सीआईसी या मुख्य सूचना आयुक्त से सम्बंधित जानकारी
देश के नागरिकों के लिए भारत सरकार ने सरकारी कार्यों की जानकारी प्रदान करने हेतु और उस जानकारी को अधिक प्रभावी बनाने के लिये सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 अधिनियमित किया गया था। इसे देश में 15 जून, 2005 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति मिली थी और इसके बाद फिर वर्ष 2005 में ही 12 अक्टूबर को यह पूरे भारत में लागू कर दिया गया था। सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत ही केंद्रीय सूचना आयोग यानि की सीआईसी (CIC) को गठित किया गया था। जिसमे देश का प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को नियुक्त किया गया था, तथा वर्तमान समय सुधीर भार्गव अब तक के नौवें मुख्य सूचना आयुक्त हैं। यदि आप भी CIC का फुल फॉर्म क्या होता है, सीआईसी या मुख्य सूचना आयुक्त क्या है, यह जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो, यहां पर इसे विस्तृत बताया जा रहा है |
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सीआईसी (CIC) का फुल फॉर्म क्या होता है
सीआईसी (CIC) का फुल फॉर्म “Central Information Commission” होता है, जिसका उच्चारण ‘सेंट्रल इनफार्मेशन कमीशन’ होता है, इसे हिंदी में “मुख्य सूचना आयुक्त” कहा जाता है | इस संस्था का मुख्य उद्देश्य लोगों को सूचना प्रदान करना होता है, जिसके तहत देश के लोगों को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाती है | इसके अलावा किसी भी सरकारी कार्यों में रुकावट के निपटारे का भी कार्य इसी संस्था के द्वारा किया जाता है |
सीआईसी या मुख्य सूचना आयुक्त क्या है
सूचना अधिकार अधिनयम, 2005 के तहत केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को गठित 12.10.2005 में किया गया था। आयोग की अधिकारिता सभी केन्द्रीय लोक प्राधिकारियों को सौंपी गई है। आयोग को कुछ शक्तियां और कार्य प्रदान किये गए हैं, जिनका सूचना अधिकार अधिनियम की धाराओं, 18, 19, 20 और 25 में उल्लेख किया गया हैं।
इसके अंतर्गत होने वाले कार्यों में वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करना और साथ ही मुख्य रूप से सूचना आवेदन दाखिल करने में असमर्थता आदि तथ्यों पर आधारित शिकायत को देखना और फिर उसकी जाँच करना, सूचना देने हेतु द्वितीय अपील का न्यायनिर्णयन, तथा अभिलेखों के रख-रखाव के लिए निर्देश, स्वप्रेरणा से प्रकटन, आर.टी.आई. दाखिल करने की असमर्थता पर आने वाली शिकायतों को प्राप्त करना और जांच आदि, अर्थदण्ड का अधिरोपण और अनुश्रवन तथा प्रतिवेदन आदि से सम्बंधित हैं। आयोग के निर्णय अंतिम और बाध्यकारी माने जाते हैं।
केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन
आर.टी.आई. के अधिनियम, 2005 की धारा 12 के प्रावधानों के तहत केंद्रीय सरकार, केन्द्रीय सूचना आयोग के नाम से एक निकाय का गठन किया गया। इसके अलावा धारा-13 में सूचना आयुक्तों की पदावधि एवं सेवा शर्ते राखी गई है तथा धारा-14 के अंतर्गत उन्हें पद से हटाने संबंधी प्रावधान दिए गए हैं। इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त तथा अधिकतम 10 केंद्रीय सूचना आयुक्तों का प्रावधान बनाया गया है जिनकी नियुक्ति देश का राष्ट्रपति करता है | इसके अलावा इन नियुक्तियों में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी समिति की सहमति भी होती है, जिसमें लोकसभा सदस्य तथा मुख्य विपक्ष का नेता और प्रधानमंत्री के कैबिनेट मंत्री बतौर सदस्य होते हैं।
सीआईसी (CIC) की संरचना
देश के केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) में वर्तमान समय में सुधीर भार्गव इसके मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner) के पद पर आसीन है। वह 2015 से सूचना आयुक्त के पद पर कार्यरत है। इसके अलावा उनके साथ 4 अन्य सूचना आयुक्तों की भी नियुक्ति की गई हैं। जिससे अब आयोग में कुल सदस्यों की संख्या 7 हो गई हैं, अगर इसमें अधिकतम स्वीकृत सदस्यों की संख्या की बात की जाए तो इसमें संख्या 11 होती है। जिसके लिए शेष अन्य चार सदस्यों की नियुक्ति करने हेतु केंद्र सरकार पहले ही विज्ञापन जारी कर चुका हैं।
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सीआईसी (CIC) कार्यकाल और सेवा
मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पदों पर आसीन व्यक्ति का अधिकतम कार्यकाल पांच वर्ष तक का होता है, इसके साथ ही यदि वह 65 वर्ष की आयु कार्यकाल के पहले ही पूरी कर लेता है तो ऐसी स्थिति में पहले ही त्यागपत्र देने का प्रावधान है | इसके अतरिक्त उस व्यक्ति को इस पद पर दोबारा नहीं नियुक्त किया जा सकता है |
भारत के मुख्य सूचना आयुक्तों की सूची
मुख्य सूचना आयुक्त का नाम | नियुक्ति | कब तक |
वजाहत हबीबुल्लाह | 26 अक्टूबर 2005 | 19 सितम्बर 2010 |
ए.एन. तिवारी | 30 सितम्बर 2010 | 18 दिसम्बर 2010 |
सत्यानंद मिश्र | 18 दिसम्बर 2010 | 4 सितम्बर 2013 |
दीपक संधू | 5 सितम्बर 2013 | 18 दिसम्बर 2013 |
सुषमा सिंह | 19 दिसम्बर 2013 | 21 मई 2014 |
राजीव माथुर | 22 मई 2014 | 5 अक्टूबर 2015 |
विजय शर्मा | 6 अक्टूबर 2015 | 1 दिसम्बर 2015 |
राधा कृष्ण माथुर | 4 जनवरी 2016 | 24 नवम्बर 2018 |
सुधीर भार्गव | 1 जनवरी 2019 | वर्तमान |
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