व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक क्या है?

व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक की जानकारी (Personal Data Protection Bill)

फेसबुक और वाट्सएप पर व्यक्तिगत डेटा चुराने के बारे में हमें अक्सर जानकरी प्राप्त होती रहती है| इस मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 दिसंबर को निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019 को स्वीकृति दी है| इस बिल को जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा| सरकार ने इस बिल को तैयार करनें के लिए लोगों से सलाह भी मांगी थी| यह बिल अन्य देशों के डेटा प्रोटेक्शन से संबंधित कानूनों को समझते हुए एक नया कानून बनाया गया है| इस बिल में सबसे अधिक ध्यान डेटा को शेयर करने में लोगों की सहमति को लेकर दिया गया है| इसे लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं| इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में एक निर्णय दिया था| जिसके अनुसार बिना इजाजत किसी तरह का डेटा लेना या उसे शेयर करना कानूनन अपराध होगा| व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक क्या है? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|

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व्यक्तिगत डेटा क्या है (Personal Data Kya Hai)

डेटा संरक्षण विधेयक बिल के अनुसार, ऐसा डेटा जिससे किसी आदमी की पहचान होती हो| इसमें लोगों के नाम, फोटो, पता आदि शामिल हैं| जैसे कि सरकारी पहचान पत्र, मतदाता पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि हैं| व्यक्तिगत डेटा में लोग कौन सी फ़िल्में देख रहे हैं, क्या खरीद रहे हैं, कहां जा रहे हैं, किसे अधिक पसंद कर रहे है आदि जैसी चीजें भी शामिल हैं| इस बिल में कुछ डाटा काफी संवेदनशील माना गया है| इसमें धार्मिक विश्वास, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, बायोमीट्रिक और राजनीतिक मत जैसी अनेक चीजें शामिल हैं|

किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत डाटा उस समय एकत्र किया जा सकता है, जिस समय व कोई भी कार्य कर रहा हो अर्थात उस कार्य में लोगो को अपना व्यक्तिगत डाटा शेयर करना होता है, जैसे – नए फोन का कनेक्शन, किसी सरकारी स्कीम से जुड़ना, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ऑनलाइन समान ख़रीदना आदि|  जब आप किसी कंपनी या संस्था से अपना व्यक्तिगत जानकारी शेयर करते हैं, तो उस डेटा का उपयोग सिर्फ संबंधित चीजों के लिए किया जा सकता है,और आवश्यकता पड़ने पर डेटा को किसी और के साथ शेयर किया जा सकता है| बिल के अनुसार व्यक्तिगत डेटा की एक सर्विंग कॉपी संबंधित राज्य में स्टोर की जाएगी, कुछ महत्वपूर्ण पर्सनल डेटा को देश में स्टोर किया जाएगा|

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व्यक्तिगत डेटा का प्रयोग (Use Of Personal Data)

किसी विशेष परिस्थिति में व्यक्तिगत डेटा का प्रयोग किया जा सकता है| जैसे की सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधित मामले में, किसी अपराध को रोकने, उसकी जांच करने या प्रॉसीक्यूशन के लिए, कानूनी कार्यवाही के लिए, व्यक्तिगत या घरेलू उद्देश्यों के लिए. इसके साथ ही रिसर्च और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है|

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मॉनिटर कैसे किया जाएगा (How It Monitored)

डेटा फिड्यूशरीज़ को सुपरवाइज़ और रेगुलेट करने के लिए नेशनल लेवल की एक डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी (DPA) का गठन किया गया है| यह अथॉरिटी इसे रेगुलेट करेगी| डेटा से किसी प्रकार की छेड़छाड़ और गलत इस्तेमाल को मॉनिटर करेगी| पर्सनल डेटा के साथ छेड़छाड़ करनें वाले लोगो को इन्वेस्टिगेट कर नियमों के अनुसार सजा दिलवाएगी| नियमों को तोड़ने पर किसी कंपनी या संस्था को डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी को जुर्माना देना होगा| पर्सनल डेटा के गलत करनें वाले लोग जेल भी जा सकते हैं, इसके अंतर्गत 5 वर्ष तक की सजा के प्रावधान किए गए हैं| विधेयक में डेटा सिक्योरिटी के नियमों के उल्लंघन पर 15 करोड़ रुपये या कंपनी के वर्ल्डवाइड टर्नओवर का 4% तक जुर्माने का नियम है| इस बिल के लागू होने के बाद यदि किसी का कोई पर्सनल डेटा लीक या चोरी होता है, तो संबंधित कंपनी और सरकार को साफ शब्दों में बताना होगा, कि आपके डेटा से छेड़छाड़ हुई है|

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व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बिल आने के बाद (After Bill comes)

व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक बिल आने के बाद प्रत्येक संस्था या कंपनी को यह जानकारी देनी होगी कि वह डेटा की जानकारी क्यों और कैसे ले रहे हैं, कंपनियों को यूजर के डेटा को सुरक्षित रखना होगा| बाहरी कंपनी को भारत में ही डेटा सेंटर सर्वर बनाने होंगे| ऐसे में विदेश में भारतीय नागरिकों की सर्विलांस नहीं की जा सकेगी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डोमेस्टिक रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा| केंद्र सरकार की अनुमति से कुछ डेटा को भारत से बाहर ट्रांसफर किया जा सकेगा|

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यहाँ पर हमनें व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के बारें में बताया| यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है|

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