लोकपाल और लोकायुक्त क्या होता है नियुक्ति कौन करता है ?

लोकपाल और लोकायुक्त किसे कहते है ?

केंद्र सरकार के लिए लोकपाल और राज्य सरकार के लिए लोकायुक्त संस्था का निर्माण किया गया है | सरकारी कर्मचारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं पद के दुरूपयोग सम्बन्धी शिकायतों पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से जाँच एवं अन्वेषण करने का कार्य लोकपाल और लोकायुक्त का है, यह संस्थाए स्वतंत्र है,  लोकपाल का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण भारत और लोकायुक्त का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण राज्य होता है | 1 जनवरी 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नें लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक-2013 पर हस्ताक्षर किया, इसी के साथ ही यह विधेयक अधिनियम बन गया,  इस पेज पर लोकपाल और लोकायुक्त के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है |

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लोकपाल का कार्य

1.सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध पद का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना |

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2.नागरिकों की शिकायतों पर जांच करना |

3.सरकारी संस्थाओं में पाए जाने वाले किसी भी प्रकार की रिश्वत लेने अथवा नियम के विरुद्ध कार्य करने पर जाँच की जा सकती है |

लोकपाल चयन समिति

1.प्रधानमंत्री- अध्यक्ष |

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2.लोकसभा के अध्यक्ष- सदस्य |

3.लोकसभा में विपक्ष के नेता- सदस्य |

4.मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुशंसा पर नामित सर्वोच्च न्यायलय के एक जज- सदस्य |

5.राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति- सदस्य |

लोकपाल की नियुक्ति करते समय यदि कोई पद रिक्त रहता है, तो लोकपाल की नियुक्ति अवैध नहीं मानी जाएगी |

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लोकपाल का संगठन और योग्यता

1.इस संगठन में एक अध्यक्ष होगा, जो सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या रिटायर जज या फिर कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति हो सकते है |

2.लोकपाल में अधिकतम आठ सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से आधे न्यायिक पृष्ठभूमि से सम्बंधित होने चाहिए |

3.इसमें आधे सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यकों और महिलाओं में से होने चाहिए |

लोकपाल के लिए अयोग्य

1.लोकसभा, राज्य सभा, विधानसभा विधानपरिषद का सदस्य |

2.किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार में संलिप्त व्यक्ति |

3.किसी पंचायत या निगम का सदस्य |

4.वह व्यक्ति जिसे राज्य या केंद्र सरकार की नौकरी से बर्ख़ास्त किया गया हो |

5. 45 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति |

लोकपाल का अधिकार क्षेत्र

लोकपाल अनुचित शासन, अनुचित लाभ पहुंचाने या भ्रष्टाचार से संबंधित किसी मंत्री या केंद्र या राज्य सरकार के सचिव के द्वारा की गई कार्यवाही से पीड़ित व्यक्ति द्वारा लिखित शिकायत करने पर अथवा स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच प्रक्रिया आरंभ कर सकता है, परन्तु न्यायिक कोर्ट के निर्णय के सम्बन्ध में किसी प्रकार की जांच नहीं की जा सकती |

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लोकपाल के अधिकार

1.लोकपाल के पास केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारियों की सेवा का प्रयोग करने का अधिकार होता है |

2.कुछ विषयों में लोकपाल के पास दीवानी के अधिकार भी प्रदान किये गए |

3.संपत्ति को अस्थाई रूप से नत्थी (अटैच) करने का अधिकार |

4.भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त की गयी संपति, आय, प्राप्तियों या फ़ायदों को ज़ब्त करने का अधिकार |

लोकायुक्त का संगठन और योग्यता

1.लोकायुक्त में एक अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा, जो राज्य के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या फिर हाईकोर्ट के रिटायर जज या फिर कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति हो सकता है |

2.लोकायुक्त में अधिकतम आठ सदस्यों का प्रावधान किया गया है, इनमे से आधे न्यायिक क्षेत्र से सम्बंधित होने चाहिए |

3.इन सदस्यों में आधे सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यकों और महिलाओं से भरे जाने चाहिए |

लोकायुक्त चयन समिति

1.मुख्यमंत्री- अध्यक्ष |

2.विधानसभा अध्यक्ष- सदस्य |

3.विधानसभा में विपक्ष के नेता- सदस्य |

4.हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके अनुसार चयनित व्यक्ति अथवा सदस्य |

5.राज्यपाल द्वारा निर्धारित किया गया  कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति- सदस्य |

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लोकायुक्त के अधिकार

भ्रष्टाचार से सम्बंधित किसी भी मामले की जाँच करने का अधिकार लोकायुक्त के पास रहता है, इनमे से प्रमुख इस प्रकार है –

1.वह मामला  जिसमें वर्तमान मुख्यमंत्री या  पूर्व मुख्यमंत्री सम्मिलित हो |

2.भ्रष्टाचार से सम्बंधित ऐसी घटना जिसमें राज्य सरकार का वर्तमान या पूर्व मंत्री  सम्मिलित हो |

3.भ्रष्टाचार से सम्बंधित ऐसी घटना जिसमें राज्य विधानसभा का कोई सदस्य सम्मिलित हो |

4.वह मामला जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी या कर्मचारी सम्मिलित हो |

5.ऐसे सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों की जाँच करने का अधिकार प्राप्त है, जिन संस्थाओं का गठन  संसद या राज्य सरकार के क़ानून के माध्यम से किया गया हो या राज्य सरकार द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से नियंत्रित या वित्तपोषित हो |

लोकपाल और लोकायुक्त का वेतन 

लोकपाल और लोकायुक्त के अध्यक्ष का वेतन एवं भत्ते सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समकक्ष होता है, तथा अन्य सदस्यों के वेतनमान एवं सेवा शर्ते सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होता है |

लोकपाल और लोकायुक्त का कार्यालय

लोकपाल का कार्यालय नयी दिल्ली में स्थापित किया गया है, लोकायुक्त का कार्यालय राज्य की राजधानी में स्थापित किया जाता है |

यहाँ पर हमनें आपको  लोकपाल और लोकायुक्त के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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