कार्टोसैट-3 सैटेलाइट की जानकारी (About Cartosat-3)
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो नें 27 नवंबर की सुबह देश की सुरक्षा और विकास के लिए इतिहास रचा है| इसरो ने सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है| इसरो नें श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कार्टोसैट-3 सहित 13 अमेरिकी नैनो सैटेलाइट ले जाने वाले पीएसएलवी-सी47 को लॉंच किया| इस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भारत की आँख कहा जा रहा है| सुरक्षा की दृष्टिकोण से कार्टोसैट-3 का उपयोग देश की सीमाओं की निगरानी के लिए किया जायेगा, इसके साथ ही यह प्राकृतिक आपदाओं में भी सहायता करेगा| Cartosat-3 सैटेलाइट क्या है, इसकी खासियत और इसके बारें में इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|
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कार्टोसैट-3 सैटेलाइट क्या है (Cartosat-3 Satellite Kya Hai)
कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का उन्नत उपग्रह है, जिसमें हाई रेजॉलूशन तस्वीर लेने की क्षमता है। कार्टोसेट 3 में हाई रिजोल्यूशन स्पेशियल कैमरे का उपयोग किया गया है| कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है, कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम (9.84 इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर लेने में सक्षम है| इस कैमरे के माध्यम से बहुत ही बारीक चीजों को भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हालाँकि अभी तक किसी भी देश ने इतनी स्पष्टता वाले सैटेलाइट कैमरा को लॉन्च नहीं किया है। पाकिस्तान और उसके आतंकी कैंपों पर नजर रखने के लिए यह मिशन देश की सबसे ताकतवर आंख होगी, यह सीमाओं पर नजर रखेगी|
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काटोसेट 3 भविष्य में भारत की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। यह सुरक्षाबलों के लिए भी अनेक प्रकार से लाभकारी होगा। इसकी मदद से स्पेस-सर्विलांस (Space Servilance) की क्षमता बढ़ेगी। यह बड़े पैमाने पर शहरों की प्लानिंग, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय जमीन के इस्तेमाल और जमीन के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।
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कार्टोसैट-3 से मिलेगी सटीक जानकारी (Accurate Information)
यह पहला ऐसा सैटेलाइट है, जो पेनक्रोमैटिक मोड में 16 किमी दूरी की स्पेशियल रेंज कवर कर सकता है। इसके साथ ही यह मल्टी-स्पेक्ट्रम और हाइपर स्पेक्ट्रम को भी आसानी से कैप्चर कर सकता है। सुरक्षा के लिहाज से यह सैटेलाइट इस लिए बेहद खास है, क्योंकि इससे प्राप्त इमेज को सेना जूम कर आकलन कर सकती है। जिसके कारण यह सैटेलाइट आतंकियों की पॉजीशन और उनके आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी सेना को आसानी से उपलब्ध करवा सकता है।
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कार्टोसैट-3 का वजन और जीवनकाल (Weight & Life)
कार्टोसेट 3 का वजन 1,625 किलोग्राम है, और इसका जीवनकाल पांच वर्ष है|
तटीय इलाकों की बेहद सटीक जानकारी (Accurate Information of Coastal Areas)
कार्टोसेट 3 की सहायता से भारत के तटीय इलाकों की बेहद सटीक जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी, जो इन इलाकों की इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग में काफी मददगार सिद्ध होगी। इसके सहत ही यह सेटेलाइन सड़कों के नेटवर्क को मॉनिटर करने, नियमन, भौगोलिक स्थितियों में होने वाले बदलावों की भी जानकारी उपलब्ध करवाएगा।
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कार्टोसैट सीरीज के अब तक लांच हुए सैटेलाइट (Cartosat series launched satellites)
- कार्टोसैट-1- 5 मई 2005
- कार्टोसैट-2- 10 जनवरी 2007
- कार्टोसैट-2ए- 28 अप्रैल 2008
- कार्टोसैट-2बी- 12 जुलाई 2010
- कार्टोसैट-2 सीरीज- 22 जून 2016
- कार्टोसैट-2 सीरीज- 15 फरवरी 2017
- कार्टोसैट-2 सीरीज- 23 जून 2017
- कार्टोसैट-2 सीरीज- 12 जनवरी 2018
हमने कार्टोसैट-3 सैटेलाइट के बारे में जानकारी प्रदान की है। किसी भी प्रश्न या सुझाव के लिए कमेंट बॉक्स में पूछें, हम आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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