न्याय मित्र कैसे बने
भारत सरकार ने देश में मुकदमों की बढ़ती हुई संख्या को कम करने का निर्णय लिया है, इसके लिए सरकार ने न्याय मित्र योजना का शुभारम्भ किया है | इस योजना से देश के 10 वर्ष पुराने मुकदमों का निर्णय शीघ्रता से किया जायेगा | न्याय मित्र में पूर्व न्यायिक अधिकारी का चुनाव किया जाता है | इस योजना के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति को जल्दी न्याय प्रदान करने का प्रयास किया जायेगा | यह योजना देश के 227 जिलों में प्रारम्भ की गयी है | न्याय मित्र क्या है कैसे बनें ? इसके विषय में आपको यहाँ विस्तार से बताया जा रहा है |
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न्याय मित्र क्या है ?
10 वर्षो से पुराने मुकदमों को जल्दी निर्णय प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने सेवानिवृत न्यायायिक अधिकारी या एग्जीक्यूटिव अधिकारी के माध्यम से निर्णय प्रदान करने की योजना का निर्माण किया है, योजना में निर्णय देने वाले व्यक्ति को न्याय मित्र कहा जाता है
न्याय मित्र योजना
यह योजना भारत सरकार के विधि मंत्रालय की ओर से लांच की गयी है | इस योजना के द्वारा न्यायपालिका के भार को कम करने का प्रयास किया गया है, न्याय मित्र योजना देश के 227 जिलों में शुरू की गयी है, इस योजना के अंतर्गत 10 वर्ष पुराने लंबित मुक़दमों पर सुनवाई की जाएगी | इस योजना से मुकदमों की संख्या कम होगी और व्यक्ति को जल्दी न्याय मिलने से उसका विश्वास न्यायिक प्रक्रिया पर बना रहेगा, जो किसी भी देश के लिए अतिआवश्यक है |
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न्याय मित्र योग्यता
इस योजना में पूर्व जज व न्यायिक पृष्ठभूमि से सेवानिवृत अधिकारी या विधिक अनुभव वाले एग्जीक्यूटिव अधिकारी को सम्मिलित किया गया है | इससे मुकदमों के निर्णय की गुणवत्ता बनी रहेगी |
न्याय मित्र का कार्य
न्याय मित्र के रूप में पूर्व न्यायिक अधिकारी को व्यक्ति के लंबित मुकदमों में की गयी पैरवी को ध्यान पूर्वक सुनकर उस पर सही निर्णय देना होता है | निर्णय में किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया जाना चाहिए, क्योकि आपके एक निर्णय से किसी व्यक्ति की दस वर्षों की मेहनत पर प्रभाव पड़ता है |
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न्याय मित्र वेतन
सरकार ने न्याय मित्र के लिए प्रतिमाह सात हजार रुपये मानदेय निर्धारित किया है | सरकार के द्वारा समय- समय पर मानदेय में वृद्धि की जाती है |
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न्याय मित्र योजना के मुख्य अंश
- इस योजना को केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर ने 20 अप्रैल 2017 को प्रारंभ किया था | इस योजना का मुख्य उद्देश्य लंबित मुकदमों पर जल्द ही निर्णय प्रदान करना है
- न्याय मित्र योजना के अंतर्गत 10 वर्ष या 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित मुकदमों को स्थान प्रदान किया गया है
- न्याय मित्र योजना में सेवानिवृत अधिकारी या विधिक अनुभव वाले एग्जीक्यूटिव अधिकारी को न्याय मित्र का पद प्रदान किया गया है
- न्याय मित्र मुकदमों की सुनवाई कॉमन सर्विस सेंटर में स्थित जिला सुविधा केंद्र पर की जाएगी
- वर्तमान समय में विधि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में 2.4 करोड़ मुकदमे लंबित है | इन मुकदमों में 10 प्रतिशत मुकदमें 10 वर्ष पुराने है
- यह योजना उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान,पश्चिम बंगाल, गुजरात के 200 जिलों और पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू कश्मीर के 27 जिलों, कुल देश के 227 जिलों में यह योजना प्रारम्भ की गयी है
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यहाँ पर हमनें आपको न्याय मित्र योजना के विषय में बताया, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
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