आपका फोन टेप तो नहीं हो रहा ? यहां से जान सकते हैं

आपका फोन टेप तो नहीं हो रहा ?  कैसे मिल सकती है मदद   

अगर आपको ये लगता है, कि आपका फोन सर्विलांस मतलब कि कोई आपकी बात सुन रहा है, तो इसमें आपको घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं । इसके लिए आप सूचना के अधिकार (RTI) ऐक्ट के तहत टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) जो कि टेलिकॉम सेक्टर की रेग्युलेटरी अथॉरिटी है, इस संस्था से आप इसकी जानकारी मांग सकते है । आइये, आगे जानते है इसके बारें में और अधिक |

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अभी हाल ही में इस बात का ध्यान रखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में बताया है कि ट्राई  को जो भी  व्यक्ति सूचना के अधिकार (RTI) ऐक्ट के अंतर्गत आवेदन करता है, तो ट्राई को उसके फोन के सर्विलांस या ट्रैकिंग की जानकारी देनी होगी, क्योंकि टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर से ऐसी जानकारी लेना उसके अधिकार के अंर्तगत आता है ।

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश ने अपनेएक आदेश में कहा है, कि सेक्शन 2 (एफ) की परिभाषा के मुताबिक किसी प्राइवेट बॉडी से सूचना हासिल करने के अधिकार के अंतर्गत पब्लिक अथॉरिटी के पास आरटीआई ऐक्ट के तहत अधिकार प्राप्त है, जिसका उल्लंघन प्राइवेट बॉडी नहीं कर सकती | उन्होंने आदेश में कहा, कि इस प्रकार के मामलों में पब्लिक अथॉरिटी की जवाबदेही बनती है, कि वह प्राइवेट बॉडी से सूचना लेकर आवेदक को अवगत करे ।

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वकील कबीर शंकर बोस की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है । जस्टिस सुरेश के द्वारा ट्राई के उस दावे को खारिज कर दिया कि उसके पास प्राइवेट बॉडी जैसे इस मामले में वोडाफोन इंडिया से सूचना हासिल करने की कोई शक्ति नहीं है ।

वोडाफोन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वह आरटीआई ऐक्ट मेंजो परिभाषा दी गई है उसके अंतर्गत वह कोई पब्लिक अथॉरिटी नहीं बल्कि एकप्राइवेट ऑर्गनाइजेशन है। ट्राई ने भी अपना पक्ष रखते हुए बताया कि बोस ने जो भी सूचना मांगी हैं, वह उसके रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं हैं । ट्राई ने ये तर्क दियाकि सूचना के अधिकार (RTI) ऐक्ट ट्राई पर ऐसी किसी भी अनुपलब्ध सूचना को एकत्र करके आवेदक को देने की बाध्यता नहीं देता ।

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