भारतीय संसद ने 61 वर्ष पूर्व आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट 1958 “अफस्पा” को पारित किया था| यह सैनिक क़ानून है, जिसे अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है | इस क़ानून के माध्यम से सेना को कुछ विशेष अधिकार प्रदान किये जाते है| आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट ‘अफस्पा’ को 1 सितंबर 1958 को भारतीय राज्य असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड में लागू किया गया था | यदि आपको ‘अफस्पा’ के विषय में जानकारी नहीं है, तो इस पेज पर AFSPA कानून क्या है, यह कब और कहाँ लागू हुआ और यह क्यों है जरूरी के विषय में बताया जा रहा है |

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अफ्स्पा कानून क्या है (AFSPA Law Kya Hai)

AFSPA कानून का पूरा नाम आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट है| इस क़ानून के अंतर्गत सेना को विशेष अधिकार प्रदान किये जाते है, जिसके अंतर्गत सेना देश की सुरक्षा उचित ढंग से करनें सहायता प्राप्त होती है| अशांत क्षेत्रों में सेना का यह बहुत बड़ा हथियार है, इसकी सहायता से राज्य सरकार सेना के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है| इसी क़ानून की सहायता से भारत की सीमाओं पर आतंकवादियों को समाप्त किया जाता है| यह भारत की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे सैनिकों का एक कानूनी सुरक्षा कवच है|

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 कब और कहाँ लागू हुआ (Kab Aur Kaha Lagoo Hua)

1 सितंबर 1958 को असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड सहित भारत के उत्तर-पूर्व में AFSPA को लागू किया गया था | इस कानून का मुख्य उद्देश्य तत्कालीन हिंसा को रोकना और क्षेत्र में शांति की स्थापना करना है| बाद में पंजाब और चंडीगढ़ में भी इस अधिनियम को लागू कर दिया गया जिसे बाद में वापस ले लिए गया इसके बाद 1990 में जम्मू और कश्मीर राज्य में अफ्स्पा को लागू कर दिया गया|

वर्तमान समय में अफ्स्पा इन राज्यों में लागू है-

  • असम
  • नगालैंड
  • मणिपुर (नगरपालिका क्षेत्र इंफाल को छोड़कर)
  • अरुणाचल प्रदेश (केवल तिरप, चंगलांग और लोंगडींग जिले और असम की सीमा के 20 किलोमीटर की बेल्ट तक)
  • मेघालय (असम की सीमा से 20 किलोमीटर की बेल्ट तक सीमित)
  • जम्मू और कश्मीर

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 अफ्स्पा क्यों है जरूरी (Afspa Kyo Jaroori Hai)

अफस्पा भारतीय सशस्त्र सेना का सबसे बड़ा कवच है| आतंकवाद को रोकने में भारतीय सेना ने कई बहादुर सैनिकों और अधिकारियों का बलिदान दिया है| इस अधिनियम के द्वारा सेना यदि किसी व्यक्ति को क़ानून के विपरीत कार्य करते हुए पाया जाता है, तो उस पर शारीरिक बल या गोली का प्रयोग कर सकती है| सेना इस अधिनियम की सहायता से आतंकियों के अड्डे और प्रशिक्षण शिविरों को भी तबाह कर सकती हैं| शक के आधार पर सेना किसी भी स्थान पर तलाशी अभियान चला सकती है, और यदि कोई वस्तु या व्यक्ति संदिग्त अवस्था में पाया जाता है, जो देश की सुरक्षा को हानि पंहुचा सकता है, उसके विरुद्ध सेना बल और गोली का प्रयोग कर सकती है| इस अधिनियम के तहत सेना पर कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती|

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 यहाँ पर हमनें आपको अफस्पा अधिनियम के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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