केमिकल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाये

केमिकल इंजीनियर कैसे बनें (Chemical Engineer) 

केमिकल इंजीनियरिंग करियर के दृष्टिकोण से एक बेहतर क्षेत्र है। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है। केमिकल पदार्थों की बढ़ती मात्रा एवं भागीदारी के चलते इसमें रोजगार की संभावना तेजी से बढ़ रही है। केमिकल इंजीनियर्स विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे-प्लास्टिक, पेंट्स, फ्यूल्स, फाइबर्स, मेडिसिन, फर्टिलाइजर्स, सेमीकंडक्टर्स, पेपर में कार्य करने के अलावा, पर्यावरण सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाते हैं। समय के साथ-साथ छात्रों के समक्ष करियर के अनेको नए विकल्प खुल गए हैं, लेकिन आज भी छात्रों के लिए इंजीनियरिंग फील्ड पसंदीदा करियर ऑप्शन बना हुआ है। केमिकल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाये ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है|

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केमिकल इंजीनियरिंग क्या है (Chemical Engineering Kya Hai)

केमिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत छात्रों को रसायनों तथा रासायनिक उत्पादों के बारे में रिसर्च से लेकर उत्पादन बनाने के कार्यों को सिखाया जाता है। केमिकल इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें  रॉ मेटीरियल्स को उपयोगी प्रोडक्ट्स में परिवर्तित करनें के लिए केमिकल का प्रयोग करना होता है| यह फील्ड बायोटेक्नोलॉजी, नैनो टेक्नोलॉजी, मिनरल प्रोसेसिंग, सिंथेटिक फाइबर्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्लांट्स आदि जैसी विभिन्न फ़ील्ड्स से केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग की नॉलेज को कंबाइन करती है|

केमिकल इंजीनियरिंग हेतु योग्यता (Eligibility)

1.डिप्लोमा कोर्सेज (Diploma Courses)

डिप्लोमा कोर्सेज करनें के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। छात्र को 12वीं की कक्षा में साइंस, मैथमेटिक्स, इंग्लिश आदि जैसे मुख्य विषय से पास होना आवश्यक है|

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2.अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज (Undergraduate Courses)

अभ्यर्थी को अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज में प्रवेश के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स आदि मुख्य विषयों से पास होना अनिवार्य है। इसके लिए अभ्यर्थी को स्टेट, सेंट्रल और गैर सरकारी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न प्रकार की प्रवेश परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है।

3.पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज (Postgraduate Courses) 

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री होना अनिवार्य है।

4.डॉक्टोरल कोर्सेज (Doctoral Courses) 

डॉक्टोरल कोर्सेज में एडमीशन के लिए छात्र के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री अर्थात केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक (M.Tech) की डिग्री होनी आवश्यक है।

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कोर्स एवं समय अवधि (Course & Time Duration)

  • डिप्लोमा कोर्सेज- डिप्लोमा कोर्सेज के अंतर्गत छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा की डिग्री मिलती है। इस कोर्स की समय अवधि 3 वर्ष है।
  • अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज- अंडर ग्रैजुएट कोर्स के अंतर्गत छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री मिलती है, तथा इस कोर्स की समय अवधि 4 वर्ष है।
  • पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज- इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री प्राप्त होती है। इस कोर्स की समय अवधि 2 वर्ष है।
  • डॉक्टोरल कोर्सेज- इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टोरल डिग्री या पीएचडी की डिग्री प्राप्त होती है, तथा यह रिसर्च पर आधारित कोर्स है।

केमिकल इंजीनियरिंग हेतु प्रवेश परीक्षा (Entrane Exam)

केमिकल इंजीनियरिंग में विभिन्न विषयों में प्रवेश के लिए राज्य, राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। केमिकल इंजीनियरिंग में एडमीशन के लिए प्रवेश परीक्षाए इस प्रकार है –

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अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए (Under Graduate Course)

  • ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE Mai)
  • ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE Advanced)
  • वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (VITEEE)
  • दी महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (MHTCET)
  • उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम (UPSEE)
  • बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट (BITST)

