आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) क्या है

आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) कैसे करे 

किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद, कीटनाशक का प्रयोग करते है, यह रसायनिक तत्व तत्कालीन लाभ पहुंचाते है, परन्तु इनका प्रभाव भविष्य में भूमि की उर्वरता शक्ति को कम करती है, इन केमिकल का प्रभाव फसल पर भी पड़ता है, जिससे खाद्य पदार्थ के अंदर हानिकारक तत्वों को समावेश हो जाता है, जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है, इस कारण नयी – नयी बीमारियों उत्पन्न हो रही है | इन सभी पर रोक लगाने के लिए आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) का प्रयोग किया जाता है | आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) क्या है ? इससे सम्बंधित जानकारी आपको इस पेज पर विस्तार से दे रहे है |

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आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) क्या है ?

खेती करने की वह विधि जिसके द्वारा रासायनिक खाद और केमिकल युक्त कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है, अथवा कम किया जाता है, आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) कहलाती है | इसका मुख्य उद्देश्य भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के साथ फसल के उत्पादन में वृद्धि करनी है |

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आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) से लाभ

1.खेती में जैविक खेती की विधि अपनाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है |

2.आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) का प्रयोग करने से फसलों के लिए किये जाने वाली सिचाईयों के मध्य समय में वृद्धि होती है, जिससे सिचाईं कम करनी पड़ती है |

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3.फसल में जैविक खाद का प्रयोग करने पर फसल की लागत कम हो जाती है |

4.किसान की फसल का उत्पादन बढ़ता है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है |

5.फसल में जैविक खाद का प्रयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार होता है |

6.जैविक खेती करने से भूमि की जल धारण करने की क्षमता में वृद्धि होती है तथा जल के वाष्पीकरण में कमी आती है |

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जैविक खेती से पर्यावरण को लाभ

1.जैविक खेती करने से पर्यावरण में शुद्धता बढ़ती है और हवा से होने वाली बीमारियों में कमी आती है |

2.खेती में केमिकल युक्त खाद और कीटनाशक का प्रयोग न करने पर मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण में कमी आती है |

3.पशुओं के गोबर और कचरे का प्रयोग खाद बनाने में करने से गोबर और कचरे का रूपांतरण ऊर्जा के रूप में हो जाता है तथा इसके कारण होने वाले मच्छर और गंदगी में कमी होती है, जिससे बीमारियां कम होती है |

4.अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जैविक खेती में प्रयोग किये जाने वाले खाद और अन्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने की संभावना में विस्तार हो रहा है |

5.भारत जैसे कृषि प्रधान देशों में अभी तक पारम्परिक तरीके से खेती की जाती है, जिससे फसल में मेहनत और लागत अधिक लगती है, इसलिए भारत को खाद्य समस्या को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए जैविक खेती का प्रयोग करना चाहिए | जिससे पर्यावरण और भूमि दोनों को अत्यंत लाभ है |

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यहाँ पर हमनें आर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) आपको के विषय में बताया, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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