बारावफात (ईद मिलाद उन नबी) का क्या है
मुस्लिम सम्प्रदाय में कई प्रमुख त्यौहार मनाये जाते है, इन्हीं में से एक बारावफात या ईद मिलाद उन नबी है | इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद साहब को माना जाता है | मोहम्मद साहब का जन्म बारावफात या ईद मिलाद उन नबी के दिन ही हुआ था, और इनका जीवन काल भी इसी दिन पूरा हुआ था | इस पेज पर बारावफात (ईद मिलाद उन नबी) का क्या मतलब है, बारावफात कैसे मनाया जाता है, इसके विषय में जानकारी दी जा रही है |
ये भी पढ़ें: शिया और सुन्नी मुसलमानों में क्या अंतर है?
ये भी पढ़ें: ईद (Id) क्यों मनाई जाती है?
बारावफात (ईद मिलाद उन नबी) का मतलब (Barawafat Meaning)
प्रत्येक धर्म का अपना- अपना कैलेंडर है, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12 रबी अल अव्वल की तारीख को बारावफात (ईद मिलाद उन नबी) मनाया जाता है | इसे विश्व के सभी मुस्लिम समुदायों के द्वारा बहुत उत्साह और धूम- धाम से मनाया जाता है | बारावफात या ईद मिलाद उन नबी के दिन ही मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था |
बारावफात में बारा का मतलब होता है बारह और वफात का मतलब होता है इंतकाल है | माना जाता है कि मोहम्मद साहब बारह दिनों तक बीमार रहे थे और इसी दिन उनका इंतकाल भी हो गया था | जन्म और मरण एक ही दिन होने के कारण इसे बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है |
ये भी पढ़ें: Minority (अल्पसंख़्यक) क्या है?
बारावफात कैसे मनाया जाता है (Celebration Of Barawafat)
बारावफात बहुत ही धूम- धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है | मुस्लिम समुदाय दो भागों में विभाजित है| पहला शिया और दूसरा सुन्नी | यह दोनों समुदाय अपने अलग-अलग मतों के अनुसार इसे मनाते है |
ये भी पढ़ें: तीन तलाक कानून क्या है?
सुन्नी मुस्लिम समुदाय के द्वारा बारावफात (Barawafat By Sunni Muslim Community)
सुन्नी मुस्लिम समुदाय के द्वारा बारावफात को शोक के रुप में मनाया जाता है, क्योकि आज ही के दिन मोहम्मद साहब का इंतकाल हुआ था | इस दिन सुन्नी समुदाय के द्वारा मोहम्मद साहब के विचारों और मार्गों पर चलने का प्रण लेते है | बारावफात के दिन सुन्नी समुदाय के लोग मस्जिदों में जाते है और शोक मनाते है और मोहम्मद साहब के द्वारा मानवता के लिए किये गए कार्यों को याद करते है |
ये भी पढ़ें: हज यात्रा क्या है?
शिया मुस्लिम समुदाय द्वारा बारावफात ((Barawafat By Shia Muslim Community)
शिया मुस्लिम समुदाय के द्वारा बारावफात को बहुत ही उत्साह तथा धूमधाम के साथ मनाया जाता है | इस समुदाय का मानना है, कि इस दिन पैगंबर मोहम्मद साहब के द्वारा हजरत अली को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया गया था | इस दिन को शिया समुदाय के लोग नये नेता के चुनाव और मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं |
इस दिन लोग मक्का मदीना या फिर दरगाहों में जाते है और कुरान को पढ़ते है | इस दिन कि मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन को नियम से पूरा करता है, वह अल्लाह के और भी समीप हो जाता है और उसे अल्लाह की विशेष रहमत प्राप्त होती है |
ये भी पढ़ें: मॉब Lynching क्या है?
यहाँ पर हमनें बारावफात (ईद मिलाद उन नबी) के विषय में बताया है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
ये भी पढ़ें: दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची
ये भी पढ़ें: हलाला (निकाह हलाला) क्या होता है?
ये भी पढ़ें: रिप का क्या मतलब होता है (RIP Ka Kya Matlab Hota Hai)