पूजा से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी (Important Information Related to Maa Durga Puja in Navratri)
एक वर्ष में चार नवरात्रि पड़ती हैं, जिनमें 2 गुप्त और 2 प्रकट नवरात्रि होती है। सभी नवरात्रियों में से इस शारदीय नवरात्रि का खास महत्व माना जाता है| नवरात्रि में सभी भक्त व्रत रखनें के साथ ही नियमों के अनुसार पूजा करते है| नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा कैसे की जाती है, और माँ दुर्गा की पूजा करनें की क्रिया विधि तथा मां दुर्गा को शीघ्र प्रसन्न करने के उपाय के बारें में आपको विस्तार से बता रहे है|
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व्रत वाले दिन सूर्य उदय से पहले स्नान करना चाहिए और स्वच्छ और साफ कपड़े पहने जाते है| इसके साथ ही दुर्गा मैया से प्रार्थना की जाती है| एक लकड़ी की सीट (पाटा) पर एक लाल कपड़ा बिछाकर और उस पर मां दुर्गा की मूर्ति या फोटो को स्थापित की जाती है| माता जी की पूजा करने के लिए कुश बिछा कर आपको भी बैठना चाहिए | पूजा करते समय आपको रोली , मोली , लाल फूल, घी की मिठाई, दीया , दुर्गा चालीसा, आरती की पुस्तक की आवश्यकता पड़ेगी, इसलिए इन सभी सामग्रियों को पहले से अपने पास रख ले|
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तांत्रिक दुर्गा मन्त्र (Tantric Durga Mantra)
सर्व मंगल मांगले शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रियुम्बिके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्व भुतेसू लक्ष्मी रूपेण संस्थिता |
नम: तस्ये नम: तस्ये नम: तस्ये नमो नम:||
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मां दुर्गा को शीघ्र प्रसन्न करने के उपाय (Measures to Please Mother Durga Quickly)
- हिन्दू धर्म में मां दुर्गा को सभी देवताओं से सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है। कहते हैं कि, देवी ‘आदिशक्ति’ हैं, उन्हीं से ही इस संसार की रचना हुई है। इस संसार को बनाने वाली आदिशक्ति ही हैं। इसलिए हिन्दू धर्म माँ दुर्गा को सबसे शक्तिशाली और फलदायी माना जाता है |
- आदिशक्ति के कई रूप होते हैं, इन्हीं में से एक मां दुर्गा का भी रूप होता है | वहीं, हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, सच्चे मन से यदि विधिवत मां दुर्गा की पूजा की जाए, तो वह भक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं।”
- जो भक्त मां दुर्गा की पूजा नियम और पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं है माँ प्रसन्न होकर उसकी मुराद करती है। मां दुर्गा अपने भक्तों से प्रसन्न हकार हर प्रकार से उनका कल्याण करती है |
- मां दुर्गा को हिन्दू धर्म के मुताबिक, ‘दुर्गतिनाशिनी’ भी कहा जाता है, आर्थात् वह देवी तो जीवन से दुर्गति का नाश करती है। भक्त के जीवन के हर संकट को खत्म कर देती है।”
- शास्त्रों के मुताबिक, चाहे पृथ्वी लोक हो या कोई भी अन्य लोक, हर पापी मां दुर्गा के नाम से डरता है। इसलिए यदि भक्त सच्चे मन से केवल देवी का नाम भी ले, यानि कि उनके नाम का जाप करे तो उसके कई संकट दूर हो जाते हैं।”
- यदि आपके जीवन में किसी प्रकार की परेशानी चल रही हो, तो आप इसे दुर करने के लिए मां दुर्गा के किसी भी मंत्र का एक माला जाप कर लें इससे माँ दुर्गा प्रसन्न होकर अपने बक्तों का कल्याण करते है | आप किसी ज्योतिषी या विशेषज्ञ से मां दुर्गा के मंत्र के बारे में जान सकते हैं, इसके अलावा आप दुर्गा बीज मंत्र का जाप भी कर सकते है – “ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:”
- इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आपके के लिए काफी फलदायी होता है | शास्त्रीय मान्यता के मुताबिक, दुर्गा मंत्र रात्रि के समय अधिक असर दिखाते हैं, इसलिए संभव हो तो रात्रि में माँ दुर्गा की आराधना जरूर करनी चाहिए |
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‘जपापुष्प’
मां दुर्गा का जाप करते समय उन्हें ‘जपापुष्प’ का फूल चढ़ाना चाहिए | इससे माँ दुर्गा बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तों का सभी प्रकार से कल्याण करती है |
चंडी पाठ या दुर्गा सप्तशती पाठ करें (Recite Chandi or Durga Saptashati)
मां दुर्गा के सामने चंडी पाठ या फिर दुर्गा सप्तशती पाठ करने से माँ दुर्गा जल्दी प्रसन्न हो जाती है | यह दोनों ही पाठ जो भी भक्त नियम के साथ पढता है | उस पर मां दुर्गा अपनी अपार कृपा बरसाती है |
देवी (स्त्री) का करें सम्मान (Pay Respect to Goddess)
हिन्दू धर्म की मान्यता के मुताबिक, प्रत्येक स्त्री ‘देवी’ का ही रूप होती है, इसलिए जो लोग स्त्रियों का सम्मान करते है माँ दुर्गा उनसे हमेशा प्रसन्न रहती है । वहीं जो लोग अपने घर की स्त्रियों और कन्याओं को मान-सम्मान देते हैं देवी मान उस घर पर सुख समृद्धि बनाए रखती हैं।
गरीबो की मदद करें (Help the Poor)
दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जो बहुत ही गरीब होते हैं इसलिए जो लोग गरीबो की सहायता करते हैं, देवी माँ हेमशा उनके साथ रहती है|
जानवरों को भोजन खिलाएं (Feed Animals)
गरीबों बच्चों के अलावाके साथ-साथ भूखे-प्यासे जानवरों की भी मदद करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। यदि आप किसी जानवर या पक्षी, की सेवा करते हैं तो इससे माँ प्रसन्न हो जाती है |
छल कपट से रहें दूर (Stay Away from Fraud)
जो लोग नियम से सद्भावना पूर्वक माता का व्रत करते हैं और वह छल, कपट, लोभ से दूर रहता है तो देवी माँ उसके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखती हैं।
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