धारा 370 के बारें में पूरी जानकारी
ये भी पढ़े: जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) कौन है पूरी जानकारी
ये भी पढ़े: राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या-क्या बदल जाता है
धारा 370 का इतिहास
वर्ष 1947 में भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, उस समय जम्मू कश्मीर के राजा हरी सिंह थे, राजा हरी सिंह अपनें राज्य को स्वतंत्र रखना चाहते थे, इस कारण से उन्होंनें नें भारत और पाकिस्तान दोनों में से किसी से भी नहीं मिलना चाहते थे, पाकिस्तान नें जम्मू कश्मीर पर आक्रमण कर दिया, उस समय राजा हरी सिंह नें भारत से सहायता मांगी, तब भारत नें उनसे भारतीय गणराज्य में सम्मिलित करनें की शर्त रखी, राजा हरी सिंह नें तुरंत इसकी स्वीकृति दे दी और भारत में सम्मिलित करनें पर हस्ताक्षर कर दिए |
ये भी पढ़े: आईपीसी धारा 498A क्या है
ये भी पढ़े: भारत में महिलाओ के अधिकार
उस समय युद्ध की स्थिति अत्यंत ख़राब हो चुकी थी, पाकिस्तानी सेना दूसरे वेश में जम्मू कश्मीर की जनता के साथ बहुत ही अन्याय कर रही थी, तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेंहरू जी नें अपनी सेना जम्मू कश्मीर में भेज दी, इस समय इतना समय नहीं था, की भारत जम्मू कश्मीर को भारतीय गणराज्य में शामिल होनें की प्रक्रिया को सही ढंग से कर सके, उस हस्ताक्षर किये हुए पत्र को ही आधार बनाया गया |
ये भी पढ़े: अध्यादेश क्या होता है, अध्यादेश और विधेयक में अंतर
ये भी पढ़े: विश्व मे कितने देश है, इनकी राजधानी एवं मुद्रा
धारा 370 के प्रभाव
- इस धारा में जम्मू कश्मीर की विधान सभा की स्वीकृति के बिना केंद्र सरकार राज्य के किसी भी कानून में परिवर्तन नहीं कर सकती है, जिसके कारण आज तक जम्मू कश्मीर की विधान सभा नें धारा 370 हटानें की स्वीकृति प्रदान नहीं की |
- पूरे भारत वर्ष में धारा 360 लागू है, परन्तु जम्मू कश्मीर में धारा 370 के कारण, यह धारा 360 प्रभावहीन है |
- 1976 लैंड लॉ पूरे भारत में लागू है, परन्तु धारा 370 के कारण जम्मू कश्मीर में प्रभावहीन है |
- जम्मू कश्मीर का राष्ट्रीय ध्वज दूसरा है, वह भारत के राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते हैं |
- जम्मू कश्मीर के लोगो के पास दो नागरिकता होती है |
ये भी पढ़े: आईपीसी की धारा 420 क्या है
- यदि कोई जम्मू कश्मीर की लड़की की शादी भारत के किसी दूसरे राज्य में हो जाती है, तो उस लड़की से जम्मू कश्मीर की नागरिकता छीन ली जाती है, यदि वही लड़की पाकिस्तान के किसी राज्य में शादी करती है, तो उसको जम्मू कश्मीर की नागरिकता दे दी जाती हैं |
- धारा 370 के कारण जम्मू कश्मीर राज्य में आरटीआई,आरटीई,सीएजी इत्यादि के प्रावधान लागू नहीं है |
- जम्मू कश्मीर में विधान सभा का कार्य काल 6 वर्ष का होता हैं |
- भारत के अन्य राज्य के लोग जम्मू कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते है |
- जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक को 16 प्रतिशत छूट प्रदान की जाती है, भारत के आरक्षण नियम यहाँ पर नहीं मानें जाते है |
ये भी पढ़े: सर्जिकल स्ट्राइक क्या है और कैसे होता है ?
यहाँ पर हमनें आपको धारा 370 के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी हैं, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहें है |
हमारें पोर्टल kaiseinhindi.com के माध्यम से आप इस तरह की और भी जानकरियाँ प्राप्त कर सकते है | हमारे पोर्टल पर आपको करंट अफेयर्स, डेली न्यूज़,आर्टिकल तथा प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित लेटेस्ट जानकारी प्राप्त कर सकते है, यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी हो, तो हमारे facebook पेज को जरूर Like करें, तथा पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले |
ये भी पढ़े: क्या है देश के प्रधान मंत्री के अधिकार
ये भी पढ़े: कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री में क्या अंतर है