उत्तर प्रदेश में जमीन या फ्लैट लेने वालो के लिए नई खुशखबरी नहीं देना होगा पूरा पेमेंट

यू पी में जमीन या फ्लैट लेने वालो के लिए नई खुशखबरी 

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने फ्लैट, मकान और जमीन में होने वाली धोखाधड़ी पर प्रतिबन्ध लगानें के लिए “द उत्तर प्रदेश रियर स्टेट (रेगुलेशन एंड डवलपमेंट) (एग्रीमेंट फॉर सेल रूल्स) 2018” को स्वीकृति प्रदान की है | इस अधिनियम के अंतर्गत बिल्डरों को बुकिंग के समय ही खरीदारों के साथ एक एग्रीमेंट करना होगा, एग्रीमेंट में बुकिंग राशि 10 फीसदी निर्धारित की गयी है | इससे अधिक कोई भी बिल्डर राशि नहीं ले सकता | इस पेज पर आपको उत्तर प्रदेश में जमीन या फ्लैट लेने के लिए सम्पूर्ण राशि का भुगतान नहीं करनें से सम्बंधित  सरकार द्वारा बनाये गये नये नियम के बारे में विस्तार से बता  रहे है  |

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 द उत्तर प्रदेश रियर स्टेट (रेगुलेशन एंड डवलपमेंट) (एग्रीमेंट फॉर सेल रूल्स) 2018

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने “द उत्तर प्रदेश रियर स्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) (एग्रीमेंट फॉर सेल रूल्स) 2018” को पास किया है | इसके द्वारा राज्य में फ्लैट, मकान और जमीन लेने वालों के हितों की रक्षा करने का प्रयास किया गया है | इसके अंतर्गत बिल्डरों को प्रोजेक्ट शुरू करने के तीन महीने के अंदर रेरा में पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है |

इस अधिनियम के अंतर्गत बिल्डरों को बुकिंग के समय ही खरीदारों के साथ एक एग्रीमेंट करना होगा | इस एग्रीमेंट में फ्लैट, मकान और जमीन की निर्धारित कीमत का क्रेताओं द्वारा 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा | इससे अधिक राशि की मांग करने वाले बिल्डरों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी |

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भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 (रेरा)

भारत सरकार ने भूमि के क्रय- विक्रय करने के लिए “भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 (रेरा)” को सम्पूर्ण देश में लागू किया है | यह नियम केवल जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू नहीं है |

उत्तर प्रदेश में 1 मई 2017 से रेरा लागू किया जा चुका है, इसके प्रभावी रूप से लागू होने के बाद से सभी बिल्डरों को अपना प्रोजेक्ट आरंभ करने के तीन माह के अंदर रेरा में पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है |

 ‘रेरा’ नियमावली बनाते समय एग्रीमेंट फॉर सेल की प्रक्रिया निर्धारित नहीं हो पायी थी | जिसकी स्वीकृति राज्य सरकार ने अब प्रदान की है | इस एग्रीमेंट के द्वारा ‘रेरा’ में शिकायत आने पर बिल्डरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी |

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एग्रीमेंट फॉर सेल के विषय में मुख्य जानकारी

एग्रीमेंट फॉर सेल के विषय में मुख्य जानकारी इस प्रकार से है |

1.एग्रीमेंट फॉर सेल के द्वारा सभी बिल्डर भूमि या फ़्लैट की निर्धारित राशि से 10 प्रतिशत से अधिक बुकिंग राशि नहीं ले पाएंगे |

2.इसमें निर्मित क्षेत्र, फ्लोर, ब्लाक, गैराज के विषय में पूरी जानकारी दी जाएगी |

3.प्लाट खरीदने वालों को उसका नंबर, क्षेत्रफल की पूरी जानकारी देनी अनिवार्य है |

4.जिस भी योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य किया जा रहा है, उसमे खुले में पार्किंग के क्षेत्रफल के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी |

