उपभोक्ता संरक्षण बिल 2019 (Consumer Protection Bill 2019) के विषय में जानकारी
सभी लोग अपनी आवश्यकता की वस्तुएं बाजार से खरीदते है | इसके लिए वह ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करते है | कई कम्पनियाँ अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए लोगों के साथ धोखा-धड़ी करती है, जिसमे वह सही मूल्य देने के बाद भी गलत या डैमेज वस्तु प्रदान कर देते है | यह अधिकतर ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान देखा जाता है, कि पैकेट के अंदर कुछ भी भेज दिया जाता है, जिसका मूल्य पहले ही ले लिया जाता है | इन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए भारत सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण बिल 2019 को लागू किया है | इस पेज पर उपभोक्ता संरक्षण बिल, Consumer Protection Bill 2019 in hindi के विषय में जानकारी दी जा रही है |
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उपभोक्ता संरक्षण बिल क्या है?
केंद्र सरकार ने वस्तुओं को खरीदते समय नागरिकों के साथ होने वाले धोखे को रोकने के लिए उपभोक्ता संरक्षण बिल का प्रावधान किया है | इसके अंतर्गत ई-कॉमर्स कंपनियों, दुकानदार, और ऑफलाइन कंपनियों की जिम्मेदारी तय की है | अब सेलिब्रिटीज द्वारा भ्रामक उत्पादों का विज्ञापन करने पर सेलिब्रिटीज की भी जिम्मेदारी तय की गई है | इसके अंतर्गत भारी जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है |
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उपभोक्ता संरक्षण बिल 2019 (Consumer Protection Bill 2019)
- उपभोक्ता संरक्षण बिल 2019 के अंतर्गत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) का गठन किया गया है | यह प्राधिकरण उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों की शिकायतों पर कार्यवाही करेगा |
- इस अधिनियम के अंतर्गत सभी कंपनी या विक्रेता को 30 दिन में उत्पाद को वापस लेना अनिवार्य किया गया है |
- प्राधिकरण कंपनी के मैन्युफैक्चर्स या सर्विस प्रोवाइडर्स को प्रत्येक ग्राहकों के प्रति जिम्मेदार मानेगी | इसका लाभ प्रभावित उपभोक्ता को होगा |
- यदि वस्तु के निर्माण, डिजाइन, फॉमूला, असेंबलिंग, टेस्टिंग, सर्विस, इंस्ट्रक्शन, मार्केटिंग, पैकेजिंग, लेबलिंग के कारण उपभोक्ता घायल या उसकी मृत्यु या उसको कोई हानि हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार मैन्युफैक्चरर, प्रोड्यूसर और विक्रेता को माना जायेगा |
- उपभोक्ता संरक्षण बिल 2019 में यदि जिला व राज्य उपभोक्ता फोरम, ग्राहक के हित में निर्णय देती है, तो कंपनी राष्ट्रीय फोरम में इसके विरुद्ध अपील नहीं कर सकती है |
- इस बिल में उपभोक्ता को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने का भी अधिकार प्रदान किया गया है | इसके बाद उपभोक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हो सकता है |
- उपभोक्ता संरक्षण बिल 2019 में गंभीर लापरवाही के मामलों में मैन्युफैक्चरर को छ: माह से आजीवन कारावास की सजा और एक लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना करने का प्रावधान किया गया |
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