साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्बन्धित जानकारी
साहित्य अकादमी पुरस्कार लेखकों को दिया जाने वाला पुरस्कार होता है | यह साहित्य अकादमी पुरस्कार, हर साल भारतीय भाषाओं की श्रेष्ठ कृतियों को प्रदान किया जाता है | इसके अलावा प्रत्येक वर्ष साहित्य अकादमी द्वारा अनुवाद पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार एवं युवा लेखन पुरस्कार भी विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रदान किये जाते हैं | साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत साल 1955 में कर दी गई थी | इस पुरस्कार के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को 50 हजार की नकद राशि भी प्रदान की जाती है | इसलिए यदि आप भी साहित्य पुरस्कार के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) क्या है, स्थापना, शुरुआत, राशि और किसे दिया जाता है | इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |
पद्म विभूषण पुरस्कार क्या होता है
साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award)
साहित्य अकादमी पुरस्कार 24 भाषाओं के लिए प्रदान किया जाता है | यानी कि, जो भारतीय नागरिक 24 भाषाओं के अंतर्गत किसी भी भाषा का लेखक है, तो उस भारतीय नागरिक को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है और साथ ही उसे पुरस्कार की नकद राशि भी प्रदान की जाती है | यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष विजेता लेखकों को प्रदान किया जाता है | इस वर्ष इस पुरस्कार को देने का आयोजन 24 फरवरी 2020 को दिल्ली में किया जाएगा |
साहित्य अकादमी पुरस्कार स्थापना कब की गई
साहित्य अकादमी की स्थापना 12 मार्च, 1954 में की गई थी | साहित्य अकादमी के अंतर्गत देशभर में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों और साहित्यिक सम्मेलनों का आयोजन किया जाता हैं। साहित्य अकादमी का पंजीकरण सोसायटी के रूप में 1956 में सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत् किया गया था | इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए प्रत्येक भाषा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए 10 सदस्यीय बोर्ड हैं, जो संबंध भाषा के काम-काज और प्रकाशन के बारे जानकारी प्रदान करते है|
साहित्य पुरस्कार की शुरुआत और राशि
इस पुरस्कार की स्थापना हो जाने के बाद सन 1955 में साहित्य पुरस्कार की शुरुआत कर दी गई थी और 1955 में यह पुरस्कार प्रदान किया गया था और जब पुरस्कार की स्थापना की गई थी, तो पुरस्कार की नकद राशि केवल 5 हजार रूपये ही तय की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 हजार रूपये कर दी गई है |
नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) क्या है ?
हिन्दी में दिए गए साहित्य अकादमी पुरस्कारों की सूची
वर्ष | लेखक | कृति | शैली |
1955 | माखन लाल चतुर्वेदी | हिमतरंगिनी | काव्य |
1956 | वासुदेव शरण अग्रवाल | पद्मावत संजीवनी व्याख्या | व्याख्या |
1957 | आचार्य नरेन्द्र देव | बौद्ध धर्म दर्शन | दर्शन |
1958 | राहुल सांकृत्यायन | मध्य एशिया का इतिहास | इतिहास |
1959 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | संस्कृति के चार अध्याय | भारतीय संस्कृति |
1960 | सुमित्रानंदन पंत | कला और बूढ़ा चाँद | काव्य |
1961 | भगवतीचरण वर्मा | भूले बिसरे चित्र | उपन्यास |
1962 | पुरस्कार वितरण नही | ||
1963 | अमृत राय | प्रेमचंद: कलम का सिपाही | जीवनी |
1964 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ | आँगन के पार द्वार | काव्य |
1965 | डॉ॰ नगेन्द्र | रस सिद्धांत (विवेचना) | विवेचना |
