Bullet Train (बुलेट ट्रेन) क्या है?

बुलेट ट्रेन से सम्बंधित जानकारी (Information About Bullet Train)

भारत में विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार बुलेट ट्रेन चलाने की परियोजना पर कार्य कर रही है| यह जापान के सहयोग से पूरा किया जा रहा है, भारत में बुलेट ट्रेन चलने से लम्बी दूरी को बहुत ही कम समय में पूरा किया जा सकता है | इस ट्रेन के चलने से भारत भी चुनिंदा देशों की लिस्ट में आ जायेगा जिनके पास बुलेट ट्रेन का लम्बा नेटवर्क होगा | इससे भारत के एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने में लोगों को अधिक परेशान नहीं होगी और कम समय लगने के कारण अधिक लोग यात्रा करना पसंद करेंगे | इस पेज पर Bullet Train (बुलेट ट्रेन) क्या है, बुलेट ट्रेन से लाभ, स्पीड, तकनीक आदि के विषय में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है |

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बुलेट ट्रेन क्या है (Bullet Train Kya Hai)

सबसे पहले जापान में वर्ष 1930 में हाई स्‍पीड ट्रेन चलाने का विचार किया गया| इसके बाद इस योजना पर जापान ने लगातार कार्य किया, जिसके बाद पहली ट्रेन 1964 में बनकर तैयार हुई| यह देखने में बंदूक की गोली जैसी दिखाई देती थी| जिस कारण इस ट्रेन को बुलेट ट्रेन कहा जाने लगा| जापान में बुलेट ट्रेन नेटवर्क को शिनकाशेन के नाम से जाना जाता है, इसमें शिन का अर्थ नई है और काशेन का अर्थ मेन लाइन है | भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है |

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बुलेट ट्रेन से लाभ (Benefit Of Bullet Train)

  • बुलेट ट्रेन से जापान की टेक्नोलॉजी को भारत लाया जायेगा इससे भारत की तकनीक मजबूत होगी
  • बुलेट ट्रेन के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान का सफर बहुत ही कम समय में पूरा किया जा सकता है
  • बुलेट ट्रेन के द्वारा भविष्य के यातायात का आधार तैयार किया जायेगा
  • इससे आयत- निर्यात में होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है
  • भारत में रोजगार में बढ़ोत्तरी, इससे कई लोग रोजगार पाकर अपना जीवन- यापन अच्छी तरह से कर सकते है

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स्पीड (Speed)

जापान के मुताबिक भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को अधिकतम 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है |

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तकनीक (Technic)

वर्ष 1938 में पहली बार यूरोप की बुलेट ट्रेन में ‘इटीआर 200’ तकनीक का प्रयोग किया गया था| इसी समय द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने के बाद इस पर अधिक विकास नहीं किया जा सका| इस तकनीक से 200 किमी प्रति घंटा की स्पीड से बुलेट ट्रेन को चलाया जा सकता है|

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान ने 1957 में ‘रोमांसेकर 3000 एसएसइ’ नाम की तकनीक को विकसित किया| इसके बाद जापान ने 1964 में ‘शिनकानसेन’ तकनीक का विकास किया| भारत में इसी तकनीक का ट्रांसफर जापान द्वारा किया जायेगा|

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यहाँ पर हमनें आपको Bullet Train (बुलेट ट्रेन) के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी| यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है|

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