एफपीओ (FPO) क्या है

एफपीओ से सम्बंधित जानकारी (About FPO) 

भारत में किसान धीरे-धीरे खेती करना छोड़ रहे हैं, जिससे किसानों की संख्या कम होती जा रही है। जिसका मुख्य कारण किसानों को उचित लाभ न मिलना है| खेती में किसानों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है| मार्च 2016 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कृषि-नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने की घोषणा की थी| इस घोषणा के अनुसार भारत की कृषि-नीति का मुख्य लक्ष्य 2022 तक अनाज का उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आमदनी दुगुनी करना है| मोदी सरकार इलैक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय मंडी (eNAM) स्थापित करने पर काम कर रही है, और इस योजना के अंतर्गत देश की एक-तिहाई विनियमित थोक मंडियों को सूचीबद्ध कर लिया गया है| इसे और अधिक संभव बनाने के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन की आवश्यकता है, ताकि एक हज़ार से भी अधिक किसान, मंडियों तक अपनी पहुँच बना सकें और बेहतर दाम प्राप्त कर सके| एफपीओ (FPO) क्या है? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|

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मार्च तक प्रदेश में 60 हजार एफपीओ बनेंगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें किसानों की आय दोगुनी करने हेतु मार्च तक प्रदेश में 60 हजार कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जानें की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हर विकास खंड से कम से कम एक एफपीओ को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार द्वारा इन संगठनों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएँगी। इन केंद्रों के माध्यम से कृषको के उपज की ब्रांडिंग भी होगी और उपज को बाजार मिलेगा। इससे किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित सम्मेलन में योगी ने कहा कि प्रदेश में 90 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमांत जोत वाले हैं। ऐसे में किसानों को संगठित कर उन्हें सुविधाओं के साथ उनके उत्पाद को बाजार मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए मौजूदा वित्त वर्ष में प्रदेश की सभी 60 हजार ग्राम पंचायतों में कम से कम एक एफपीओ गठित करने का लक्ष्य है। उन्होंने एफपीओ को पशुपालन, डेयरी और पोल्ट्री फॉर्मिंग से जोड़ने की बात कही।

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एफपीओ का फुल फॉर्म (FPO Full Form)

एफपीओ को हिंदी में किसान उत्पादक संगठन कहते है, तथा अंग्रेजी में इसे Farmer Producer Organization कहते है|

एफपीओ क्या है (FPO Kya Hai)

किसान उत्पादक संगठन, असल में यह किसानों का एक समहू होता है, जो वास्तव में कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि व्यावसायिक गतिविधियां चलाने में एक जैसी धारणा रखते हों, एक गांव या फिर कई गांवों के किसान मिलकर भी यह समूह बना सकते हैं। यह समूह बनाकर संगत कंपनी अधिनियम के तहत एक किसान उत्पादक कंपनी के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से जहां किसान को अपनी पैदावार के सही दाम मिलते हैं, वहीं खरीदार को भी उचित कीमत पर वस्तु मिलती है। वहीं यदि अकेला उत्पादक अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, उत्पाद की बर्बादी कम होती है, अलग-अलग लोगों के अनुभवों का फायदा मिलता है।

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एफपीओ से किसान को लाभ (Benefit From FPO)

  • यह एक सशक्तिशील संगठन होने के कारण एफपीओ के सदस्य के रूप में किसनों को बेहतर सौदेबाजी करने की शक्ति देगी जिसे उन्हें जिंशो को प्रतिस्पर्धा मूल्यों पर खरीदने या बेचने का उचित लाभ मिल सकेगा।
  • बेहतर विपणन सुअवसरों के लिए कृषि उत्पादों का एकत्रीकरण। बहुलता में व्यापार करने से प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन इत्यादि मदों में होने वाले संयूक्त खर्चों से किसानों को बचत।
  • एफपीओ मूल्य संवर्धन के लिए छंटाई/ग्रेडिंग, पैकिंग, प्राथमिक प्रसंस्करण इत्यादि जैसे गतिविधियाँ शुरू कर सकता है जिससे किसनों के उत्पादन को उच्चतर मूल्य मिल सकता है।
  • एफपीओ के गठन से ग्रीन हाउस, कृषि मशीनीकरण, शीत भण्डारण, कृषि प्रसंस्करण इत्यादि जैसे कटाई पूर्व और कटाई पश्चात संसाधनों के उपयोग में सुविधा।
  • एफपीओ आदान भंडारों, कस्टम केन्द्रों इत्यादि को शुरू कर अपनी व्यवसायिक गतिविधियों को विस्तारित कर सकते हैं। जिससे इसके सदस्य किसान आदानों और सेवाओं का उपयोग रियायती दरों पर ले सकते हैं।

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किसान उत्पादक संगठन के उद्देश्य (Objectives Of FPO)

  • यह लघु स्तर के उत्पादकों विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों के समूहीकरण के उद्देश्य से बनाया गया ताकि किसानों के हितों का संरक्षण किया जा सके।
  • किसानों को बीज, उर्वरक, मशीनों की आपूर्ति, मार्केट लिंकेजेज के संदर्भ में परामर्श एवं तकनीकी सहायता देना।
  • किसानों को प्रशिक्षण, नेटवर्किंग, वित्तीय एवं तकनीकी परामर्श देना।
  • किसानों को ऋण की उपलब्धता एवं बाछाार तक पहुँच सुनिश्चित करने के संदर्भ में उन चुनौतियों के समाधान का प्रयास करना जिनका सामना छोटे और सीमांत किसान करते हैं।

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एफपीओ में आवेदन करने के लिए संपर्क सूत्र (Contact)

आमतौर पर कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्यों में कार्यान्वित विभिन्न केन्द्रीय क्षेत्र योजनाओं के अंतर्गत एफपीओ को प्रोत्साहित किया जाता है। एफपीओ गठित करने के इच्छुक किसानों को विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित विभाग/ लघु कृषक कृषि व्यवसाय संगठन के निदेशक (ई- मेल: sfac@nic.in)  से संपर्क कर सकते हैं।

पंजीकरण कैसे करे (Registration)

  • पंजीकरण के लिए सबसे पहले http://www.upagriculture.com पर जाएँ और पंजीकरण लिंक पर क्लिक करे

  • एक नया पेज खुलेगा जिसमें आपको ऑनलाइन पंजीकरण लिंक पर क्लिक करे

  • अब आपके सामनें एक फार्म खुलेगा, जिसमें मांगी गयी सभी जानकारी अंकित करे 
  • सभी डिटेल्स भरनें के बाद सबमिट पर क्लिक करे 
  • इस प्रकार आपका पंजीकरण हो जायेगा | यदि आप अपनी रिपोर्ट देखना चाहते है तो पंजीकरण रिपोर्ट लिंक पे क्लिक कर सकते है|   

यहाँ पर हमनें एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) Farmer Producer Organization के विषय में बताया | यदि इस जानकारी से सम्बंधित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है | अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |

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