चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) क्या है

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जानकारी (About Chief Of Defence Staff) 

देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को बनाया गया है। सीडीएस थल, जल और वायु, तीनों सेनाओं की तरफ से रक्षा मंत्री के सलाहकार होंगे। उनके सामने देश की तीनों सेनाओं में सोच विकसित करने और उन्हें एकीकृत तरीके से ऑपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम बनाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को सीडीएस पोस्ट और इसके चार्टर व ड्यूटीज को स्वकृति दी थी। पीएम मोदी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में सबसे पहले इसका जिक्र किया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) क्या है? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|

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सीडीएस का फुल फॉर्म (CDS Full Form)

सीडीएस को हिंदी में रक्षा प्रमुख कहते है| सीडीएस को अंग्रेजी में Chief Of Defence Staff  (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) कहते है| सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया है| केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यकाल 3 वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है| सीडीएस के पद से हटने के बाद उसे किसी भी सरकारी सेवा में जाने का अधिकार नहीं होगा। वह सीडीएस का पद छोड़ने के पांच साल बाद ही कोई प्राइवेट सर्विस ज्वाइन कर सकता है। इसके लिए उन्हें सरकार से पूर्वानुमति लेनी होगी।

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ क्या है (CDS Kya Hai)

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अर्थात सीडीएस एक ऐसा पद है, जिसमें रहने वाला अधिकारी सैन्य विभाग का प्रमुख होगा| इस पद पर चार स्टार जनरल रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा, जिसको सैन्य प्रबंधन में विशेष योग्यता हासिल होगी| चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन भी बनाया गया है, अर्थात वह चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन भी होगा|

सीडीएस थल सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करेगा और उन्हें प्रभावी नेतृत्व देगा। सेना के तीन अंगों के प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ व्यक्ति सीडीएस होगा। उसकी बुनियादी भूमिका सेना, नौसेना, और वायुसेना के बीच कामकाजी समन्वय को बढ़ाने की दिशा में काम करने तथा समग्र रुख के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को देखने की होगी। सीडीएस प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा एवं सामरिक मुद्दों पर सैन्य सलाहकार की भूमिका भी निभाएगा|

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देश का पहला सीडीएस (India’s First CDS)

थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of defense staff) के रूप में नियुक्ति की गई है। जनरल बिपिन रावत 1 जनवरी 2020 को त्रिसेवा गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पदभार ग्रहण करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यालय दक्षिण ब्लॉक में होगा। जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस होंगे। बिपिन सिंह रावत रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के बीच समन्वयक की भूमिका निभाएंगे।

वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मानेक शॉ को देश का पहला सीडीएस नियुक्त करना चाहती थीं, लेकिन बताया जाता है कि तब तत्कालीन वायुसेना-नौसेना प्रमुखों के बीच मतभेद सामने आए थे। वायुसेना और नौसेना का तर्क था, कि इससे उनका कद घट जाएगा। इस कारण देश का पहला सीडीएस नहीं मिल सका। इंदिरा गांधी के शासनकाल में थलसेना में केएम करियप्पा और सैम मानेकशॉ को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी।

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका और दायित्व (CDS Roles And Responsibilities)

सीडीएस रक्षा मंत्री के लिए प्रधान सैन्य सलाहकार की भूमिक निभाएंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख भी अपनी-अपनी सेनाओं से सबंधित सलाह रक्षा मंत्री को पहले की तरह ही देते रहेंगे। सीडीएस के पास तीनों सैन्य प्रमुखों समेत कोई मिलिट्री कमांड नहीं होगा। सीडीएस तीनों सैनाओं के विभिन्न संगठनों का प्रशासक होगा। सीडीएस संबंधित अथॉरिटीज को तीनों सेनाओं की समेकित जानकारियां उपलब्ध कराएगा। वह डिफेंस ऐक्विजीशन काउंसिल और डिफेंस प्लानिंग काउंसिल के सदस्य होगा।

पहला सीडीएस अपना कार्यभार संभालने के तीन वर्षों के अंदर तीनों सेनाओं के अंदर ऑपरेशन, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, सपॉर्ट सर्विस, कम्यूनिकेशन, रिपेयर्स, मेंटनेंस आदि में साझापन लाएगा। मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा और इसे रैशनलाइज करेगा, और स्वदेशी औजारों की हिस्सेदारी बढ़ाएगा।

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इंटिग्रेटेड कपैबिलिटी डिवेलपमेंट प्लान को सुनिश्चित करने के क्रम में पंचवर्षीय डिफेंस कैपिटल ऐक्विजिशन प्लान और दो वर्षीय रोल ऑन ऐनुअल ऐक्विजिशन प्लान का लागू करेगा। अनुमानित बजट के मुताबिक सेनाओं के अंदर कैपिटल ऐक्विजीशन के प्रस्तावों की प्राथमिकता तय करना। सक्षम अथॉरिटी के विचार के लिए सैन्य मामलों पर स्ट्रैटिजी पेपर्स तैयार करेगा। सैन्य बलों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के कामकाज में सुधार लाना। सीडीएस औपनेविशक विरासत में मिले कुछ प्रक्रियाओं की पहचान कर उन्हें दूर करेगा।

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