एफसीआरए (FCRA) क्या है

एफसीआरए (FCRA) से सम्बंधित जानकारी

FCRA एक प्रकार से सहायता प्रदान करने वाली संस्था हैं, जिसके तहत कोई समाज सेवी संस्था या एनजीओ विदेशों से वित्तीय सहयोग या अनुदान लेने का काम कर सकता हैं, इसके साथ ही ये अनुदान सामजिक कार्य और राष्ट्रहित में ही इस्तेमाल किया जाना आवश्यक होता है | इससे लोगों को बहुत अधिक लाभ और सुविधा प्राप्त हो जाती है | यह संस्था एक सुविधाजनक संथा है | इसलिए यदि आप भी एफसीआरए (FCRA) के विषय में जानना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको एफसीआरए (FCRA) क्या है?एफसीआरए का फुल फॉर्म , एफसीआरए अधिनियम की जानकारी प्रदान की जा रही है|

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रेपो रेट (Repo Rate) और रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) क्या है?

एफसीआरए (FCRA) क्या है

एफसीआरए एक ऐसी सुविधाजनक संस्था हैं, जिससे  कोई भी सहायता प्रदान करने वाली संस्था या एनजीओ विदेशों से आसानी से कुछ लाभ प्राप्त कर सकती है| इसके अलावा अगर विदेशी वित्तीय सहयोग या अनुदान किसी भी प्रकार राष्ट्र हित के लिए हानिकारक हो या किसी गलत या संदिग्ध गतिविधि के लिए लेना गलत लगता है, तो पहले सरकार विदेशी वित्तीय सहयोग का लेखा-जोखा कर लें और फिर इसके बाद उससे अनुदान लें क्योंकि, अभी कुछ समय पहले ही भारत में  कई समाज सेवी संस्था और NGO को विदेशी फण्ड लेने पर रोक लगा दी गई थी क्योंकि, आशंका जताई जा रही थी कि इन वित्तीय अनुदान का गलत उपयोग किया जा रहा हैं| इसलिए इस पर तुरंत ही रोक लगाने के लिए कह दिया गया था|  

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इसके साथ ही अभी कुछ समय पहले ही , गृह मंत्रालय ने शीर्ष के आठ शैक्षिक संस्थानों जैसे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, आईआईटी-कानपुर और जामिया मिलिया इस्लामिया सहित कुछ और शिक्षण संस्थानों का FCRA खातो का लेखा-जोखा सही नही होने के कारण पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं | पंजीकरण रद्द होने की वजह से अब ये संस्थान तब तक विदेशी चंदा नही प्राप्त कर  सकते हैं जब तक विदेशी वित्तीय सहयोग की पूरी जानकारी सरकार को नहीं प्रदान कर देते हैं |

एफसीआरए (FCRA) का फुल फॉर्म 

एफसीआरए का फुल फॉर्म “Foreign Contribution Regulation Act” होता है, जिसे हिंदी भाषा में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम  कहा जाता है | जिस एनजीओ (NGO) या समाज सेवी संस्था को यह अंशदान प्राप्त हो जाता है तो वह विदेशी अंशदान भी प्राप्त कर सकते हैं एक निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम होने, एफसीआरए, 2010 की धारा 3 में वर्णित उन के बहिष्कार के साथ धारा 2 (1) (एम) के रूप में परिभाषित एक ‘व्यक्ति’, पूर्व केन्द्रीय सरकार की अनुमति के, या खुद ही केन्द्र सरकार के साथ जुड़ जाता है।  

विदेशी योगदान का इस्तेमाल 

वर्तमान समय में विदेशी अंशदान जमा या घरेलू फंडों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है | इसके अलावा अब यह  बैंक खाते से उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही विदेशी योगदान को रुपए में भी प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि, रुपए या विदेशी मुद्रा में ‘विदेशी स्रोत’ से प्राप्त कोई राशि कानून के तहत ‘विदेशी योगदान’ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।  और इसके साथ ही में रुपए अवधि में इस तरह के लेनदेन विदेशी योगदान माना जाता है।

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नामित बैंक खाते के परिवर्तन की प्रक्रिया  

बैंक खाते में  परिवर्तन करने के लिए  पुराने बैंक खाते और प्रस्तावित नए बैंक के विवरण की बहुत अधिक आवश्यकता पड़ती हो और साथ ही प्रपत्र में आवेदन ताजा के नामित बैंक, नाम/ समाज के पते, एफसीआरए (FCRA) के तहत पंजीकरण की प्रति, प्रतिलिपि में बदलाव करने के साथ-साथ औचित्य खाते प्रस्तावित बैंक से वापस नामित खाते का परिवर्तन, प्रमाण पत्र के लिए कार्यकारी समिति के संकल्प के खाते गृह मंत्रालय को  प्रदान किया जा सकता है, अब यह खाता मुख्य रूप से एफसीआरए के लिए  खोला जा रहा है| इसमें खाता खोलने के लिए इसका फार्म वेबसाइट https://mha.gov.in/ पर प्राप्त कराया गया है|

विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?

यहाँ पर हमने आपको एफसीआरए  के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है| अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे|

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