RCEP क्या मतलब है

RCEP से सम्बंधित जानकारी  (Information Of RCEP)

कई देश विकास करने के लिए कई प्रकार के समझौते करते है, इसमें एक या अधिक देश सम्मिलित हो सकते है | प्रत्येक देश समझौतों में अपने लाभों का विशेष ध्यान रखता है | आरसीईपी भी एक ट्रेड अग्रीमेंट है, इसके द्वारा सदस्य देशों को एक दूसरे के साथ व्यापार में सहूलियत प्रदान की जाती है | इस पेज पर RCEP का क्या मतलब है, RCEP Full Form के विषय में जानकारी दी जा रही है |

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RCEP क्या मतलब है (Meaning Of RCEP)

रीजनल कांप्रिहेंसिव इकॉनोमिक पार्टनरशिप अथार्त क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) एक व्यापारिक समझौता है | इसमें  आसियान के 10 देश और छ: अन्य देश शामिल है, इसमें भारत भी सम्मिलित है | इसके अंतर्गत सदस्य देश एक दूसरे के साथ व्यापार में सहूलियत प्रदान करते है |

RCEP का फुल फॉर्म (RCEP Full Form)

RCEP का फुल फॉर्म Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP है, यह एक मुक्त व्यापार समझौता है |

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RCEP के सदस्य देश (RCEP Member Countries)

RCEP के सदस्य देश ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, वियतनाम, भारत, चीन, जापान, दक्ष‍िण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड है | इसमें अभी तक 6 साझेदार देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हुआ है |

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RCEP का भारत पर असर (RCEP’s Impact On India)

RCEP में आसियान के दस सदस्य देशों के अतिरिक्त इसमें भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी सम्मिलित है | इस व्यापारिक समझौतें से लगभग 3.4 अरब लोगों के मध्य समझौता होगा | यह अभी तक का विश्व का सबसे बड़ा फ्री ट्रेड समझौता है | विशेषज्ञों के अनुसार इस समझौतें से भारत पर बहुत ही अधिक बोझ बढ़ेगा | भारत का व्यापार घाटा RCEP के ज्यादातर सदस्य देशों के साथ है | व्यापार घाटें का अर्थ है, कि आयात अधिक और निर्यात कम है | इस समझौतें के द्वारा यदि आयात टैक्स घटता है तो यह व्यापार घाटा बढ़ सकता है |

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प्रस्ताव क्या है (What Is The Proposal)

इस समझौतें के अनुसार भारत चीन से आने वाले लगभग 80 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क घटा या हटा सकता है | इससे भारत में प्रतियोगिता और अधिक बढ़ सकती है | इसी प्रकार से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आयातित 86 प्रतिशत उत्पादों तथा जापान और दक्षिण कोरिया के 90 प्रतिशत उत्पादों पर सीमा शुल्क में कटौती हो सकती है | यह सीमा शुल्क कटौती 5, 10, 15, 20 और 25 साल की अवधि तक पूर्ण रूप में लागू हो जाएगी | वर्तमान समय 2018-19 में RCEP के सदस्य देशों में से चीन, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया सहित 11 देशों के साथ व्यापार में घाटा प्राप्त हुआ है |

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भारतीय उद्योग पर असर 

आरसीईपी समूह में चीन भी सम्मिलित है, इससे भारतीय उद्योग चिंतित है | इस समझौतें से डेयरी, धातु, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत सरकार के द्वारा शुल्क कटौती हो सकती है | भारतीय उद्योग ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि शुल्क कटौती न की जाए इससे विदेशी वस्तुएं भारत में बड़ी संख्या में आएगी जिससे स्थानीय उद्योगों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है |

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यहाँ पर हमनें पर RCEP के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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