द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award) क्या है

द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्बंधित जानकारी

जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार की प्रतियोगिता या फिर किसी खेल का विजेता बनता है, तो उस व्यक्ति को कोई न कोई पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है| इसी तरह द्रोणाचार्य पुरस्कार भी होता है| यह एक ऐसा पुरस्कार होता है, जो आधिकारिक तौर पर खेल और खेलों में उत्कृष्ट कोचों को प्रदान के लिए होता है| इस पुरस्कार को अधिकतर “द्रोणाचार्य” या “गुरु द्रोण” के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस पुरस्कार का नाम भी द्रोण के नाम से रखा गया है| द्रोणाचार्य प्राचीन भारत के संस्कृत महाकाव्य महाभारत  के पात्र है। द्रोणाचार्य ने कौरव और पांडव राजकुमारों को सैन्य कला और एस्ट्रस (दिव्य शस्त्र) में  उन्हें शिक्षित किया था और बहुत अधिक ज्ञान प्राप्त कराया था, जिसके लिए उन्हें शाही राजनेता के रूप में नियुक्त किया गया था और जिन खिलाडियों को यह द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया जाता है, उनका चयन मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है | यदि आप भी द्रोणाचार्य पुरस्कार के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award) क्या है, यह किसे दिया जाता है, राशि, शुरुआत की जानकारी प्रदान की जा रही है|

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द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award)

जो खिलाड़ी किसी राष्ट्रीय खेल में या देश के लिए खेले जाने वाले खेलों में अपनी जीत दर्ज कर ले जाते है , तो ऐसे खिलाडियों को सम्मान  देने के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया जाता है क्योंकि, द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल प्रशिक्षक यानि खेल क्षेत्र में प्रदान किया जाता है।  द्रोणाचार्य पुरस्कार के अंतर्गत गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक तथा 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया  जाता है।

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द्रोणाचार्य पुरस्कार का इतिहास

बड़े मुकाबले में अपनी जीत दर्ज करने वाले खिलाड़ियों को इस द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, जिसकी स्थापना वर्ष 1985 में की गई थी। इस पुरस्कार को द्रोण के नाम से भी कहा जाता है जो  प्राचीन भारत के संस्कृत महाकाव्य महाभारत का एक पात्र है। उन्होंने कौरवों और पांडों को भी युद्ध की शिक्षा दी थी | वहीं पहले इस पुरस्कार को भालचंद्र भास्कर भागवत (कुश्ती), ओम प्रकाश भारद्वाज (मुक्केबाजी), और ओ एम. नांबियार (एथलेटिक्स) दिया गया था,  इन सभी लोगों को इस पुरस्कार से 1985 में सम्मानित  किया गया था। अब प्रत्येक वर्ष इस पुरस्कार से अधिकतम 5 प्रशिक्षकों को  सम्मानित किया जाता है |

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द्रोणाचार्य पुरस्कार किसे दिया जाता है

यह पुरस्कार महान खिलड़ियों को प्रदान किया जाता है, जो साहित्य लेख कला व संस्कृति खेल व प्रशिक्षण के क्षेत्र में अपना सबसे पहला स्थान प्राप्त करते हैं और अपनी जीत दर्ज कर लेते है | ऐसे खिलाड़ियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मान किया जाता है | इसके साथ ही कुश्ती लड़ने वाले खिलाड़ियों को भी यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है | द्रोणाचार्य पुरस्कार केवल ओलम्पिक खेलों, पैरालिंपिक खेलों, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, विश्व चैम्पियनशिप और विश्व कप और क्रिकेट, स्वदेशी खेलों और पारसपोर्ट जैसे शामिल विषयों को ही प्रदान किया जाता  है।  

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द्रोणाचार्य पुरस्कार की राशि

द्रोणाचार्य पुरस्कार खिलाड़ियों और टीमों को द्रोणाचार्य पुरस्कार के साथ-साथ कई सुविधाएं प्रदान की जाती है | द्रोणाचार्य पुरस्कार की राशि 5,00,000 रुपये है। इसके साथ ही एक गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक भी प्रदान की जाती है। इसके अलावा भारतीय रेल की  तरफ से  प्रथम और द्वीतीय श्रेणी वातानुकूलित पास की सुविधा प्रदान की जाती है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार की शुरुआत कब की गई 

इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1985 में कर दी गई थी, जिसमें सबसे पहले  भालचंद्र भास्कर भागवत (कुश्ती), ओम प्रकाश भारद्वाज (मुक्केबाजी), और ओ एम. नांबियार (एथलेटिक्स) को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था | इसके बाद से ही इस पुरस्कार का प्रारम्भ हो गया, जो अभी लगातार खिलाड़ियों की जीत पर उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है |

यहाँ पर हमने आपको द्रोणाचाहर्य पुरस्कार के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है | अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |

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