5.फ्लैट व मकान की कीमत एरिया के आधार पर निर्धारित की जाएगी |

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6.खरीदने वाले व्यक्ति से गैराज, पार्किंग का मूल्य अलग से लिया जायेगा |

7.बिल्डर को बिल्डिंग के टैक्स और उसके रख-रखाव के रूप में लेने वाले चार्ज की पूरी जानकारी देनी अनिवार्य है |

8.बुकिंग राशि और पूरी कीमत की राशि में जीएसटी व अन्य टैक्स को सम्मिलित किया जाएगा |

9.एग्रीमेंट के पश्चात निर्माण लागत अधिक होने पर अधिक राशि का भुगतान क्रेता से नहीं लिया जायेगा |

10.अतिरिक्त कार्य के नाम से बिल्डर द्वारा क्रेता से किसी भी प्रकार की राशि नहीं ली जा सकती है |

11.एग्रीमेंट में फ्लैट व प्लाट की कीमत मूल्य वृद्धि होने पर बाहर रखी जाएगी |

12.विकास प्राधिकरणों के द्वारा विकास शुल्क बढ़ाने पर यह क्रेता से नहीं लिया जा सकता है |

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13.बिल्डर ले-आउट प्लान या अन्य किसी प्लान में परिवर्तन नहीं कर सकता है |

14.निर्माण पूरा होने के पश्चात बिल्डर को दो माह के अंदर कब्जा व तीन माह के अंदर रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य है |

15.सामुदायिक सुविधा वाले स्थानों के लिए निर्धारित किया गया भुगतान निर्धारित समय में वेलफेयर एसोसिएसशन को देना होगा |

16.निर्धारित समय सीमा में कब्जा न लेने पर क्रेताओं को फ्लैट पर 2 रुपये प्रतिमाह प्रति वर्ग फीट तथा जमीन पर 1 रुपये होल्डिंग चार्ज के रूप में देना अनिवार्य है |

17.क्रेताओं को बुकिंग एग्रीमेंट रद करने का सम्पूर्ण अधिकार है, परन्तु बुकिंग राशि पूरी जब्त कर ली जाएगी इसके अतिरिक्त दी गई  राशि का 50 प्रतिशत 45 दिन में दिया जायेगा और 50 प्रतिशत एक वर्ष में देना होगा |

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18.बिल्डर उस फ्लैट या जमीन को किसी अन्य व्यक्ति को बेचने की सूचना क्रेता के साथ-साथ रेरा को भी अनिवार्य रूप से देगा |

19.निर्धारित समय सीमा में कब्जा न देने पर बिल्डर को हाउसिंग लोन के एक प्रतिशत ब्याज के साथ पैसा वापस करना पड़ेगा |

20.बिल्डर को जमीनके विषय में पूरी जानकारी देना अनिवार्य है |

21.बिल्डर नोटिस देने के बाद तीन महीने तक पैसा जमा न करने वालें क्रेताओं का आवंटन निरस्त कर सकता है |

22.यह एग्रीमेंट तभी मान्य किया जायेगा, जब क्रेता पेमेंट प्लान के अनुसार भुगतान देता है, और उसकी रजिस्ट्री करवाता है |

23.रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बनने तक बिल्डर इसकी सही से देख- भाल करेगा |

24.सिर्फ एक साल तक ही बिल्डर को रखरखाव का अधिकार होगा, इसके बाद एसोसिएशन इसकी देख- भाल करेगा |

25.गौतमबुद्ध नगर में अधिकतर जमीन लीज पर होने के कारण सील के साथ लीज की व्यवस्था प्रदान की गई है |

26.क्रेता से किसी भी प्रकार की भूल होने पर आवंटन निरस्त करने की समय सीमा 15 माह से घटाकर 9 महीने की गयी है |

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यहाँ पर हमनें आपको पर उत्तर प्रदेश में जमीन या फ्लैट लेने से सम्बंधित पूर्ण भुगतान न किये जानें के विषय में बताया, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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