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए (Post Graduate Course)

  • वीआईटी यूनिवर्सिटी मास्टर एंट्रेंस एग्जाम (VITMEEE)
  • ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट)
  • बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस हायर डिग्री एग्जाम (BITS H)

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केमिकल इंजीनियरिंग के मुख्य विषय (Main Subjects)

केमिकल इंजीनियरिंग में शामिल किए गए छात्रों के लिए कुछ मुख्य विषय इस प्रकार हैं-

  • फ़र्टिलाइज़र टेक्नोलॉजी (Fertilizer Technology)
  • केमिकल प्रोसेस इंडस्ट्रीज (Chemical Process Industries)
  • केमिकल रिएक्शन इंजीनियरिंग (Chemical Reaction Engineering)
  • इंस्ट्रुमेंटेशन एंड प्रोसेस कंट्रोल (Instrumentation and Process Control)
  • एयर पोल्यूशन कंट्रोल इंजीनियरिंग (Air Pollution Control Engineering)
  • इंट्रोडक्शन ऑफ़ न्यूमेरिकल एनालिसिस (Introduction to numerical analysis)
  • फंडामेंटल्स ऑफ़ हीट एंड मास ट्रांसफर (Fundamentals of Heat and Mass Transfer)
  • इंट्रोडक्शन ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट (Introduction of electrical and electronics circuits)
  • केमिकल इंजीनियरिंग इकोनॉमिक्स एंड प्लांट डिजाइन (Chemical Engineering Economics and Plant Design)
  • एनवायर्नमेंटल पोल्यूशन कंट्रोल एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (Environmental Pollution Control and Safety Management)

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केमिकल इंजीनियरिंग के लिये टॉप 10 शिक्षण संस्थान  

भारत में इंजीनियरिंग कोर्सेज करने के लिए सबसे बेहतर संस्थान ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीज़’ अर्थात आईआईटी माने जाते हैं| एनआईआरएफ रैंकिंग वर्ष 2018 के अनुसार, भारत में यूजीसी से मान्यताप्राप्त टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज इस प्रकार हैं-

  • अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मद्रास
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपुर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रुड़की, रुड़की
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी,हैदराबाद
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़गपुर, खड़गपुर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी, गुवाहाटी

रोजगार के अवसर (Job Opportunities)

केमिकल इंजीनियर्स को इंजीनियरिंग और केमिस्ट्री के क्षेत्रों में अधिक जानकारी रखने के लिए उन्हें ‘यूनिवर्सल इंजीनियर्स’ कहा जाता है| उनका कार्य मुख्य रूप से नेचुरल और वेस्ट मेटीरियल्स को उपयोगी और कम हानिकारक केमिकल प्रोडक्ट्स में परिवर्तित करना है| यह लोग विभिन्न इंडस्ट्रीज में कार्य कर सकते हैं, जो इस प्रकार है-

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सरकारी कंपनियां (Govt Company )

  • गेल लिमिटेड
  • एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड
  • इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल)
  • हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)

प्राइवेट कंपनियां (Private Company)

  • फिजर इंक
  • निरमा
  • पिरामल हेल्थकेयर लिमिटेड
  • रनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड

कैमिकल इंजीनियरिंग में पद (Post)

  • प्रोजेक्ट मैनेजर
  • प्रोजेक्ट इंजीनियर
  • केमिकल इंजीनियर
  • सुपरवाइजर या मैनेजर
  • टेक्निकल स्पेशलिस्ट
  • केमिकल डेवलपमेंट इंजीनियर
  • क्वालिटी कंट्रोलर लेबोरेटरी असिस्टेंट

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केमिकल इंजीनियर सैलरी (Salary)

केमिकल इंजीनियर को शुरुआत में 15,000 से 25,000 प्रतिमाह आसानी से मिल जाता हैं, तथा अनुभव बढ़नें के अनुसार वेतन में बढ़ोतरी होती रहती है, जो लगभग 50,000 प्रति माह तक हो सकती है। गैर सरकारी क्षेत्रों में भी योग्यता और अनुभव के अनुसार अच्छा वेतन प्राप्त होता है।

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