प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) योजना से सम्बंधित जानकारी
वित्त मंत्री ने अपने पेश किये बजट में जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए कई योजनाओ को भी लागू करने की बात कही है | इसी तरह भारत सरकार ने एक प्रीपेड मीटर योजना लागू कर दी है | इस योजना की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा यूपी में 15 नवंबर से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाये जाने की तैयारी में लगे हुए थे , जिसके तहत उन्होंने कहा कि, “प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की शुभ आरम्भ सरकारी अफसरों और मंत्रियों के घरों से की जाएगी।” इसी के साथ कहा कि, “हम चाहते हैं कि राज्य की लोगों को सस्ती बिजली मिले।’ बिजली का बिल सब्मिट करने में सरकारी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों का रिकॉर्ड सही नहीं है।” प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना की शुरू होने से बिजली चोरी पर भी रोक लगाई जा सकेगी| श्रीकांत जी ने कहा कि, एक लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर के ऑर्डर दिये जा चुके हैं। इसलिए यदि आप प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) योजना क्या है, कैसे कार्य करता है, हिंदी में जानकारी प्रदान की जा रही है |
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प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) योजना
प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना एक ऐसी योजना है, जिससे बिजली में हो रही खपत पर रोक लगाई जा सके क्योंकि, बिजली विभाग के आकड़ों के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के सरकारी दफ्तर पर बिजली विभाग का 13,000 करोड़ रुपये अभी भी शेष है | इस बकाया रकम की पूर्ती करने के लिए बिजली विभाग ने किश्तों में भुगतान करने के लिए कह दिया था, लेकिन इसका कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ा और कुछ समय पश्चात् ही पहले पंद्रह करोड़ रुपए की बिजली चोरी पकड़ी गई थी, जिसके बाद से ही योजना की शुरुआत कर दी गई | इस योजना के तहत सबसे पहले सभी लोगों के घरों में 1 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। वहीं इस योजना के शुरू होने के बाद से पूरे प्रदेश में लगभग 7 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं और अब 2022 तक पूरे प्रदेश में सभी ग्राहकों के घरों में मीटर लगाया जाएगा |
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प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना का उद्देश्य
- प्रीपैड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली विभाग को तुरंत ही बिजली चोरी की जानकारी प्राप्त हो जाएगी | इसलिए इसका मुख्य उद्देश्य बिजली में की जा रही चोरी को रोकना है |
- प्रीपेड स्मार्ट मीटरों को लगाने के बाद लोगों को बिजली का उपयोग करने के लिए सबसे पहले उसे अपने जरूरत के मुताबिक़ रिचार्ज कराना होगा, जिसके बाद ही आप बिजली का उपयोग कर पाएंगे |
- इस मीटर के लगने के बाद आने वाले समय में बिजली की दरों में कमी लाई जा सकेगी, जिससे लोगों को सस्ती बिजली प्राप्त होने लगेगी |
- बिजली वितरण में भी की जाने वाली खपत के लिए यह प्रीपेड स्मार्ट मीटर बहुत अच्छा साबित होगा |
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- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि (MVVNL) के 12 शहर के नाम खनऊ, बरेली, फैजाबाद, शाहजहांपुर, बाराबंकी, रायबरेली, लखीमपुर, बहराइच, गोण्डा, सुल्तानपुर, हरदोई व उन्नाव में04 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे|
- पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि (PVVNL) के 10 शहर के नाम जहाँ पर मीटर लगाए जाएंगे | जैसे -वाराणसी , गोरखपुर, इलाहाबाद, मऊनाथ भंजन, फतेहपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, मुगलसराय एवं जौनपुर में47 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे|
- पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि के 15 शहर के नाम मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, हापुड़, लोनी, बुलन्दशहर, सिकन्दराबाद, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मोदीनगर, मुरादनगर, खुर्जा, अमरोहा, सम्भल व गजरौला में63 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे |
- केस्को कानपुर में57 लाख Prepaid Smart Bijli Meter लगने का प्रावधान तय किया गया है |
- दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 9 शहर- मथुरा, अलीगढ़, झांसी, मैनपुरी, फिरोजाबाद, वृन्दावन, इटावा, फर्रुखाबाद व उरई में 29 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे |
प्रीपेड स्मार्ट मीटर कैसे कार्य करता है
प्रीपेड स्मार्ट मीटर से प्रीपेड, पोस्ट पेड एवं सोलर बिजली की सप्लाई की बिलिंग की जा सकती है। यह एक तकनीकि के रूप में कार्य करता हैं, जिससे बिजली विभाग के अधिकारी बिजली चोरी होने के विषय में आसानी से मालूम कर सकते है |
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