एनएमसी (NMC) बिल 2019 क्या है?

एनएमसी (NMC) बिल 2019 के विषय में जानकारी

प्रत्येक व्यक्ति की सबसे बड़ी पूँजी उसका स्वास्थ्य होता है, इसके लिए वह व्यायाम और योगा करता है | यदि किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य का उपचार अप्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा किया जाता है, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है | इसलिए भारत सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए समय- समय पर महत्वपूर्ण निर्णय लेती रहती है, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहती है | इस पेज पर एनएमसी बिल 2019 क्या है, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक 2019 के विषय में जानकारी दी जा रही है |

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नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission)

भारत में अभी तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों का पंजीकरण मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा किया जाता था | नए बिल के अनुसार इस संस्था के स्थान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (नेशनल मेडिकल कमीशन) इसके सभी कार्य देखेगा और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को समाप्त कर दिया जायेगा | राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग में 25 सदस्य होंगे | इसमें एक अध्यक्ष, एक सचिव, आठ पदेन सदस्य और 10 अंशकालिक सदस्य होंगे | नेशनल मेडिकल कमीशन चिकित्सा संस्थानों की मान्यता भी प्रदान करेगा |

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एनएमसी बिल 2019 क्या है (What is NMC Bill 2019)?

एनएमसी बिल 2019 में इस प्रकार के प्रावधान किये गए है-

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अध्यक्ष और सदस्यों का चयन (Chairman and Members Selection)

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा की जायेगी | अन्य सदस्यों की नियुक्ति एक सर्च कमेटी के माध्यम से की जायेगी | सर्च कमेटी के अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होंगे | इसके पूर्व सदस्यों का चयन चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता था |

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मेडिकल एडवाइजरी काउंसिल का गठन (Medical Advisory Council)

भारत सरकारस बिल के माध्यम से एक मेडिकल एडवाइजरी काउंसिल का गठन करेगी, जोकि राज्य मेडिकल शिक्षा और ट्रेनिंग में होने वाली समस्याओं को अपने पास दर्ज करेगी | इसके बाद यह काउंसिल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को इन समस्याओं के विषय में अवगत कराएगी और अपने सुझाव भी देगी |

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संस्थान की फीस (Institute Fees)

इस बिल के द्वारा देश भर के सभी निजी मेडिकल संस्थानों की कुल सीटों में से 40 प्रतिशत सीटों की फीस सरकार के द्वारा तय की जाएगी |

ब्रिज कोर्स (Bridge Course)

एनएमसी बिल 2019 की धारा 49 में एक ब्रिज कोर्स का प्रावधान किया गया है, इस ब्रिज कोर्स को करने के बाद आयुर्वेद, होम्योपेथी के डॉक्टर भी एलोपेथी इलाज करने के योग्य माने जायेंगे |

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मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त

एनएमसी बिल 2019 की धारा 58 के अनुसार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ ही इसके अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जायेंगी | इसके एवज में अधिकारियों और कर्मचारियों को तीन महीने का वेतन और भत्ता प्रदान कर दिया जायेगा |

एक प्रवेश परीक्षा (One Entrance Exam)

इस बिल के अनुसार देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए केवल एक ही परीक्षा का आयोजन किया जायेगा | इसे  नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कहा जायेगा |

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नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT)

एनएमसी बिल 2019 के अनुसार एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्रैक्टिस करने के लिए छात्रों को नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT) देना होगा | नेशनल एक्जिट टेस्ट में उत्तीर्ण होने के बाद ही उन्हें लाइसेंस प्रदान किया जायेगा |

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यहाँ पर हमनें एनएमसी बिल 2019, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक 2019 के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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