आर्टिकल 35A क्या है ?

धारा 35A से सम्बंधित जानकारी (Information Of Act 35A )

जम्मू और कश्मीर राज्य को भारत में मिलाने के लिए प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरी सिंह के मध्य समझौता हुआ था | इसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार दिए गए थे | इसके बाद वर्ष 1952 में जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला और भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के बीच “दिल्ली एग्रीमेंट” नाम से एक समझौता हुआ | इस समझौते में भारत की नागरिकता को जम्मू और कश्मीर के निवासियों को दे दी गयी | इस एग्रीमेंट के बाद ही वर्ष 1954 में यह विविदित कानून ‘अनुच्छेद 35A’ बनाया गया था |

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भारतीय संविधान में अनुच्छेद 35A कब जोड़ा गया

14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया | इसके अनुसार भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया |

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अनुच्छेद 35A क्या है (Act 35A Kya Hai)

अनुच्छेद 35A के अनुसार जम्मू और कश्मीर विधानमंडल को यह अधिकार प्रदान किया गया कि वह यह निर्धारित कर सकता है कि जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी कौन है, सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में किसे विशेष आरक्षण दिया जायेगा | इसके अतिरिक्त इस अनुच्छेद के अंतर्गत राज्य सरकार यह तय कर सकती है, कि राज्य के अंदर किसे संपत्ति खरीदने का अधिकार है और कौन वोट डाल सकता है, छात्रवृत्ति तथा अन्य सार्वजनिक सहायता किसे दिया जाए | राज्य सरकार सरकार अपनी इच्छा के अनुसार कानून में परिवर्तन कर सकती है, इसे किसी भी कोर्ट में चुनौती नही दी जा सकती है |

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जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार (J & Kashmir Special Powers As State)

अनुच्छेद 35A में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार दिए गए | इसके अनुसार आजादी के समय दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को राज्य के अंदर राज्य सरकार को किसी भी सुविधाओं को देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है |

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क्‍यों उठी धारा 35A को हटाने की मांग (Why The Demand To Remove Section 35A)

इस अनुच्छेद को संसद के माध्यम से लागू नहीं किया गया था इसलिए इसको मान्यता नहीं दी जा सकती है | इसको हटाने के लिए दूसरी दलील यह दी जा रही है, कि देश के विभाजन के समय बड़ी संख्या में शरणार्थी भारत आए इनमें लाखों जम्मू-कश्मीर राज्य में भी रह रहे हैं | जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 35A के द्वारा सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया है | जम्मू-कश्मीर सरकार अनुच्छेद 35A की आड़ लेकर नागरिकों के साथ भेदभाव कर रही है |

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