Atom Bomb (परमाणु बम) क्या है?

परमाणु बम (Atom Bomb) के विषय में जानकारी

विज्ञान ने एक तरफ तो मानव जीवन को सरल बनाया है और दूसरी तरफ सम्पूर्ण मानव जाति को एक बम विस्फोट पर लाकर खड़ा कर दिया है, इस विस्फोट के होने के बाद मानव जाति का अस्तित्व समाप्त हो सकता है | किसी भी वस्तु का आधार परमाणु होता है | परमाणु बम नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया के फल स्वरूप कार्य करता है, जिसमें अत्यधिक ऊष्मा की  उत्पत्ति होती है | आज के समय प्रत्येक देश परमाणु बम को एकत्रित करने में लगा हुआ है और नए- नए विध्वंशक परमाणु बम का निर्माण कर रहा है | इसका प्रयोग वह दुश्मन देश पर करना चाहता है | इस पेज पर Atom Bomb (परमाणु बम) क्या है और यह किस प्रकार कार्य करता है तथा रासायनिक अभिक्रिया के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है |

ये भी पढ़ें: भारत और पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम है

ADVERTISEMENT विज्ञापन

ये भी पढ़े: भारत के प्रमुख शोध-संस्थान (India’s Major Research Institute)

ADVERTISEMENT विज्ञापन

परमाणु बम (Atom Bomb)  क्या है ?

परमाणु बम को समझने के लिए पहले परमाणु के निर्माण को समझना होगा | एक परमाणु का निर्माण इलेक्ट्रान , प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्वारा होता है | प्रोटोन और न्यूट्रॉन एक दूसरे से जुड़े हुए होते है | यह  नाभिकीय बंधन ऊर्जा के द्वारा एक- दूसरे से जुड़े रहते है | प्रोटॉन का आवेश धनात्मक (+) होता है |  न्यूट्रॉन की खोज जेम्स चैडविक ने 1931 में की थी | न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है | इलेक्ट्रॉन का आवेश 1.60217662 × 10-19 कूलम्ब ऋणात्मक (-) होता है |

ये भी पढ़े: सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खासियत

परमाणु बल (Force)

प्रोट्रॉन और न्यूट्रॉन परमाणु के केंद्र में पाए जाते है, जिन्हें नाभिक कहा जाता है तथा इलेक्ट्रॉन परमाणु की कक्षा में चक्कर लगाता रहता है | धनावेश और धनावेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है और वह एक दूसरे से दूर जाने का प्रयास करते है | ऋणावेश और धनावेश एक- दूसरे को आकर्षित करते है और वह दोनों एक- दूसरे के पास आने का प्रयास करते है | इलेक्ट्रॉन ऋणावेश होने के कारण प्रोट्रॉन को अपनी तरफ आकर्षित करता है, इस बल को इलेक्ट्रा स्टेटिक बल कहा जाता है | नाभिक, न्यूट्रॉन और प्रोट्रॉन को बांधें रखना चाहता है, इस प्रकार लगने वाले बल को नाभिकीय बल कहते है |

ADVERTISEMENT विज्ञापन

परमाणु बम कैसे बनता है ?

परमाणु बम बनाने के लिए एक रेडियों एक्टिव तत्व की आवश्यकता होती है, यह तत्व यूरेनियम होता है, वर्तमान समय में यूरेनियम, थोरियम, प्लूटोनियम तत्वों का प्रयोग किया जाता है | यूरेनियम में भी दो प्रकार होते है U 235 और U 238 | यहाँ पर 235 और 238 यूरेनियम का द्रव्यमान है, इनका परमाणु क्रमांक 92 होता है |

वह परमाणु जिनका द्रव्यमान अलग- अलग होता है और परमाणु क्रमांक बराबर होता है, उन्हें समस्थानिक परमाणु कहा जाता है | अधिकांश परमाणु बम बनाने में U 235 का ही प्रयोग किया जाता है | नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया करने के लिए उस पर न्यूट्रानों की बारिश कराई जाती है | यह न्यूट्रॉन परमाणु को तोड़ने लगते है, इस प्रकार से बहुत ही अधिक मात्रा में ऊर्जा और रेडियों एक्टिव किरणें निकलती है, जोकि मानव जीवन के लिए बहुत ही हानिकारक होती है |

परमाणु के प्रकार (Types of Atoms)

पृथ्वी पर प्रकृति ने दो प्रकार के परमाणुओं की रचना की है, जिन्हें स्थायी परमाणु और अस्थायी परमाणु कहा जाता है |

स्थायी परमाणु (Permanent Atom)

जिन परमाणु में न्युट्रानों की संख्या प्रोट्रानों की संख्या के बराबर होती है, उनमें नाभिकीय ऊर्जा, इलेक्ट्रा स्टेटिक ऊर्जा से अधिक पायी जाती है, इसमें न्यूट्रॉन और प्रोट्रॉन आपस में बंधे ही रहते है |

अस्थायी परमाणु (Temporary Atom)

जिन परमाणु में न्युट्रानों की संख्या प्रोट्रानों की संख्या से अधिक पायी जाती है, उनमें इलेक्ट्रा स्टेटिक ऊर्जा अधिक पायी जाती है, जो परमाणुओं को तोड़ने का कार्य करती है, इन्हें अस्थायी परमाणु कहा जाता है | जब अस्थायी परमाणु दो या दो से अधिक संख्या में टूट जाते है, इसके साथ ही वह बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करते है | इसी ऊर्जा का प्रयोग परमाणु बम में किया जाता है |

ये भी पढ़ें: भारत के पास कितनी मिसाइल (Missile) है ?

नाभिकीय विखंडन (Nuclear fission)

परमाणु का छोटे- छोटे टुकड़ों में टूटने की प्रक्रिया को ही नाभिकीय विखंडन कहा जाता है | इस प्रक्रिया में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है और रेडियों एक्टिव किरणें निकलती है | इन्हीं के द्वारा परमाणु बम को बहुत ही विध्वंशक बनाया जाता है |

ये भी पढ़ें: भारत के पास कितनी पनडुब्बी (Submarine) है ?

रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction)

92U235 + 0n1) के द्रव्यमान = 234.99 amu + 1.01 amu = 236.00 amu.

(56Ba144 + 36Kr89 + 3 0n1) के द्रव्यमान = 143.87 amu + 88.90 amu + 3 x 1.01 amu = 235.80 amu

अतः द्रव्यमान क्षति m = 236.00 – 235.80 = 0.20 amu

आइंस्टीन द्वारा दिए गए द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण के अनुसार, 1 amu द्रव्यमान के बराबर 931 MeV उर्जा होती है | इसलिए द्रव्यमान क्षति ऊर्जा इस प्रकार है-

           E = 0.20 amu x 931 MeV/amu =190 MeV

अत: हम कह सकते है, कि यूरेनियम U235 के एक नाभिक के विखंडन से लगभग 190 MeV (मिलियन इलेक्ट्रान – वोल्ट) ऊर्जा निकलती है |

ये भी पढ़ें: भारत के पड़ोसी देश और उनकी राजधानी, मुद्रा

यहाँ पर हमनें Atom Bomb (परमाणु बम) क्या है और यह किस प्रकार कार्य करता है तथा रासायनिक अभिक्रिया के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

ये भी पढ़ें: क्या है भारत चीन सीमा विवाद ?

ये भी पढ़ें: भारत का नक्शा किसने बनाया

ये भी पढ़ें: जेनेवा संधि (Geneva Convention) क्या है ?

ये भी पढ़ें: जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) कौन है पूरी जानकारी