1966 | जैनेन्द्र कुमार | मुक्तिबोध | उपन्यास |
1967 | अमृतलाल नागर | अमृत और विष | उपन्यास |
1968 | हरिवंशराय बच्चन | दो चट्टाने | काव्य |
1969 | श्रीलाल शुक्ल | राग दरबारी | उपन्यास |
1970 | राम विलास शर्मा | निराला की साहित्य साधना | जीवनी |
1971 | नामवर सिंह | कविता के नये प्रतिमान | साहित्यिक आलोचना |
1972 | भवानीप्रसाद मिश्र | बुनी हुई रस्सी | काव्य |
1973 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | आलोक पर्व | निबंध |
1974 | शिवमंगल सिंह सुमन | मिट्टी की बारात | काव्य |
1975 | भीष्म साहनी | तमस | उपन्यास |
1976 | यशपाल | मेरी तेरी उसकी बात | उपन्यास |
1977 | शमशेर बहादुर सिंह | चुका भी हूँ मैं नहीं | काव्य |
1978 | भारतभूषण अग्रवाल | उतना वह सूरज है | काव्य |
1979 | सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ | कल सुनना मुझे | काव्य |
1980 | कृष्णा सोबती | ज़िन्दगीनामा – ज़िन्दा रुख़ | उपन्यास |
1981 | त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन | काव्य |
1982 | हरिशंकर परसाईं | विकलांग श्रद्धा का दौर | व्यंग |
1983 | सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | खूँटियों पर टँगे लोग | काव्य |
1984 | रघुवीर सहाय | लोग भूल गये हैं | काव्य |
1985 | निर्मल वर्मा | कव्वे और काला पानी | कहानी संग्रह |
1986 | केदारनाथ अग्रवाल | अपूर्वा | काव्य |
1987 | श्रीकांत वर्मा | मगध | काव्य |
1988 | नरेश मेहता | अरण्या | काव्य |
1089 | केदारनाथ सिंह | अकाल में सारस | काव्य |
1990 | शिव प्रसाद सिंह | नीला चाँद | उपन्यास |
1991 | गिरिजाकुमार माथुर | मैं वक्त के हूँ सामने | काव्य |
1992 | गिरिराज किशोर | ढाई घर | उपन्यास |
1993 | विष्णु प्रभाकर | अर्द्धनारीश्वर | उपन्यास |
1994 | अशोक वाजपेयी | कहीं नहीं वहीं | काव्य |
1995 | कुंवर नारायण | कोई दूसरा नहीं | काव्य |
1996 | सुरेन्द्र वर्मा | मुझे चाँद चाहिये | उपन्यास |
1997 | लीलाधर जगूड़ी | अनुभव के आकाश में चांद | काव्य |
1998 | अरुण कमल | नये इलाके में | काव्य |
1999 | विनोद कुमार शुक्ल | दीवार में एक खिड़की रहती थी | उपन्यास |
2000 | मंगलेश डबराल | हम जो देखते हैं | काव्य |
2001 | अलका सरावगी | कलिकथा वाया बाईपास | उपन्यास |
2002 | राजेश जोशी | दो पंक्तियों के बीच | काव्य |
2003 | कमलेश्वर | कितने पाकिस्तान | उपन्यास |
2004 | वीरेन डंगवाल | दुष्चक्र में सृष्टा | काव्य |
2005 | मनोहर श्याम जोशी | क्याप | उपन्यास |
2006 | ज्ञानेन्द्रपति | संशयात्मा | काव्य |
2007 | अमरकांत | इन्हीं हथियारों से | उपन्यास |
2008 | गोविन्द मिश्र | कोहरे में कैद रंग | उपन्यास |
2009 | कैलाश वाजपेयी | हवा में हस्ताक्षर | काव्य |
2010 | उदय प्रकाश | मोहन दास | कहानी |
2011 | काशीनाथ सिंह | रेहन पर रग्घू | उपन्यास |
2012 | चंद्रकांत देवताले | पत्थर फेंक रहा हूँ | काव्य |
2013 | मृदुला गर्ग | मिलजुल मन | उपन्यास |
2014 | रमेशचन्द्र शाह | विनायक | उपन्यास |
2015 | रामदरश मिश्र | आग की हँसी | काव्य |
2016 | नासिरा शर्मा | पारिजात | उपन्यास |
2017 | रमेश कुंतल मेघ | विश्व मिथक सरित सागर | साहित्यिक समालोचना |
2018 | चित्रा मुद्गल | पोस्ट बॉक्स न. 203 नाला सोपारा | उपन्यास |
2019 | नंदकिशोर आचार्य | छीलते हुए अपने को | कविता
|
द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award) क्या है
यहाँ पर हमने आपको साहित्य अकादमी पुरस्कार के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है | अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |