चंद्रयान मिशन 2 क्या है?

चंद्रयान मिशन 2 की पूरी जानकारी (Information About Chandrayaan Mission 2)

समय- समय पर मनुष्य ने अपनी बुद्धि का लोहा मनवाया है | मनुष्य ने इस बुद्धि के कारण तकनीक का अविष्कार किया और इस तकनीक की सहायता से वह जल, थल और नभ तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की है | इसके बाद कंप्यूटर ने मनुष्य की शक्ति में कई गुना बढ़ोत्तरी कर दी | इंटरनेट ने ज्ञान प्राप्त करने और लोगों से अधिक सुलभ तरीके से संपर्क स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया | वर्तमान समय में मनुष्य इस तकनीक का प्रयोग करके चन्द्रमा तक जा पंहुचा है | इस पेज पर चंद्रयान मिशन 2 क्या है, चंद्रमा पर चंद्रयान कैसे पहुंचता है, विश्व और भारत के प्रथम व्यक्ति के नाम के विषय में बताया जा रहा है |

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चंद्रयान मिशन 2 क्या है (Chandrayaan Mission 2 Kya Hai)

भारत में अंतरिक्ष विज्ञान का प्रयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्वारा किया जाता है | वह भारत में अंतरिक्ष से सम्बंधित सभी प्रकार की कार्य प्रणाली का संचालन करता है | भारत ने अभी तक चंद्रयान मिशन 1 में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है | इस सफलता के बाद चंद्रयान मिशन 2 की योजना बनायीं गयी है | इस योजना में अभी तक 600 करोड़ रूपये की लागत आ चुकी है यह लागत 1000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है |

चंद्रयान मिशन 2 के द्वारा भारत अपने यान को चन्द्रमा के दक्षिणी भाग में उतारेगा | इस भाग में यान को उतारना बहुत ही जटिल है अभी तक किसी देश के द्वारा चन्द्रमा के इस भाग में यान को नहीं उतारा गया है | इस मिशन में पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है | इस मिशन की सफलता के बाद भारत की छवि में जबदस्त सुधार देखने वाला होगा | भारत अब तकनीक बनाकर बेचने के ग्रुप में शामिल हो सकता है |

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चंद्रमा पर चंद्रयान कैसे पहुंचता है (Chandrayaan How to Reach On Moon)

पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी 384,400 किलोमीटर है | इस दूरी को तय करने के बाद ही चंद्रयान-2 चन्द्रमा की सतह पर पहुंच पायेगा | चंद्रयान-2 का वजन 3.8 टन है, इसको जीएसएलवी Mk III के द्वारा भेजा जायेगा | जीएसएलवी Mk III को बाहुबली के नाम से जाना जाता है, इसका कारण इसकी क्षमता है| यह अपने साथ 4 टन का भार ले जा सकता है |चंद्रयान के साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर भी भेजा जायेगा | चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को मध्य रात्रि के बाद भेजा जायेगा |

चंद्रयान को जीएसएलवी Mk III के द्वारा पृथ्वी की कक्षा तक पहुंचाया जायेगा | पृथ्वी की कक्षा से दूर जाने के लिए पृथ्वी के चक्कर लगाना पड़ता है फिर धीमे- धीमे पृथ्वी की कक्षा से बाहर भेजा जायेगा | चंद्रयान 2 अब चन्द्रमा की तरफ भेजा जायेगा | चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद चंद्रयान 2 चन्द्रमा पर उतरेगा फिर रोवर इससे निकलेगा, जो  विभिन्न प्रकार के प्रयोग करेगा | जिसमे की चाँद की सतह, मिट्टी और वातावरण की जाँच करेगा| ऑर्बिटर चाँद की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | यह चंद्रयान पर नजर रखेगा और चंद्रयान से मिली जानकारी को इसरों को भेजेगा| इस प्रकार से चंद्रयान अपना कार्य करेगा|

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विश्व और भारत के प्रथम व्यक्ति का नाम (Name Of First Man)

चाँद पर सबसे पहले अमेरिका ने अपना परचम लहराया था | 16 जुलाई, 1969 को केप केनेडी से अमेरिकी अंतरिक्ष यान अपोलो-11 चांद की ओर रवाना हुआ। उसमें तीन अंतरिक्ष यात्री थे नील आर्मस्ट्रांग, माइकल कॉलिन्स और एडविन एल्ड्रिन | नील आर्मस्ट्रांग चन्द्रमा की सतह पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे | अंतरिक्ष मे जाने वाला पहले भारतीय राकेश शर्मा है |

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यहाँ पर हमनें आपको चंद्रयान मिशन 2 क्या है, चंद्रमा पर चंद्रयान कैसे पहुंचता है, विश्व और भारत के प्रथम व्यक्ति के नाम के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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